प्रोटोकॉल के प्रकार

प्रोटोकॉल की परिभाषा (Definition of Protocol)

यह एक डिजिटल भाषा (Digital Language) है जिसके माध्यम से हम इंटरनेट पर दूसरों के साथ कम्युनिकेशन करते हैं। प्रोटोकॉल नियमो का समूह होता है इन नियमों को अपनाने से, दो डिवाइस एक-दूसरे के साथ कम्युनिकेशन कर सकते हैं और सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकते हैं। हम प्रोटोकॉल के बिना इंटरनेट का उपयोग करने के बारे में सोच भी नहीं सकते। प्रत्येक प्रोटोकॉल को अलग-अलग शब्दों में और Unique नाम के साथ अलग-अलग उपयोग में परिभाषित किया गया है। मैसेज माध्यम के द्वारा Sender से receiver तक भेजा जाता है (माध्यम physical path है जिस पर प्रोटोकॉल का उपयोग करके संदेश ट्रेवल करता है)।

प्रोटोकॉल industry wide organizations द्वारा Develop किया गया हैं। प्रोटोकॉल के सभी डेटा को बाइनरी जानकारी में स्टोर किया जाता है। प्रोटोकॉल भाषा बिट्स bits, characters, integers आदि का मिश्रण है।

कंप्यूटर नेटवर्क पर डेटा का आदान-प्रदान करने के लिए हर किसी का अपना अपना तरीका होता है, जैसे LAN, Internet, Intranet आदि। सबसे आम प्रोटोकॉल HTTP है, जो World wide web पर उपयोग किया जाता है। इंटरनेट में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रोटोकॉल हैं-

Types of Protocol (प्रोटोकॉल के प्रकार)

कंप्यूटर के बीच कम्युनिकेशन करने के लिए प्रोटोकॉल टेक्नोलॉजी की आवश्यकता होती है। विभिन्न प्रकार के computer vendors से विभिन्न प्रकार के कंप्यूटरों को जोड़ने के लिए, प्रोटोकॉल को पहले मानकीकृत (standardized) किया जाना चाहिए। अमेरिकी रक्षा प्रोग्राम का ARPA (Advanced Research Project Agency) मानकीकृत प्रोटोकॉल की अवधारणा को पेश करने वाला पहला प्रोटोकॉल था। ARPA एक resource को शेयर करने वाला नेटवर्क है जो अमेरिका में विश्वविद्यालयों और प्रयोगशालाओं में विभिन्न कंप्यूटरों को जोड़ता है। ARPA ने पैकेट प्रोटोकॉल का उपयोग करके एक एकीकृत नेटवर्क विकसित किया और यह पैकेट स्विचिंग के विकास के लिए भी प्रसिद्ध है।

  1. TCP/IP – Transmission Control Protocol/Internet Protocol
  2. SLIP – Serial Linr Internet Protocol
  3. FTP – File Transfer Protocol
  4. HTTP – Hypertext Transfer Protocol
  5. Telnet
  6. Ethernet
  7. Gopher
  8. Telnet
  9. UUCP – Unix To Unix Copy Protocol
  10. SMTP – Simple Mail Transfer Protocol
  11. POP – Post Office Protocol
  12. . X400
  13. MIME – Multipurpose Internet Mail Extension
  14. SNMP – Simple Network Management Protocol
  15. UDP – User Datagram Protocol
  16. PPP – Point To Point Protocol

1. TCP/IP

TCP एक लोकप्रिय कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल है जो नेटवर्क पर कम्युनिकेशन के लिए उपयोग किया जाता है। यह किसी भी संदेश को उन पैकेटों की श्रृंखला में विभाजित करता है जिन्हें Source से Destination पर भेजा जाता है और वहाँ इसे Destination पर पुनः प्राप्त किया जाता है।

