Components of Network (नेटवर्क के अवयव)

Components of Network (नेटवर्क के अवयव)

एक नेटवर्क में विभिन्न नेटवर्क उपकरण लगे होते हे इनमे से कुछ नेटवर्क का उपयोग करते है जैसे node एवं कुछ नेटवर्क को बनाने में प्रयुक्त होते है जैसे Bridge, Switch, modem, hub आदि|

Modem (मॉडेम)

मॉडेम शब्द मोड्युलेटर – डीमोड्युलेटर का सक्षिप्त रूप है | डिजिटल सिग्नल को एनालोग सिग्नल से परिवर्तित करने करने की प्रक्रिया को मोड्युलेशन कहते है एनालोग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को डीमोड्युलेशन मॉडेम द्वारा डिजिटल माइक्रो कंप्यूटर एनालॉग टेलेफोन लाइनों के माध्यम से संचार कर पाते है | इस संचार के अंतर्गत ध्वनि तथा डाटा दोनों शामिल होते है |

कंप्यूटर में मॉडेम का अनुप्रयोग

मॉडेम द्वारा डाटा ट्रांसमिट करने की गति परिवर्तन शील होती है | ट्रांसफर गति अथवा ट्रांसफर दर नामक इस गति को बाईट प्रति सेकेंड (bps) में मापा जाता है | इसकी गति जितनी तीव्र होगी, उतनी ही तेज आप सूचना को भेज और प्राप्त कर सकते है | एक चित्र को 33.6 kbps मॉडेम से भेजने में 75 सेकेंड लगते है, जबकि 56 kbps मॉडेम में मात्र 45 सेकेंड लगते है |

मूल रूप से मॉडमो के चार प्रकार होते है – बाह्य, आंतरिक, पीसी, कार्ड और वायरलेस |

1. बाह्य मॉडम (External Modem)

कंप्यूटर के बाहर स्थित इसे कंप्यूटर के सीरियल पोर्ट में एक केबल द्वारा जोड़ा जाता है| एक अन्य तार द्वारा मॉडेम को टेलीफोन लाइन में जोड़ते है |

2. आंतरिक मॉडेम (Internal Modem) –

यह सिस्टम यूनिट के भीतर स्थित एक प्लग-इन सर्किट बोर्ड होता है| इस मॉडेम को टेलीफोन केबल द्वारा टेलीफोन लाइन से जोड़ते है|

3. PC Care Modem

क्रेडिट कार्ड के आकार वाले इस एक्सपेंशन बोर्ड को पोर्टेबल कंप्यूटर के अन्दर लगाते हैं इसे टेलीफ़ोन केबल द्वारा टेलीफ़ोन लाइन से जोड़ते हैं |


4. Wireless Modem

बाह्य, आंतरिक अथवा पीसी कार्ड किसी प्रकार का हो सकता हैं अन्य मॉडेमों के विपरीत इसमें किसी प्रकार के तार का प्रयोग नहीं होता हैं | बल्कि यह वायु के माध्यम से संकेतों को भेजता और प्राप्त करता हैं|

Hub (हब)

यह LAN (Local Area Network) का एक बहुत ही महत्वपूर्ण घटक हैं इसे कनेक्टर भी कहते हैं हब एक ऐसा डिवाइस हैं जो LAN में एक केंद्र बिंदु (Central Point) का कार्य करती हैं|LAN के सभी नोड केबल द्वारा हब से जुड़े होते हैं दो नोड्स के बीच कम्युनिकेशन में डाटा सिग्नल हब के माध्यम से ही भेजा जाता हैं |

हब को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है

Dumb Hub

यह हब केवल एक नोड से सिग्नल प्राप्त करके उसे उसी अवस्था में दुसरे नोड पर भेज देता हैं|

Smart Hub

यह हब सिग्नलों को ट्रांसमिट करने के अलावा नेटवर्क प्रबंधन की क्षमता भी रखता हैं |

