Database Language in RDBMS

Database Language

1. DDL (Data Definition Language)

डाटाबेस को define करने के लिए उपयोग में लाई जा रही language data definition language या DDL कहलाती हैं। Database को Define करने के लिए उपयोग मे लाई जाने वाली कमांड्स DDL कमांड्स कहलाती हैं। DDL में टेबल बदलने, टेबल ड्राप करने या कंस्ट्रेंट्स डिफाइन करने वाली सभी कमांड्स शामिल हैं।

इन कमांड्स के द्वारा निम्‍नलिखित प्रकार के टॉस्‍क परफॉर्म किए जा सकते हैं –

(i) Create, Alter and drop schema object :- DDL कमांड का यह सेक्‍शन टेबल व्‍यू या इंडेक्‍स आदि जैसे ऑब्‍जेक्‍ट्स को निर्मित करने, डिफाईन करने, परिवर्तित करने या डिलीट करने में उपयोगी होता है। CREATE कमांड का उपयोग स्‍कीमा आब्‍जेक्‍ट्स को निर्मित करने में होता है। ALTER कमांड्स का उपयोग पहले से मौजूद कमांड्स को रूपांतरित या परिवर्तित करने में होता है। और DROP कमांड्स का उपयोग स्‍कीमा आब्‍जेक्‍ट्स डिलीट करने या घटाने में किया जाता है।

(ii) Grant and Revoke Privileges and roles :- DDL कमांड का यह सेक्‍शन स्‍कीमा आब्‍जेक्‍ट्स पर काम करने की अनुमति या विशेषाधिकार देने या उसे आमंत्रित करने में किया जाता है।

(iii) Analyze, audit or add Command :- DDL कमांड के इस सेक्‍शन का उपयोग किसी टेबल, इंडेक्‍स या क्‍लस्‍टर पर इफॉर्मेशन को एनालाईज (विश्‍लेषित) करने में किया जाता है ताकि ऑडिटिंग आप्‍शन स्‍थापित किऐ जा सकें या डाटा डिक्‍शनरी में कमेंट्स जोड़े जा सके।

2. DML (Data Manipulation Language)

वह लैंग्‍वेज जो Users को Data एक्‍सेस या मैनिप्‍यूलेट करने देती है, डाटा मैनिप्‍यूलेशन लैंग्‍वेज कहलाती है। डाटा एक्‍सेस या मैनिप्‍यूलेट करने के लिए, उपयोग मे लाई जा रही कमांड्स DML कमांड्स कहलाती हैं। DML में रिट्राइवल के अलावा इंसर्शन डिलिशन और अपडेशन कमांड्स शामिल हैं।

DML मूलत: दो प्रकार की होती हैं –


i) प्रोसीज़रल DML’s :- इसमें यूजर को यह स्‍पेसिफाई करना आवश्‍यक हैं कि किस डाटा की आवश्‍यकता हैं, कैसे उसे प्राप्‍त किया जा सकता हैं। प्रोसीज़रल DML’s द्वारा जनित कोड दक्ष होते हैं।

ii) नॉन प्रोसीज़रल DML’s :- इसमें यूजर को केवल यह बताना होता हैं कि किस डाटा की आवश्‍यकता है। नॉन-प्रोसीज़रल DML’s में, यूजर यह स्‍पेसिफाई नहीं करता हैं कि डाटा कैसे प्राप्‍त होगा। नॉन प्रोसीजरल DML’s द्वारा जनित कोड, प्रोसीजरल DML’s की तुलना में कम दक्ष होते हैं।

3. डाटा कंट्रोल लैंग्‍वेज (DCL) :- डाटाबेस कंट्रोल करने के लिए उपयोग की जाने वाली लैंग्‍वेज को डाटा कंट्रोल लैंग्‍वेज (DCL) कहते हैं। डाटाबेस की कंट्रोल करने वाली कमांड्स DCL कमांड्स कहलाती हैं। DCL विशेषाधिकार के उपयोग और डाटा कमिटिंग (सेविंग) डाटाबेस को कंट्रोल करता है।

4. ट्रांजेक्‍शन कंट्रोल लैंग्‍वेज (TCL) :- डाटाबेस पर ऑपरेशन निष्‍पादन की प्रक्रिया को ट्रांजेक्‍शन कहते हैं। जब भी डाटा बेस पर एक निश्‍चित ट्रॉजेक्‍शन निष्‍पादित होता है, तो यह निष्‍पादन कंट्रोल के अंतर्गत होना चाहिए। इस ऑपरेशन को निष्‍पादित करने के लिए जो लैंग्‍वेज प्रयोग में लाई जाती हैं, उसे TCL के नाम से जाना जाता है।

DML Statements के प्रयोग से original data में कुछ बदलाव आता हैं, जिसे manage करने के लिए TCL Statements का प्रयोग किया जाता हैं। TCL Statements के द्वारा निम्‍नलिखित tasks perform किए जाते हैं –

i) Transaction को set करने के लिए।


ii) किसी change को roll back या undo करने के लिए।

iii) Save points को create करने के लिए।

iv) किसी change को permanent करने के लिए।


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