सेकेंडरी मेमोरी क्या हैं? (What is Secondary Memory)
Secondary Storage Device को Auxiliary Storage Device भी कहा जाता है। यह कम्प्यूटर का भाग नही होती है। इसको कम्प्यूटर में अलग से जोडा जाता है। इसमें जो डाटा स्टोर किया जाता है। वह स्थाई होता है। अर्थात् कम्प्यूटर बंद होने पर इसमें स्टोर डाटा डिलीट नही होता है। आवश्यकता के अनुसार इसको भविष्य में इसमें सेव फाईल या फोल्डरों को खोल कर देख सकते है। या इसमें सुधार कर सकते है। एवं इसको यूजर के द्वारा डिलिट भी किया जा सकता है। इसकी Storage क्षमता अधिक होती है Secondary Storage Device में Primary memory की अपेक्षा कई गुना अधिक डाटा स्टोर करके रख सकते हैं, जो की स्थानांतरणीय (Transferable) होता हैं एवं डाटा को ऐक्सेस करने कि गति Primary Memory से धीमी होती है। Secondary Memory में फ्लॉपी डिस्क, हार्डडिस्क, कॉम्पेक्ट डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव आदि आते हैं|
अगर आप कंप्यूटर के बारे में नए तरीके से जानना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए ऑडियो लेसन को जरुर सुने| यह ऑडियो तेजेंद्र ठाकुर द्वारा हमारी वेबसाइट के लिए रिकॉर्ड किया गया है|
Hard Disk
Hard Disk या HDD एक ही बात है, ये एक physical disk होती है जिसको हम अपने computer की सभी छोटी बड़ी files store करने के लिये प्रयोग करते है। Hard disk और RAM मे ये फर्क होता है कि, Hard disk वो चीज है जो store करने के काम मे आती है, लेकिन RAM उस storage मे रखी चीजो को चलाने के काम में आती है। जब हम computer को बन्द करते है तो RAM मे पडी कोई भी चीज साफ हो जाती है। लेकिन HDD मे computer बन्द होने पर भ्ाी data erase नही होता।
Hard disk के अन्दर एक disk घुमती है, जितनी तेज disk घुमती है उतनी ज्यादा तेजी से ये Data को store या read कर सकती है। Hard disk के घुमने की speed को हम RPM (Revolutions Per Minute) मे नापते है। ज्यादातर Hard disk 5400 RPM या 7200 RPM की होती है, जाहिर सी बात है 7200 RPM की hard disk 5400 RPM वाली से ज्यादा तेज होती है।
संरचना एवं कार्यविधि
हार्डडिस्क चुम्बकीय डिस्क से मिलकर बनी होती है। इसमें डाटा को पढ़ने एवं लिखने के लिये एक हेड होता है। हार्डडिस्क में एक central shaft होती है। जिसमें चुम्बकीय डिस्क लगी रहती है। हार्डडिस्क की ऊपरी सतह पर एवं निचली सतह पर डाटा को स्टोर नहीं किया जाता है। बाकि सभी सतहों पर डाटा को स्टोर किया जाता है। डिस्क की प्लेट में Track and Sector होते है। सेक्टर में डाटा स्टोर होता है, एक सेक्टर में 512 बाइट डाटा स्टोर होता है।
डाटा को स्टोर एवं पढ़ने के लिये तीन तरह के समय लगते है। जो निम्न है।
1. Seek Time:-. डिस्क में डाटा को रीढ या राईट करने वाले Track तक पहुँचने में लगा समय सीक टाइम कहलाता है।
2. Latency time:- Track में डाटा के Sector तक पहुँचने मे लगा समय लेटेंसी टाईम कहलाता है।
3. Transfer Rate:- Sector में डाटा को लिखने एवं पढने में जो समय लगता है। उसे Transfer Rate कहा जाता है।
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
यह प्लास्टिक की बनी होती है जिस पर फेराइट की परत पड़ी रहती है | यह बहुत लचीली प्लास्टिक की बनी होती है| इसलिए इसे फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) कहते है| जिस पर प्लास्टिक का कबर होता है| जिसे जैकेट कहते है| फ्लॉपी (Floppy) के बीचों-बीच एक पॉइंट (Point) बना होता है जिससे इस ड्राइव (Drive) की डिस्क (Disk) घूमती है| इसी फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) में 80 डेटा ट्रेक (Data track) होते है और प्रत्येक ट्रेक (Track) में 64 शब्द स्टोर (Store) किये जा सकते है| यह मेग्नेटिक टेप (Magnetic tape) के सामन कार्य करती है| जो 360 RPM प्रति मिनिट की दर से घूमती है| जिससे इसकी Recording head के ख़राब हो जाने की समस्या उत्पन्न होती है|
