आज हम जिस कम्प्यूटर को इस्तेमाल करते हैं वह कई दशकों और सैकड़ों वैज्ञानिकों के प्रयास का नतीजा हैं। आइए एक नजर कम्प्यूटर के विकास के इतिहास पर डालते हैं| इस पोस्ट में साल 1652 से 1960 के बारे में दिया गया है|
1952
इस वर्ष यूनीवके-1 नामक कम्प्यूटर को अमेरिकन सेंसेज ब्यूरो को डिलीवर किया गया। यह पहला कमर्शियल कम्प्यूटर था। जिसने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
1953
आईबीएम नामक कंपनी ने अपने पहले इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर 701 को इस वर्ष मार्केट में उतारा।
1954
इस वर्ष सिलीकॉन पर आधारित जंगसन ट्रांजिस्टर को गार्डन टील जो कि टैक्सास के वैज्ञानिक थे, के द्वारा बनाया गया। इसकी वजह से कम्प्यूटरों की कीमत में जबरदस्त गिरावट आई। इसी वर्ष आईबीएम अर्थात इंटरनेशनल बिजनेस मशीन नामक कंपनी ने 650 मैग्नेटिक ड्रम कैलकुलेटर नामक कम्प्यूटर को बनाया और यह कम्प्यूटर एक साल में 450 की संख्या में बिका।
1955
बेल लेब्रोट्रीज ने इस वर्ष यह घोषणा की कि उन्होंने टीआरएडीआईसी नामक पहले पूरी तरह से ट्रांजिस्टर पर आधारित कम्प्यूटर को बनाया हैं।
1956
एम आईटी रिसर्च के द्वारा टीएक्स शून्य नामक पहला जनरल परपज प्रोग्रामबेल कम्प्यूटर ट्रांजिस्टरों के द्वारा बनाया गया।
1958
इस वर्ष जैक किल्बी नामक वैज्ञानिक ने इंटीग्रेटेड सर्किट बनाया। जिसमें रजिस्टर्स और कैपिस्टर्स को भी सेमी कंडक्टर पीस के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। यह काम टैक्सास इंस्टूमेंट नामक कंपनी के तत्वाधान में किया गया।
1959
इस वर्ष आईबीएम नामक कंपनी ने सात हजार सीरीज के मेनफ्रेम कम्प्यूटरों को बाजार में उतारा। यह कंपनी के पहले ट्रांजिस्टर पर आधारित कंम्प्यूटर थे।
1960
इस वर्ष पीडीपी-1 नामक मिनी कम्प्यूटर को एक लाख बीस हजार डॉलर में बेचा गया। इसी वर्ष रॉबर्ट न्वाइस नामक वैज्ञानिक ने इंटीग्रेटेड सर्किट का अविष्कार किया। इसके द्वारा सिलीकॉन सार्फिस पर सर्केट की प्रिंटिग की शुरूआत हुई।