Intelligent Hub

यह हब सभी प्रकार का नेटवर्क प्रबंधन कर सकता हैं | यह हब एक से अधिक टोपोलॉजी की सुविधा प्रदान करता हैं यह एक से अधिक LANs को भी जोड़ सकता हैं कुछ हब रिपीटर व ब्रिज का कार्य भी कर सकते हैं|

Switch (स्विच)

स्विच, ब्रिज का उन्नत रूप हैं इसकी क्षमता ब्रिज से ज्यादा होती हैं स्विच एक Multiport bridge के रूप में कार्य करता हैं जो विभिन्न उपकरणों व LAN में सेगमेंट (भाग) को जोड़ता हैं उसके लिए एक बफर होता हैं जब वह कोई पैकेट प्राप्त करता हैं तब वह प्राप्त करने वाली लिंक के बफर में उसे स्टोर कर लेता हैं और एड्रेस को Outgoing link के लिए चेक करता हैं व कभी कभी CRC को भी चैक करता हैं | यदि Outgoing link फ्री होती हैं तब स्विच उस लिंक को वह फ्रेम भेज देता हैं


स्विच का निर्माण दो अलग अलग तकनीको पर किया जाता हैं

  1. Store and forward switch
  2. Cut through switch

Router (राउटर)

एक ऐसा इंटर नेटवर्क डिवाइस होता हैं जो विभिन्न आर्किटेक्चर जैसे – ईथरनेट, टोकन रिंग इत्यादि को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता हैं इसके द्वारा एक लॉजिकल नेटवर्क से दुसरे नेटवर्क को पैकेट्स भेजे जा सकते हैं राऊटर का उपयोग उन बड़े बड़े इंटर नेटवर्क में होता हैं जो TCP/IP Protocol सूट का उपयोग करते हैं |

राउटर OSI (Open system interconnection) रेफरेंस मॉडल की नेटवर्क लेयर पर कार्य करते हैं इनकी मदद से लॉजिकल एड्रेस का उपयोग करके नेटवर्क पर पैकेट्स को भेजते हैं राउटर पैकेट्स को उपलब्ध पाथ की कीमत के आधार पर भेजते हैं जिससे मैश नेटवर्क टोपोलॉजी में अधिक पाथ की समस्या हल हो जाती हैं| राउटर पैकेट्स के Destination नेटवर्क एड्रेस का उपयोग करते हैं और वे केवल तभी कार्य करते हैं जब उपयोग किये गए प्रोटोकॉल राउटेबल हो| ये ब्रिज से अलग होते हैं जो प्रोटोकॉल से स्वतंत्र होते हैं |

राउटर को दो प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता हैं –

  1. Static or Non-adaptive Routers
  2. Dynamic or adaptive Routers

ब्रिज (Bridge)

ब्रिज एक ऐसा नेटवर्किंग अवयव हैं जो नेटवर्क्स को विभाजित करता है ब्रिज OSI मॉडल की डाटा लिंक लेयर पर कार्य करता हैं | इनका उपयोग अलग अलग तरह के मीडिया जो जोड़ने के लिए किया जाता हैं | ब्रिज सिग्नल को पुन: निर्मित तो करते हैं परन्तु किसी भी तरह का प्रोटोकॉल परिवर्तन नहीं करते हैं |

ब्रिज को तीन तरह से विभाजित किया जा सकता हैं

Local Bridge

Remote Bridge

Wireless Bridge

Gateway (गेटवे)

गेटवे का उपयोग अलग अलग प्रोटोकॉल पर आधारित नेटवर्क जोड़ने के लिए किया जाता हैं | गेटवे एक ऐसा नाम हैं जो नेटवर्क अवयवों की एक बहुत बड़ी श्रेणी को प्रदर्शित करता हैं इसके द्वारा अलग अलग नेटवर्क आर्किटेक्चर व अलग अलग प्रोटोकॉल्स के बीच कम्युनिकेशन संभव हो पाता हैं गेटवे नेटवर्किंग OSI मॉडल के ऊपर वाली लेयर्स पर कार्य करते हैं


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