Email, structure and its advantages

E – Mail क्या है

ईमेल एक ऐसा सिस्टम है जिसमे एक सिस्टम यूजर किसी दूसरे यूजर को सन्देश और सूचनाओ का आदान प्रदान कर सकता है| इन सूचनाओ के आदान प्रदान के लिए कम्युनिकेशन नेटवर्क का उपयोग किया जाता है | ईमेल का प्रयोग करने के लिए विभिन्न सॉफ्टवेयर यूज में लाये जाते है | ईमेल करने के लिए यह आवश्यकता नहीं है की ईमेल भेजने वाला और प्राप्त करने वाले के पास समान कंप्यूटर हो|

Structure of Email

  • Email Address
  • Header
  • Body
  • Signature
  • Attachment

1. Email Address

प्रत्येक यूजर का अलग ईमेल एड्रेस होता है, यही पता उस यूजर की पहचान होती है, प्रत्येक ISP ईमेल की सुविधा प्रदान करता है इसलिए यह प्रत्येक यूजर को ईमेल एड्रेस प्रदान करती है|
इस ईमेल एड्रेस में दो हिस्से होते है :-

User Name:- इसमें यूजर अपने अनुसार नाम दे सकता है |

Host name:- यह हिस्सा डोमेन नेम होता है, यह हिस्सा जिस ISP सर्वर से जुड़ा रहता है, उससे आता है | दोनों हिस्से @ से विभाजित किये जाते है, एक ही नाम के दो ईमेल एड्रेस नहीं हो सकते है |
Example:- [email protected]

2. Header

यह ईमेल का ऊपरी हिस्सा होता है, इसमें निम्न भाग होते है :-

Sender:- इसमें ईमेल भेजने वाले का एड्रेस आता है |

To:- इसमें ईमेल प्राप्त करने वाले का एड्रेस रहता है |


CC:- इस फील्ड का उपयोग ईमेल की कॉपी को किसी दूसरे व्यक्ति को भेजने के लिए किया जाता है|

BCC (Blind Carbon Copy):- इस फील्ड में जिन लोगो के ईमेल एड्रेस डाले जायेंगे उन्हें उन लोगो के नाम और ईमेल एड्रेस की जानकारी नहीं होगी जिन बाकि लोगो को यह ईमेल भेजा गया है |

Subject:- इस फील्ड में ईमेल का सब्जेक्ट होता है |

3. Message Body :- यहाँ पर मेसेज को टाइप किया जाता है |

4. Signature :- इस फील्ड में ईमेल भेजने वाले की जानकारी होती है |

5. Attachment :- ईमेल फाइल के रूप में अतिरिक्त सूचना स्टोर करते है, जिसे अटैचमेंट कहते है | अटैचमेंट फाइल में टेक्स्ट,पिक्चर वीडियो आदि संग्रहित किया जा सकता है |


ईमेल के लाभ (Advantage of Email)

  • Speed (तेज) :- ईमेल प्रणली से भेजे गए सन्देश कुछ ही सेकंड्स से विश्व के एक हिस्स्से से दूसरे में कुछ ही सेकंड्स में पहुँच जाते है |टेक्स्ट, इमेज आदि प्रकार के संदेशो को भेजने की सबसे तेज तकनीक है |
  • Easier (सरल ) :- ईमेल से सन्देश भेजना बहुत आसान है | इसमें सिर्फ भेजने और प्राप्त करने वाले का ईमेल एड्रेस पता होना चाहिए |
  • Reliable (विश्वसनीय) :- ईमेल प्रणाली में मेसेज एक सर्वर से दुसरे सर्वर पर जाता है, इसलिए बहुत कम
  • Cheap (सस्ता):- ईमेल से सन्देश भेजना दूसरी प्रणाली से सस्ता पड़ता है |ईमेल प्रणाली में विश्व के किसी कोने पर सन्देश भेजने में लागत एक समान होती है |
  • Compatible To Environment (पर्यावरण के अनुकूल) :- इस प्रणाली में कागज या किसी दूसरे भौतिक माध्यम का उपयोग नहीं होता है इसलिए यह पर्यावरण के अनुकूल है |

Limitation of Email (ईमेल की सीमाए)

  • ईमेल को जब आप किसी नेटवर्क के द्वारा एक कंप्यूटर स दूसरे कंप्यूटर पर भेजते है, तो किसी तीसरे या अन्य व्यक्ति के ईमेल पड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है|
  • यूजर का नकली या फेक ईमेल एड्रेस बनाया जा सकता है |
  • कुछ ईमेल सिस्टम ऐसे भी होते है जो इमेज को सेंड करने में असक्षम होते है |
  • कोई भी ईमेल यूजर अपने मेलबॉक्स में किसी भी ईमेल को स्टोर होने से रोक नहीं सकता फिर चाहे वह काम का हो या नहीं | यही कारण है की यूजर को मेलबॉक्स में से अपने उपयोगी मेल को छाटने में काफी वक्त लग जाता है |
  • इंटरनेट पर कई बार कोई पाथ न मिलने की कंडीशन में ईमेल को टारगेट तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है |
  • कई बार रिसीवर के मेलबॉक्स में खाली जगह न होने पर, ईमेल को अपने टारगेट तक पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है, और कभी-कभी तो मेल गायब भी हो जाता है| इसलिए मेलबॉक्स में सिर्फ उपयोगी मेल ही रखना चाहिए और जब उन मेलो की उपयोगिता ख़त्म हो जाए तो उन्हें डिलीट कर देना चाहिए |

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