नेटवर्क पर डेटा पैकेट भेजने के लिए दो सामान्य नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाता है। साथ ही TCP के साथ-साथ, UDP आपके डिवाइस के माध्यम से डेटा पैकेटों को अलग-अलग राउटरों के माध्यम से आगे तक ले जाता है जब तक कि वे अंतिम Destination के साथ कनेक्ट नहीं होंगे। इसके अलावा, वे रिसीवर के साथ आईपी एड्रेस की ओर पैकेट भेजने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

पहला भाग TCP- Transmission Control Protocol (ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल) है जो इंटरनेट पर डाटा ट्रांसफर करने में प्रयोग किया जाता है यह किसी फाइल या संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने में सहायक होता है| दूसरा भाग IP – Internet Protocol (इंटरनेट प्रोटोकॉल) है यह प्रोटोकॉल प्राप्तकर्ता के कंप्यूटर के address को संभालने के लिए उत्तरदाई होता है ताकि प्रत्येक पैकेट सही रास्ते से भेजा जा सके| यह प्रोटोकॉल इंटरनेट से जुड़े हुए प्रत्येक कंप्यूटर में प्रयोग किया जाता है चाहे वह लेपटॉप हो, पर्सनल कंप्यूटर हो या सुपर कंप्यूटर | यह सभी में समान रुप से लागू होता है और इंटरनेट से जुड़े हुए प्रत्येक नेटवर्क में प्रयोग किया जाता है यहां तक कि यह दो स्वतंत्र कंप्यूटरों को नेटवर्क से जोड़ने में भी प्रयोग में लाया जाता है|


2. Serial Line Internet Protocol (SLIP)

SLIP का पूरा नाम Serial Line Internet Protocol हैं | यह इंटरनेट प्रोटोकॉल का पुराना रूप है इसे सीरियल पोर्ट और मॉडेम कनेक्शनों के कार्य के लिए विकसित किया गया है इसे संक्षेप में स्लिप कहा जाता है यह वास्तव में पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल का ही दूसरा रूप है परंतु इसका प्रयोग अब बहुत कम किया जाता है क्योंकि यह डेटा ट्रांसमिशन में होने वाली गलतियों का पता नहीं लगा पाता है|

3. File Transfer Protocol (FTP)

इसका पूरा नाम File Transfer Protocol है यह प्रोटोकॉल Files को एक system से दूसरे System पर copy करने के लिये प्रयोग किया जाता हैं| फाइलों के प्रकार में प्रोग्राम फाइलें, मल्टीमीडिया फाइलें, टेक्स्ट फाइलें और डॉक्यूमेंट आदि शामिल हो सकते हैं।

FTP दो कनेक्स्‍शन थापित करता हैं ये कनेक्स्‍शन TCP Protocol की मदद से स्‍थापित किये जाते है पहला कनेक्स्‍शन क्लाइंट तथा सर्वर के बीच में कमांड तथा उसका Response देने के लिये किया जाता हैं और दूसरा कनेक्स्‍शन data को transfer करने के लिये किया जाता हैं FTP Protocol binary तथा Text files का आदान-प्रदान करता हैं।

  • FTP हमें क्लाइंट से सर्वर पर या सर्वर से क्लाइंट में फाइल ट्रांसफर करने की अनुमति देता है।
  • FTP एक फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल है, SFTP सिक्योर फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल है, और TFTP ट्रिवियल फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल है।
  • FTP और SFTP एक दूसरे के समान हैं। ये प्रोटोकॉल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में फाइल ट्रांसफर करते हैं, और क्लाइंट और सर्वर सॉफ्टवेयर को विशेष रूप से ऐसा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • TFTP थोड़ा अलग तरीके से काम करता है। यह वास्तव में दो डिवाइस के बीच छोटी फ़ाइलों को भेजने या सरल सेटअप करने के लिए है, जहां आप authentication के बारे में चिंता किए बिना या फ़ायरवॉल के साथ किसी भी समस्या के बिना किसी फ़ाइल को जल्दी से ट्रान्सफर कर सकते हैं, जिससे आपके ट्रैफ़िक को हटाया जा सकता है।
  • फ़ाइलों को ट्रान्सफर करने के लिए FTP और SFTP को आम तौर पर User name और Password दोनों की आवश्यकता होती है। TFTP को इसकी आवश्यकता नहीं है। TFTP विशेष रूप से ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट करता है।
  • FTP दोनों पोर्ट्स 20 और 21 का उपयोग करता है; एक का उपयोग authentication के लिए किया जाता है, और दूसरे का उपयोग सूचना ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है। पोर्ट 22 का उपयोग SFTP के लिए किया जाता है और इसका कारण पोर्ट 22 वास्तव में एक अन्य प्रोटोकॉल के लिए पोर्ट नंबर है जिसे हम सिक्योर शेल या SSH कहते है, पोर्ट नंबर SFTP और SSH दोनों एक समान हैं। TFTP पोर्ट नंबर 69 का उपयोग करता है।