आकर की द्रष्टि से फ्लॉपी (Floppy) दो प्रकार की होती है :-
5½ व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
3½ व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
5½ व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) – इसका अविष्कार सन 1976 में किया गया था तथा यह भी प्लास्टिक की जैकेट से सुरक्षित रहती है| इसकी संग्रह क्षमता 360 KB से 2.44 MB तक की होती है |
3½ व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) – इसका प्रयोग (use) सर्वप्रथम एप्पल कंप्यूटर (Apple computer) में किया गया था| जो पिछली फ्लॉपी की अपेक्षा छोटी होती है| इसकी संग्रह क्षमता 310 KB से 2.88 MB तक होती है|
Magnetic Tape
Magnetic tape भी एक Storage Device हैं जिसमे एक पतला फीता होता हैं जिस पर Magnetic Ink की Coading की जाती हैं इसका प्रयोग Analog तथा Digital Data को Store करने के लिए किया जाता हैं | यह पुराने समय के Audio कैसिट की तरह होता हैं Magnetic Tape का प्रयोग बड़ी मात्रा में डाटा Store करने के लिए किया जाता हैं| यह सस्ते होते हैं| आज भी इसका प्रयोग data का Backup तैयार करने के लिए किया जाता हैं |
Optical Disk
Optical Disk एक चपटा, वृत्ताकार पोलिकर्बिनेट डिस्क होता है, जिस पर डाटा एक Flat सतह के अन्दर Pits के रूप में Store किया जाता हैं इसमें डाटा को Optical के द्वारा Store किया जाता है|
ऑप्टिकल डिस्क दो प्रकार की होती है।
CD:- सबसे पहले बात करते है सीडी की, सीडी का हम काम्पैक्ट डिस्क के नाम से भी पुकारते हैं ये एक ऐसा ऑप्टिकल मीडियम होता है जो हमारे डिजिटल डेटा का सेव करता है। एक समय था जब हम रील वाले कैसेट प्रयोग करते थी, सीडी के अर्विष्कार ने ही बाजार में कैसेटों को पूरी तरह से खत्म कर दिया। एक स्टैंडर्ड सीडी में करीब 700 एमबी का डेटा सेव किया जा सकता है। सीडी में डेटा डॉट के फार्म में सेव होता है, दरअसल सीडी ड्राइव में लगा हुआ लेजर सेंसर सीडी के डॉट से रिफलेक्ट लाइट का पढ़ता है और हमारी डिवाइस में इमेज क्रिएट करता है।
DVD:- डीवीडी यानी डिजिटल वर्सटाइल डिस्क, सीडी के बाद डीवीडी का आगाज हुआ वैसे तो देखने में दोनों सीडी और डीवीडी दोनों एक ही जैसे लगते है मगर इनकी डेटा कैपसेटी में अंतर होता है सीडी के मुकाबले डीवीडी में ज्यादा डेटा सेव किया जा सकता है। मतलब डीवीडी में यूजर करीब 4.7 जीबी से लेकर 17 जीबी तक डेटा सेव कर सकता है। डीवीडी के आने के बाद बाजार में सीडी की मांग में भारी कमी देखी गई।
Flash Drive
Pen Drive को ही Flash Drive के नाम से जाना जाता हैं आज कल सबसे ज्यादा Flash Drive का Use डाटा Store करने के लिए किया जाता है यह एक External Device है जिसको Computer में अलग से Use किया जाता हैं | यह आकार में बहुत छोटे तथा हल्की भी होती हैं, इसमें Store Data को पढ़ा भी जा सकता है और उसमे सुधार भी किया जा सकता हैं |
Flash Drive में एक छोटा Pried Circuit Board होता है जो प्लास्टिक या धातु के Cover से ढका होता हैं इसलिए यह मजबूत होता है | यह Plug-and-Play उपकरण है | आज यह सामान्य रूप से 2 GB, 4 GB, 8 GB, 16 GB, 32 GB, 64 GB, 128 GB आदि क्षमता में उपलब्ध हैं|
Memory Card
