लिनक्स का स्ट्रक्चर

लिनक्स का स्ट्रक्चर (Structure of Linux)

Linux के स्ट्रक्चर को निम्न चित्र द्धारा समझा सकते है –

GNU Compiler collection (GCC)
GNU Bin-utilities
Linux Application
Linux kernel GNU RUN-TIME

Environment

Generic drivers HW Dependent drivers

उपर्युक्त चित्र में Linux के प्रमुख अंग दर्शाए गए है जिनसे मिलकर यह ऑपरेटिंग सिस्टम निर्मित हुआ है Linux के उपरोक्त अंगो को यहाँ हम संक्षेप में जानने का प्रयास करेगे –

जी.एन.यु. कम्पाईलर संग्रह :-

जिस प्रकार हम विंडोज वातावरण में उच्च प्रोग्रामिंग भाषाओ (high level programming language) जैसे- C,C++ आदि में प्रोग्राम बनाकर उन्हें compile करते है तथा run करते है, उसी तरह Linux वतावरण में भी ‘C’ language का उपयोग कर प्रोग्राम बना सकते है लेकिन हम स्वाभाविक रूप से यह बात समझ सकते है की ‘C’ ‘C++’ आदि किसी भी उच्च स्तरीय भाषा को ठीक वही कम्पाईलर Linux के माध्यम से कार्य नहीं कर पायेगा जिसका उपयोग हम विंडोज मे करते आ रहे है

जी.एन.यू.बाइनरी यूटिलिटीज :-

GNU बाईनरी यूटिलिटीज को बिन यूटिलिटीज भी कहते है। बाईनरी यूटिलिटीज Linux Distribution के साथ इसमें विशेष प्रोग्राम भी होते है ,जो हमें अनेक छोटी छोटी लेकिन उपयोगी और महत्वपूर्ण सुविधाये उपलब्ध करते है इन्हें आप विंडोज के अंतर्गत मिलने वाले यूटिलिटी प्रोग्रामो से तुलना करके समझ सकते है। ये बाईनरी यूटिलिटीज हमें अनेक उपयोगी सुविधाए देती है जैसे AR यूटिलिटीज द्धारा हम Archive File Collection से फाईलो को निकाल सकते है , इन यूटिलिटीज के अंतर्गत लिंकर (ID) असेम्बलर (AS) आदि भी आते है।

लाइनेक्स एप्लीकेशन (Linux Application) :-

जिस प्रकार विंडोज वातावरण में हमारे पास अनेक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उपलब्ध है ,उसी प्रकार Linux Distribution के साथ भी अनेक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयरों का समूह जैसे –वर्ड प्रोसेसर, ब्राउज़र, स्प्रेडशीट, वेब सर्वर, फैक्स प्रोग्राम, तथा ग्राफ़िक्स प्रोग्राम, आदि उपलब्ध होते है |जिसके माध्यम से हम विभिन्न कार्य करते है।

लाइनेक्स कर्नेल (Linux kernel) :-

किसी भी प्रोग्राम का मुख्य या केंद्रीय प्रोग्राम कर्नेल कहलाता है कर्नेल एक एसा प्रोग्राम है जो कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर संसाधनों के कार्यो को नियंत्रित तथा संचालित करता है ,तथा क्रियान्वित होने वाले प्रोग्रामो को उनकी आवश्यकतानुसार आवश्यक कंप्यूटर संसाधन आबंटित करता है |कर्नेल को हम ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे जरुरी अंग मान सकते है जिसके बिना ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर हार्डवेयर को नियंत्रित नहीं कर सकते |


जी.एन.यु. रन टाईप वातावरण :-

डिवाईस ड्राईवर एक ऐसी फाइल या प्रोग्राम होता है जो कंप्यूटर तथा उससे जुड़े किसी भी हार्डवेयर उपकरण के बीच तालमेल स्थापित करने के कार्य करता है | कंप्यूटर से जुड़ा कोई भी उपकरण जैसे प्रिंटर आदि बिना उपयुक्त ड्राईवर फाईल के अपना कार्य नहीं कर सकते है क्योकि प्रत्येक उपकरण की अपनी अलग कार्यप्रणाली होती है, जो कंप्यूटर की कार्यप्रणाली से भिन्न होती है अतः ये ड्राईवर प्रोग्राम कंप्यूटर तथा इससे जुड़े सभी उपकरण के बीच तालमेल के लिए मध्यस्थ का कार्य करते है |


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