4. Hypertext Transfer Protocol (HTTP)

यह इन्टरनेट में प्रयोग होने वाला सबसे महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल हैं यह एक एप्लीकेशन प्रोटोकॉल हैं जिसका प्रयोग Web Browser की एड्रेस बार में WWW के पहले किया जाता हैं यह प्रोटोकॉल यूज़र द्वारा Address bar में डाले जाने वाले वेबसाइट के एड्रेस तक पहुचाने का कार्य करता हैं | HTTP क्लाइंट और सर्वर मॉडल पर आधारित है। HTTP का उपयोग वेब क्लाइंट और वेब सर्वर के बीच कनेक्शन बनाने के लिए किया जाता है। HTTP वेब पेजों में जानकारी दिखाता है।

HTTP का उपयोग दो या दो से अधिक कंप्यूटरों के बीच हाइपर टेक्स्ट को ट्रान्सफर करने के लिए किया जाता है। हाइपर टेक्स्ट वह टेक्स्ट होता है जिसे HTML नामक भाषा का उपयोग करके Code किया जाता है। HTML कोड का उपयोग लिंक बनाने के लिए किया जाता है। यह लिंक text या graphics जैसे किसी भी फॉर्मेट में हो सकता है।

HTTP क्लाइंट / सर्वर सिद्धांतों पर आधारित है। HTTP क्लाइंट को सर्वर के साथ कनेक्शन स्थापित करने और रिक्वेस्ट करने की अनुमति देता है। सर्वर क्लाइंट द्वारा शुरू किए गए कनेक्शन को स्वीकार करता है और रिस्पोंस भेजता है। HTTP रिक्वेस्ट उन रिसोर्सस की पहचान करता है जो क्लाइंट इसमें रुचि रखते हैं और सर्वर को बताते हैं कि रिसोर्सेस पर क्या कार्रवाई की जाए।


5. Telnet

टेलनेट नियमों का एक सेट है जिसका उपयोग एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर से जोड़ने के लिए किया जाता है। इस कनेक्शन की प्रक्रिया को रिमोट लॉगिन कहा जाता है। यह एक ऐसा प्रोटोकॉल हैं जो Internet पर कार्य कर रहें user को दूर स्थित Computer सें जोड़ता हैं। इसके द्वारा हम दूर स्थित कंप्यूटर में login कर सकते हैं और उस कंप्यूटर पर आसानी से कार्य कर सकते हैं |

कनेक्शन की रिक्वेस्ट करने वाले कंप्यूटर को लोकल कंप्यूटर कहा जाता है, और जो कनेक्शन को स्वीकार करते हैं उन्हें रिमोट कंप्यूटर कहा जाता है। यदि आप लोकल कंप्यूटर में रिमोट लॉग इन कमांड टाइप करते हैं तो इन कमांड्स को रिमोट कंप्यूटर में एक्सीक्यूट किया जाता है। आप अपने मॉनिटर में देख सकते हैं कि इस रिमोट कंप्यूटर में क्या प्रक्रिया चल रही है।