मेमोरी कार्ड छोटा स्टोरेज माध्यम माना जाता है जिसका उपयोग आमतौर पर सूचनाओं को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। मेमोरी कार्ड एक प्रकार का स्टोरेज मीडिया है जो अक्सर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में फोटो, वीडियो या अन्य डेटा स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है। आमतौर पर मेमोरी कार्ड का उपयोग करने वाले उपकरणों में डिजिटल कैमरा, डिजिटल कैमकोर्डर, हैंडहेल्ड कंप्यूटर, एमपी 3 प्लेयर, पीडीए, सेल फोन, गेम कंसोल और प्रिंटर शामिल हैं। इसका उपयोग छोटे, पोर्टेबल और दूरस्थ कंप्यूटर उपकरणों के लिए भी किया जाता है।
मेमोरी कार्ड के प्रकार के आधार पर स्टोरेज स्पेस की मात्रा में भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, सामान्य तौर पर, अधिकांश मेमोरी कार्ड आज आकार में 4 जीबी (गीगाबाइट) से लेकर 128 जीबी तक होते हैं। पुराने मेमोरी कार्ड 4 जीबी से भी छोटे होते थे|
बाजार पर विभिन्न प्रकार के मेमोरी कार्ड उपलब्ध हैं, सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले प्रकार के मेमोरी कार्ड की अधिक जानकारी के लिंक नीचे सूचीबद्ध हैं।
- CF (CompactFlash)
- MicroSD
- MMC
- SD Card
- SDHC Card
- SmartMedia Card
- Sony Memory Stick
- xD-Picture Card
Zip Drive
ज़िप ड्राइव एक छोटी, पोर्टेबल डिस्क ड्राइव है जिसका उपयोग मुख्य रूप से व्यक्तिगत कंप्यूटर फ़ाइलों का बैकअप लेने और स्टोर करने के लिए किया जाता है। ट्रेडमार्क युक्त ज़िप ड्राइव को 1990 के मध्य में Iomega Corporation द्वारा विकसित किया गया था। जिप ड्राइव और डिस्क दो आकारों में आते हैं। 100 मेगाबाइट का आकार वास्तव में 100,431,872 बाइट डेटा या 70 फ़्लॉपी डिस्केट के बराबर होता है। 250 मेगाबाइट ड्राइव और डिस्क भी है। Iomega ज़िप ड्राइव एक सॉफ़्टवेयर उपयोगिता के साथ आता है जो आपको अपनी हार्ड ड्राइव की संपूर्ण सामग्री को एक या अधिक ज़िप डिस्क पर कॉपी करने देता है। यह लॉन्च के समय लोकप्रिय था क्योंकि प्रति स्टोरेज इकाई लागत हार्ड डिस्क की तुलना में कम थी, और यह एक फ्लॉपी डिस्क की तुलना में बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर कर सकती थी। ज़िप ड्राइव तेजी से डेटा ट्रान्सफर करने में सक्षम टिकाऊ और विश्वसनीय थी|
Magnetic Disk
मैग्नेटिक डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है जो डेटा को Write, Rewrite और Access करने के लिए मैग्नेटाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग करता है। यह एक चुंबकीय कोटिंग के साथ कवर किया गया है और ट्रैक्स, स्पॉट और सेक्टर के रूप में डेटा संग्रहीत करता है। हार्ड डिस्क, जिप डिस्क और फ्लॉपी डिस्क चुंबकीय डिस्क के सामान्य उदाहरण हैं।
चुंबकीय डिस्क में मुख्य रूप से एक घूर्णन चुंबकीय सतह (rotating magnetic surface) और एक यांत्रिक भुजा (mechanical arm) होती है जो उस पर चलती है। मैकेनिकल आर्म का उपयोग डिस्क से पढ़ने और लिखने के लिए किया जाता है। चुंबकीय डिस्क पर डेटा को एक चुंबकीयकरण प्रक्रिया का उपयोग करके पढ़ा और लिखा जाता है। डेटा को डिस्क पर ट्रैक और सेक्टर के रूप में व्यवस्थित किया जाता है, जहां ट्रैक डिस्क के परिपत्र विभाजन होते हैं। ट्रैक को उन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है जिनमें डेटा के ब्लॉक हैं। चुंबकीय डिस्क पर सभी पढ़ने और लिखने का कार्य क्षेत्रों पर किया जाता है।
Good knowledge of computer fundamentals
thank you.
Kya data h. Isme kafi kuch bta diya h. Is type ka data nhi milta khi bhi