आज हम जिस कम्प्यूटर को इस्तेमाल करते हैं वह कई दशकों और सैकड़ों वैज्ञानिकों के प्रयास का नतीजा हैं। आइए एक नजर कम्प्यूटर के विकास के इतिहास पर डालते हैं| इस पोस्ट में साल 1991 से 2000 के बारे में दिया गया है|
1993
इस वर्ष इंटेल ने अपना पेंटियम अर्थात पी-5 प्रोसेसर बाजार में उतारा। इसी के साथ इंटेल ने मदरबोर्ड चिप सेट को भी लांच किया जो कि पहली बार उनके द्वारा बनाया गया एक संपूर्ण मदरबोर्ड था।
1995
इस वर्ष इंटेल ने पेंटियम प्रो प्रोसेसर को बनाया। जो कि पहला पी-6 प्रोसेसर फैमिली का प्रोसेसर हैं। 1995 में ही माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 95 को रिलीज किया। यह पहला मेन स्ट्रीम 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम था।
1997
इस वर्ष पेंटियम-2 प्रोसेसर को बाजार में रिजीज किया। यह वास्तव में पेंटियम प्रो और MMX टेक्नोलॉजी का मिला-जुला रूप था। 1997 मे ही एमडी नामक कंपनी के K-6 नामक एक ऐसा प्रोसेसर बाजार में लांच किया जो पी-5 के समतुल्य था और कीमत में काफी कम था।
1998
इस वर्ष माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन के द्वारा विंडोज 98 को एक संपूर्ण ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में बाजार में उतरा गया। इसी वर्ष इंटेल ने सेलेरॉन नामक प्रोसेसर जिसकी कीमत कम थी बाजार में लांच किया। यह प्रोसेसर वास्तव में-2 प्रोसेसर का एक ऐसा रूप था जिसमें L-2 नामक कैश मेमोरी की मात्रा कम कर दी गई थी।
1999
इस वर्ष इंटेल ने पेंटियम-3 नामक प्रोसेसर को बाजार में रिलीज किया। यह प्रोसेसर पेंटियम-2 और स्ट्रीमिंग SIMD एक्सटेंशन तकनीक से युक्त था। 1999 में में ही एएमडी ने अपना एथलॉन प्रोसेसर बाजार में उतारा।
2000
इस वर्ष माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ME को बाजार में लांच किया। यह विंडोज का मिलेनियम एडिशन था जिसे विंडोज 2000 भी कहा गया। इसी वर्ष इंटेल और एएमडी ने एक गेगाहर्ट्ज की गति से काम करने प्रोसेसरों को विकसित किया। इसी वर्ष AMD नामक कंपनी ने ड्यूरॉन नामक प्रोसेसर भी बाजार में उतारा।
तो यह था आज प्रयोग किये जा रहे कम्प्यूटर का विकास क्रम। अगले अध्यायों में आप कम्प्यूटर के उन तत्वों का अध्ययन करेंगे जिनसे मिलकर यह बनता हैं।