6. Ethernet

ईथरनेट LAN कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला सबसे लोकप्रिय प्रोटोकॉल है। यह डिजिटल पैकेट में जानकारी को ट्रान्सफर करता है। इस प्रोटोकॉल का उपयोग करने वाले प्रत्येक कंप्यूटर में Ethernet Network Interface Card (NIC) होता है।

यह कार्ड एक Unique address कोड होता है जिसे माइक्रोचिप में एम्बेड किया गया है। इस एड्रेस का उपयोग सिस्टम की पहचान करने के लिए किया जाता है। जब पैकेट को नेटवर्क पर रखा जाता है, तो पैकेट को हर कंप्यूटर नेटवर्क पर भेजा जाता है, लेकिन केवल उस कंप्यूटर पर, जिसका नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड एड्रेस के समान एड्रेस होता है, उस पैकेट पर Claim करने और उसके साथ डिजिटल जानकारी प्राप्त करने की अनुमति दी जाती है।

नेटवर्क में एक समय में केवल एक पैकेट रखा जाता है। यदि दो सिस्टम्स ने एक ही समय में नेटवर्क पर पैकेट रखे। जब NIC पैकेट रखने की कोशिश करता है तो पहले यह देखता है कि कोई पैकेट पहले से ही बाहर निकला है या नहीं। यदि यह बाहर निकलता है तो NIC को फिर से कोशिश करने से पहले रैंडम मिलीसेकंड की प्रतीक्षा करने के लिए मजबूर किया जाता है। यह तब तक जारी रहता है जब तक कि एक ‘गैप’ नहीं मिल जाता है तब पैकेट सफलतापूर्वक नेटवर्क पर भेजा जा सकता है।

7. Gopher

गोफर एक एप्लिकेशन लेयर प्रोटोकॉल है, जिसका उपयोग रिमोट साइटों से डॉक्यूमेंट को खोजने और पुनः प्राप्त करने के लिए किया जाता है। गोफर के माध्यम से अन्य कंप्यूटरों के साथ ऑनलाइन कनेक्शन शुरू करना संभव है। यह क्लाइंट / सर्वर प्रिंसिपल पर भी काम करता है।

यह इंटरनेट का एक अन्य उपकरण है, जो मेनू-आधारित प्रोग्राम है जो आपको यह जानने के लिए ब्राउज़ करने में सक्षम बनाता है कि सामग्री कहाँ स्थित है। यह आपको रिसोर्सेस की सूची खोजने देता है और फिर आपको कंटेंट भेजता है।

8. Trivial File Transfer Protocol (TFTP)

यह FTP की तुलना में एक साधारण प्राटोकॉल है जो एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में फाइल को ट्रान्सफर करता हैं। इसकी एक मात्र विशेषता यह है कि इसके अंदर किसी Client Process व Server Process के बीच फाइल्स को प्राप्‍त करने व भेजने की योग्यता हैं।

9. Unix to Unix Protocol (U.U.C.P.)

U.U.C.P. का पूर्ण रूप यूनिक्‍स टू यूनिक्‍स कॉपी (Unix-to-Unix Copy) हैं। यह एक यूनिक्‍स प्रोग्राम (Utility) है जो यूनिक्‍स के सिस्‍टम के मध्‍य संचार को व्‍यवस्थित करता हैं। दो यूनिक्स कंप्यूटर के मध्य डाटा Transfer करने के लिए UUCP प्रोटोकॉल का प्रयोग किया जाता हैं UUCP अपने संस्‍करण Honey Bar UUCP तथा Taylor UUCP के नाम से जाना जाता हैं। यह-

  • यह प्रोटोकॉल दो होस्‍ट के मध्‍य फाइल ट्रांसफर करता हैं।
  • यह प्रोटोकॉल ई-मेल तथा यूजनेट ग्रुप के लिए संचार प्रोटोकॉल प्रदान करता हैं।
  • यह प्रोटोकॉल संचार डिवाइसेज का नियंत्रण करता हैं।
  • यू.यू.सी.पी. पैकेज के व्‍यवस्‍था के लिए यूटिलिटिज (Utilities) का एक संकलन प्रदान करता हैं।

