Virtual Reality (वर्चुअल रियालिटी) का इतिहास

वर्चुअल रियालिटी का इतिहास :-

वर्चुअल रियालिटी शब्द वर्ष 1987 मे जेरान लेलियर ने बनाया था जिसकी अनुसंधान और इंजीनियरिंग ने नये विकास उद्योग मे अनेक उत्पादो को योगदान दिया है। अमेरिकी सरकार और विशेेषकर उसका रक्षा विभाग नेशनल साइन्स फाउन्डेशन तथा नेशानल एरोनटिक्स एण्ड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) द्वारा विश्वविद्यालय में स्थित प्रयोगशालाओं को अनुसंधान हेतु वित्तीय अनुदान मिला और इसके परिणमस्वरूप इस क्षेत्र में निपुण व्यक्तियों को विशिष्ट क्षेत्रों में विशेषज्ञ बना कर तैयार किया ये क्षेत्र कम्प्यूटर ग्राफिक्स सिमुलेंशन तथा नेटवर्क से बने वातावरण तथा शैक्षिक, सेना तथा काॅमर्शियल काम के बीच सम्पर्क इत्यादि है। वर्चुअल रियालिटी के बारे में सन् 1965 के आसपास विचार किया गया था जब Ivan Sutherland ने वर्चुअल अथवा इमेजनरी संसार के निर्माण के लिये अपने सुझाव प्रस्तुत किए थे। 1969 ये उसने पहले ऐसे सिस्टम का निर्माण किया जो लोगों को सूचना के थ्री-डामेन्शनल डिस्प्ले में बाॅधता था 1970 तथा 1980 के मध्य में वर्चुअल रियलिटी की अवधारणा का मुख्य उपयोग United States ने किया था ।

सन् 1962 में Ivan Sutherland ने एक light pen का विकास किया जिसके द्वारा कम्प्यूटर पर तस्वीरें स्केच की जा सकती थी। 1970 तक Sutherland ने कम्प्यूटर ग्राफिक्स में Scientific Visualization का उपयोग डाटा के Columns को तस्वीरों में परिवर्तित करने के लिए भी किया गया था। Scientific Visualization के उद्देश्य अपनी तस्वीरों में सिस्टम्स अथवा प्रोसेस की डाइनेमिक विशेेषताओं को कैप्चर करना था। 1980 में Scientific Visualization, Hollywood की कई स्पेशल इफैक्ट वाली विधियों को निर्माण तथा Borrowing एनीमेशन की तरह चला गया 1990 में NCSA अवार्ड विनिंग Smog एनीमेशन जो Los Angeles पर Descend कर रही थी ने State में Antipollution Legislature को प्रभावित किया वैज्ञानिकों को इन्ट्र्क्टिविटी चाहिए थी तथा मिलेटरी इंडस्ट्री, बिजनैस तथा मनोरंजन की परस्पर सबन्धों की आवश्यकता थी । इन्र्ट्ेक्टिविटी की माॅग ने कम्प्यूटर विजुलाइजेशन को वर्चुअल रियालिटी की तरफ मोड़ दिया।


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