Working of Internet(इंटरनेट की कार्यप्रणाली )

क्या आप जानते है इंटरनेट कैसे चलता है ? इसका स्वामी कौन होता है ? अगर नहीं तो चलिए आज हम इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते है| आपको बता दे की इंटरनेट का कोई स्वामी नही होता | इसको हैंडल करने के लिए कुछ ग्रुप ,समिति ,बोर्ड होते है पर इसका कोई मालिक नही होता है |अब बात आती है की इंटरनेट काम कैसे करता है तो आइये जानते है की इंटरनेट की कार्यप्रणाली के बारे में-

जैसे आप कही से भी अपने रिलेटिव या अपने फ्रेंड को मैसेज सेंड करते है और वह कुछ ही सेकंड में उस मैसेज को पढ़ कर आपको रिप्लाई देते है ये पूरा काम कुछ ही सेकंड में होता है पर सोचने वाली बात है ,ये होता कैसे है ?

हम इंटरनेट को समझने के लिए इसे तीन पार्ट में बांटते है पहला पार्ट होता है सर्वर जिसमे सारी इनफार्मेशन सेव होती है, दूसरा पार्ट इंटरनेट सर्वर प्रोवाइडर होता है जो सर्वर से हमे इनफार्मेशन सेंड करता है | इंटरनेट कण्ट्रोल आर्गेनाइजेशन ने पूरे वर्ल्ड में इंटरनेट कनेक्शन प्रदान करने के लिए हर एक देश में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को सेलेक्ट किया हुआ है |

तीसरा पार्ट होता है आपके मोबाइल का ब्राउज़र जिससे आप इनफार्मेशन सर्च करते है जब हम किसी भी इमेज या video को हमारे ब्राउज़र में search करते है ,तो ये request पहले हमारे internet service provider के पास जाती है ये net provider, server पर search करता है, इसके बाद server उस इनफार्मेशन को internet service provider को भेजता है और internet service provider इनफार्मेशन को हमें भेजता है | यह प्रोसेस काफी तेजी होती है जिससे हमें कुछ ही second में इनफार्मेशन मिल जाती है|

विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) हमारे देश का प्रमुख ISP है इंटरनेट यूजर के लिए इंटरनेट कनेक्शन लेने के लिए दो टाइप के कनेक्शन उपलब्ध होते है|

  • डायल अप ( dial-up )
  • लीज लाइन (lease line)

जब यूजर डायल अप कनेक्शन लेता है तब उस कनेक्शन के अंतर्गत ISP उसे एक स्पेशल टेलीफ़ोन नंबर देता है| जब भी यूजर इन्टरनेट यूज़ करता है यूजर के कंप्यूटर से वह नंबर डायल होता है और जब यह नंबर ISP के द्वारा दिए गए नम्बर से मैच होता है,तब यूजर और ISP के कंप्यूटर आपस में जुड़ जाते है और यूजर का कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ जाता है | यूजर इंटरनेट के जरिये किसी भी कंप्यूटर से जुड़ कर इनफार्मेशन को सेंड या रिसीव कर सकता है|

डायल आप कनेक्शन की स्पीड 2400 bps से 56 Kbps तक होती है और कंप्यूटर बंद होने पर नेट कनेक्शन भी हट जाता हैं| एक जनरल यूजर इस कनेक्शन का उपयोग करता है क्योंकि ये काफी सस्ता होता है |जब आप इन्टरनेट कनेक्शन लेते है तो आपको एक तय फीस देनी होती है ,उसी प्रकार डायलअप कनेक्शन में विभिन्न प्रकार के ISP इंटरनेट कनेक्शन के लिए फीस तय करते है| ये फीस एक निश्चित समय के लिए होती है |ये अवधि कुछ घंटो,महीनो या एक साल तक की होती है।


अगर आप लीज लाइन कनेक्शन लेते है तो यूजर के लिए अलग से ही एक केबल खींची जाती है इस कनेक्शन में यूजर का कंप्यूटर हमेशा इंटरनेट से जुड़ा रहेगा और इस कनेक्शन मे कोई नंबर डॉयल नहीं करना पड़ता है,लेकिन लीज लाइन में इंटरनेट कनेक्शन फीस काफी अधिक होती है|अब एक नया कनेक्शन ब्रांडबैंड इंटरनेट सेवा भी स्टार्ट हो गई है, इस सेवा का प्रयोग आप अपने टेलीफ़ोन और मोबाइल के जरिये कर सकते है | इस सेवा के लिए यूजर को स्टार्टिंग में फीस के साथ -साथ हर एक मंथ में एक निश्चित फीस भी देनी होती है।

 


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