E-mail में प्रयोग होने वाले प्रोटोकॉल

ईमेल प्रोटोकॉल का प्रयोग मेल करते समय किया जाता हैं मेल करते समय कई प्रोटोकॉल प्रयोग किये जाते हैं अर्थात User ई-मेल भेजने के लिए अलग-अलग प्रकार के संदेश प्रणाली (Messaging System) का प्रयोग करता हैं, जो दो अलग-अलग पद्धति का प्रयोग करने के फलस्‍वरूप संदेश का संचार करने में कठिनाई उत्‍पन्‍न करते हैं। इस प्रकार की समस्याओं के कारण उत्‍पन्‍न होने वाली कठिनाइयों का निदान करने के लिए अलग अलग नियमों को बनाया गया इस समान पद्धति वाले निर्देशों के समूह को प्रोटोकॉल (Protocols) कहते हैं। प्राटोकॉल्‍स जो इलेक्‍ट्रॉनिक मेल (email) में प्रयोग होते हैं, निम्‍न हैं-

10. Simple Mail Transfer Protocol (SMTP)

SMTP को आउटगोइंग ई-मेल भेजने और डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका पूरा नाम Simple Mail Transfer Protocol हैं। यह प्रोटोकॉल TCP Connection का प्रयोग करते हुये दो सिस्टम के बीच में mail का आदान-प्रदान करता हैं।

SMTP के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें|

सिस्टम में ईमेल सुविधा को क्रियांवित करने के लिए यह प्रोटोकॉल प्रयोग किया जाता है इस प्रोटोकॉल की सहायता से ही मेल एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम तक पहुंचते हैं इस प्रोटोकॉल का प्रयोग एक व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को मेल ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है|

11. Post Office Protocol (POP)

यह प्रोटोकॉल Client Server मॉडल पर आधारित होता हैं वास्‍तव में इस प्रोटोकॉल का प्रयोग E-Mail को Download तथा Update करने में किया जाता हैं। इस प्रोटोकॉल के द्वारा Client, Server से E-Mail प्राप्‍त करता हैं।

12. x.400

इस प्रोटोकॉल का प्रयोग ईमेल कनेक्टिविटी के लिए किया जाता है इसका प्रयोग मुख्य रूप से वाइनरी फाइल ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है|

13. Multipurpose Internet Mail Extensions (MIME)

इस प्रोटोकॉल का प्रयोग मल्टीमीडिया फाइल ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है ईमेल के माध्यम से जो भी मल्टीमीडिया डाटा भेजा जाता है वह MIME के द्वारा भेजा जाता हैं |

MIME का पूर्ण रूप बहुउद्देशीय इन्‍टरनेट मेल विस्‍तारक (Multipurpose Internet Mail Extensions) हैं माइम (MIME) ऐसा प्रोटोकॉल है जो असमान अक्षर समूहों (character sets) वाले भाषाओं में टैक्‍स्‍ट का विनिमय (interchange) करता हैं साथ ही कई भिन्न कम्‍प्‍यूटर प्रणालियों के मध्‍य मल्‍टीमीडिया ई-मेल को भी स्‍थानांतरित (Interchange) करता हैं। माइम प्रयोक्‍ता को निम्‍नलिखित सुविधाओं के साथ ई-मेल संदेशों को बनाये तथा पढ़ने की सुविधा प्रदान करता हैं-

  • एस-की के अतिरिक्‍त अरबी (Arabic), कन्‍जी (Kanji), के अक्षर-समूह (Character Sets),।
  • विशेष चिन्‍हों पर आधारित समृद्ध टैक्‍स्‍ट जैसे गणित ।
  • ग्राफिक्‍स इमेज
  • ऑडियो फाइल तथा ध्‍वनि (Sound)

