एमएस एक्सेस में डेटाबेस डिजाइन कैसे करे

एमएस एक्सेस में डेटाबेस डिजाइन (Database Design in MS Access)

डेटाबेस डिजाइन एक डेटाबेस के विस्तृत डेटा मॉडल को प्रोड्यूस करने की प्रक्रिया है डेटाबेस डिजाइन टर्म एक संपूर्ण डेटाबेस सिस्टम के डिजाइन के बहुत सारे भिन्न भागों का वर्णन करने के लिए प्रयोग की जाती है डेटाबेस डिजाइन के मुख्य टाइप निम्नलिखित हैं|

  • Gathering and Analysis Design
  • Conceptual design
  • Logical design
  • Physical design

1. Gathering and analysis Design

डेटाबेस डिजाईन प्रक्रिया का सबसे मुख्य भाग आवश्यकता अनुसार जानकारी को इकट्ठा करना हैं जो डेटाबेस तैयार करना हैं उसके बारे में जानकारी को ढूढना फिर उन जानकारियों को इकठ्ठा करना ही डेटाबेस डिजाईन का पहला चरण हैं

Gathering and analysis Design के टूल्स :-

A – on site observation
B – Interview
C – Manual and Documentation
D – Questionnaire

A – जहाँ का भी डेटाबेस तैयार करना हैं वहां खड़े होकर observe करना अर्थात यह देखना कि वहां क्या क्या हो रहा हैं किस तरह कार्य किया जा रहा है कार्य को करने की क्या प्रक्रिया हैं आदि |

B – Observe करने के बाद उस व्यक्ति का Interview लेना जिससे जानकारी प्राप्त करना हैं |

C – आवश्यकताओं का संकलन साधारण: संगठन के यूजरों से पूछताछ करके किया जाता हैं बड़ी संस्थाओ में यह कार्य काफी समय लगाने व थकाने वाला होता हैं इसलिए सिर्फ एक ही व्यक्ति से पूछताछ की जाती हैं परन्तु इससे डाटा का जानकारी अधूरी प्राप्त हो पाती हैं

D – जानकारी को इकट्ठा करने का एक दूसरा तरीका प्रश्नावलियों का उपयोग हैं अनुभव द्वारा प्रभावशाली प्रश्नवली बनाकर उन्हें लोगों में बाँट दिया जाता हैं उनके उत्तर फॉर्म के रूप में एकत्र कर लिए जाते हैं


2. Conceptual design

डेटाबेस से सम्बंधित जानकारों को एकत्रित करने के बाद उस डाटा पार विचार किया जाता हैं कि जो जानकारी एकत्रित की गई हैं वह सही हैं या नहीं |

एक बार डेटाबेस डिजाइनर उस डाटा के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेता है जो डेटाबेस में स्टोर होनी है तब वह यह निर्धारित करता है कि कहां पर डाटा में निर्भरता है कभी-कभी जब data बदल जाता है तो वे अपने आप दूसरे डेटा को बदल सकते हैं जो उचित नहीं होता है जैसे नाम तथा एड्रेस की एक लिस्ट में एक स्थिति की कल्पना करते हैं जहां एक से अधिक व्यक्ति एक जैसे एड्रेस को रख सकते हैं लेकिन एक व्यक्ति एक से अधिक एड्रेस को नहीं रख सकता नाम एड्रेस पर निर्भर करता है क्योंकि यदि एड्रेस भरना है तो उससे संबंधित नाम भी भिन्न होता है अतः एक एट्रिब्यूट बदला जा सकता है दूसरा नहीं बदला जा सकता|

Conceptual design के टूल्स :-

A – ER Diagram
B – Relationship
C – Normalization
D – Anomaly check

3. Logical Design (लॉजिकल डिजाइन)

डेटाबेस का दूसरा चरण लॉजिकल डिजाइन होता है डेटाबेस डिजाइन करते समय आवश्यक जानकारियों को इकट्ठा करने के बाद उस इंफॉर्मेशन को अलग-अलग बांट कर Data का लॉजिकल स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है|
लॉजिकल डिजाइन डेटाबेस के विस्तृत वर्णन के बारे में सोच है जैसे डेटाबेस में क्या इंफॉर्मेशन स्टोर होगी किस टाइप की इंफॉर्मेशन स्टोर होगी आदि|

4. Physical Design (फिजिकल डिजाइन)

डेटाबेस का तीसरा चरण डेटाबेस डिजाइन को फिजिकली डिजाइन करना है अर्थात आवश्यक सूचनाओं को इकट्ठा करने उनके बारे में विस्तृत जानकारी निकालने के बाद उस डाटा को भौतिक रूप से प्रयोग में लाया जाता है|
डेटाबेस की फिजिकल डिजाइन स्टोरेज मीडिया पर डेटाबेस के फिजिकल कॉन्फ़िगरेशन को specify करता है फिजिकल डिजाइन डेटाबेस के सबसे नीचे के लेवल के डेटा का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है फिजिकल डिजाइन के अंतर्गत डेटाबेस के वास्तविक स्ट्रक्चर को डिजाइन किया जाता है|


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