Internet Interface

Internet Interface

इंटरनेट से तो आप आप भली भांति परिचित है, अब बात करते है इंटरफ़ेस की- इंटरफेस से अभिप्राय है की जब यूजर इंटरनेट से जुडता है या कनेक्ट होता है तब इंटरनेट सर्वर और यूजर के कंप्यूटर की एक लिंक बन जाती है लिंक स्थापित होने के बाद यूजर को इंटरनेट से रिलेटेड कार्य करने के लिए एक प्रारूप प्रदान किया जाता है यह प्रारूप ही इंटरफेस कहा जाता है |

साधारण अर्थो में कह सकते है की इंटरफेस ,एक ऐसी स्क्रीन है जिस पर आवश्यकतानुसार वांछित विकल्पो का प्रयोग करके इंटरनेट संबंधी कार्य सम्पन किये जाते है| विश्वभर में प्रयोग किये जाने वाले मुख्य नेटवर्क इंटरफेस निम्नलिखित है –

  • IPX /SPX for Dos based work station.
  • TCP/IPX for Unix based work station.

IPX (Internet Packed Exchange)

IPX का पूरा नाम Internet Packed Exchange है। यह एक प्रोटोकॉल की तरह कार्य करता है इस प्रोटोकॉल का उपयोग Novell netware वातावरण के लिए किया जाता है| इस प्रोटोकॉल को बनाने का श्रेय Xerox corporation को जाता है | जिसे XNS – Xerox network standard के नाम से जाना जाता है| IPX प्रोटोकॉल OSI मॉडल की network layer के सामन ही कार्य करता है तथा इसकी कार्य करने की गति SPX से तीव्र है। IPX प्रोटोकॉल का उपयोग डाटा पैकेट्स को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का होता है |

SPX (Sequenced Packed Exchange)

SPX का पूरा नाम Sequenced Packed Exchange है जो की एक session level connection oriented प्रोटोकॉल की भांति कार्य करता है। SPX प्रोटोकॉल डेटा पैकेट्स को अपने लक्ष्य तक पहुंचाने का मार्ग सुनिश्चित करता है| साथ ही इस पूरी प्रोसेस को पूरा करने की जिम्मेदारी भी इसी की होती है novell network में IPX प्रोटोकॉल पहले से जुड़ा होता है लेकिन SPX प्रोटोकॉल novell नेटवर्क के नए संस्करणों में ही समाहित किया गया है।

TCP/IP (Transfer control protocol/ Internet protocol )

कंप्यूटर्स के इन्टरनेट से जुड़ने के उपरांत वे आपस में विभिन्न सूचनाओं का आदान-प्रदान करते है और ऐसा करने के लिए उन्हें प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है | इंटरनेट पर इस काम को करने के लिए दो प्रोटोकॉल का उपयोग मुख्य रूप से होता है -TCP ( transfer control protocol) और IP ( internet protocol ), इसके अलावा भी एक और प्रोटोकॉल है FTP(File transfer protocol) ,जिसका उपयोग भी डाटा ट्रांसमिशन में किया जाता है | यह प्रोटोकॉल इन्टरनेट यूजर की विभिन्न क्रियाओ को कण्ट्रोल करता है |

TCP प्रोटोकॉल का उपयोग एप्लीकेशन डेटा को छोटे -छोटे TCP पैकेट्स में तोड़ने के लिए करते है। अर्थात यह प्रोटोकॉल सूचना या डाटा को छोटे छोटे पैकेट्स में डिवाइड करता है। इनमे से प्रत्येक पैकेट का एक header होता है जिसमे host कंप्यूटर का पता एव सूचना होती है। होस्ट कंप्यूटर अर्थात लक्ष्य जहाँ पर सूचन भेजी जानी है। IP इन छोटे -छोटे पैकेट को अपने तरीके से और अधिक छोटे- छोटे पैकेट्स में तोड़ता है। इन पैकेट का भी एक IP-header होता है, जिसमे होस्ट का पता और TCP सूचना एवं अन्य सूचना भी होती है। इस प्रकार ये दोनों TCP/IP प्रोटोकॉल मिलकर सूचनाओ को ट्रांसफर करने का कार्य करते है।


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