Binary files, compressed files जैसे rar तथा zip माइम नॉन-टैक्‍स्‍चुअल संदेश विषयवस्‍तुओं के कई पूर्व-परिभाषित रूपों जैसे GIF फाइलों को सपोर्ट (Support) करने के अतिरिक्‍त user को उन्‍हें अपने द्वारा संदेश को परिभाषित करने की अनुमति देता हैं।

अन्य प्रोटोकॉल्स (Other Protocols) :

ARP ( addressing resolution protocol )

यह किसी IP एड्रेस को लोकल नेटवर्क के लिए मीडिया एक्सेस कण्ट्रोल लेयर एड्रेस से रिलेट करता है।

RIP (routing information protocol)

इसका पूरा नाम रूटिंग इनफार्मेशन प्रोटोकॉल है यह प्रोटोकॉल दो कंप्यूटर के मध्य quick root का पता लगाता है।

OSPF (open shortest path first)

इसका पूरा नाम ओपन शॉर्टेस्ट पथ फर्स्ट है यह प्रोटोकॉल RIP ली अपेक्षा कही अधिक तेजी से कार्य करता है क्योकि OPSF प्रोटोकॉल IP का सीधा सीधा प्रयोग करता है।

ICMP ( internet control message control)

इसका पूरा नाम इंटरनेट कण्ट्रोल मैसेज प्रोटोकॉल हैं यह प्रोटोकॉल इंटरनेट पर कम्युनिकेशन के समय एरर को हैंडल करता है तथा एरर को IP डाटाग्राम के साथ सेन्डर को भेजता है।

SNMP (simple network management protocol)

इसका पूरा नाम सिंपल नेटवर्क मैनेजमेंट प्रोटोकॉल है इसका प्रयोग TCP\IP को कण्ट्रोल करने के लिए किया जाता है। यह प्रोटोकॉल एडमिनिस्ट्रेटर को नेटवर्क डिवाइस को कनेक्ट करने तथा मांगे करनी की सुविधा देता है।

PPP (point to point protocol)

इसका पूरा नाम पॉइंट तो पॉइंट प्रोटोकॉल होता है PPP नेटवर्क के लिए डायल अप कनेक्शन उपलब्ध करता है सामान्यता PPP का प्रयोग इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अपने ग्राहकों को इंटरनेट से कनेक्ट करने के किया जाता है |

SMTP (simple mail transport protocol)

इसका पूरा नाम सिंपल मेल ट्रांसपोर्ट प्रोटोकॉल होता है। यह प्रोटोकॉल इंटरनेट पर सो मैसेज ट्रांसफर एजेंट के मध्य E-mail के आदान प्रदान को कण्ट्रोल करता है इंटरनेट की ईमेल प्रणाली सो उप प्रणालियों —यूजर एजेंट और मैसेज ट्रांसफर एजेंट का प्रयोग करती है यूजर एजेंट प्रयोगकर्ता को ईमेल पड़ने और भेजने की अनुमति देता है एव् मैसेज ट्रांसफर एजेंट मैसेज को सोर्स दे लक्ष्य पर मूव करता है |

POP3 /IMAP4

इसका पूरा नाम पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल वर्शन 3 / इंटरनेट मैसेज एडवरटाइजिंग प्रोटोकॉल वर्शन 4 है POP3 ईमेल संदेशो को प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक लोकल प्रोटोकॉल है इसका प्रयोग अधिकतर इंटनेट सेवा प्रदाता द्वारा किया जाता है POP3 सर्वर एक ही इनबॉक्स लो एक्सेस करने की अनुमति देते है। IMAP4 प्रोटोकॉल उन प्रयोगकर्ताओ को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है जो एक से अधिक कंप्यूटर लो प्रयोग करते है IMAP4 सर्वर ईमेल को एक्सेस करने के लिए सर्वर के एक से अधिक फोल्डर को एक्सेस करने की अनुमति देते है।


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