कंप्यूटर के अविष्कार से लेकर अब तक कंप्यूटर ने मनुष्य के जीवन को बहुत ही आसान बना दिया हैं यह मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है| कंप्यूटर हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है, जिससे हमारे काम करने, संचार करने और जानकारी तक पहुंचने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आया है |
दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Types of Computer (कंप्यूटर के प्रकार) के बारें में चर्चा करेंगे| इसे बहुत ही आसान भाषा में समझाया गया है| इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा तो चलिए शुरू करते हैं:-
कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer)
Computer को तीन आधारों पर वर्गीकृत किया गया हैं-
- कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Mechanism)
- उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)
- आकार के आधार पर (Based on Size)
कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Mechanism)
कार्यप्रणाली के आधार पर इन्हें तीन भागो Analog, Digital, and Hybrid में वर्गीकृत किया गया हैं|
एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
Analog Computer एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर है जिसका उपयोग Analog Data को Process करने के लिए किया जाता है यह Computer भौतिक मात्राओ, जैसे- दाब (Pressure), तापमान (temperature), लम्बाई (Length), ऊचाई (Height) आदि को मापकर उनके परिमाप अंको में व्यक्त करते है ये Computer किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते है जैसे- थर्मामीटर |
Analog Computer मुख्य रूप से विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रयोग किये जाते है क्योकि इन क्षेत्रो में मात्राओ का अधिक उपयोग होता हैं| उदाहरणार्थ, एक पट्रोल पम्प में लगा Analog Computer, पम्प से निकले पट्रोल कि मात्रा को मापता है और लीटर में दिखाता है तथा उसके मूल्य कि गणना करके Screen पर दिखाता हैं|
एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण –
Speedometer (स्पीडोमीटर) – यह एक एनालॉग कंप्यूटर है जिसका इस्तेमाल कार की स्पीड को मापने के लिए किया जाता है।
Auto Gasoline Pump (ऑटो गैसोलिन पंप) – यह पेट्रोल की मात्रा को कैलकुलेट करता है और इसके साथ साथ यह पेट्रोल के मूल्य को भी कैलकुलेट करता है।
Thermometer (थर्मोमीटर) – यह भी analog Computer है जिसका इस्तेमाल हॉस्पिटल में मरीज के तापमान (temperature) को मापने के लिए किया जाता है।
एनालॉग कंप्यूटर की विशेषताएं
- यह कंप्यूटर ट्रांसड्यूसर की मदद के बिना गणना करने की अनुमति देता है।
- इसमें बहुत सारी वैल्यू को एक साथ कैलकुलेट किया जा सकता है।
- एनालॉग कंप्यूटर के कार्य करने की स्पीड काफी धीमी होती है।
- एनालॉग कंप्यूटर ज्यादातर मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल मशीन होते हैं जो जोड़, गुणा, घटाव और भाग जैसे कार्य कर सकते हैं।
डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer)
वह कंप्यूटर जो बाइनरी संख्या (0 और 1) पर काम करते है, उसे डिजिटल कंप्यूटर कहा जाता है। सबसे पहले डिजिटल कंप्यूटर को 1940 के दशक में विकसित किया गया था, तब इसे सिर्फ गणितीय कार्य करने के लिए ही विकसित किया गया था| डिजिटल कंप्यूटर किसी भी काम को करने के लिए बाइनरी नंबर (0, 1) का उपयोग करता है क्योंकि यह कंप्यूटर केवल अंकों यानी 0 और 1 को समझता है| डिजिटल कंप्यूटर के पास स्टोरेज डिवाइस होता है जिसके द्वारा ये बड़ी मात्रा में डेटा स्टोर करने में सक्षम होते हैं. इनकी प्रोसेसिंग स्पीड भी बहुत तेज होती है और इनका इस्तेमाल दैनिक जीवन में भी किया जाता है.
डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण –
- Apple Mac
- Calculator
- IBM PC
- Digital Clock
डिजिटल कंप्यूटर की विशेषताएं
- इसमें डेटा को डिजिटल रूप में प्रोसेस किया जाता है। यह तेज गति से कार्यो को पूरा करता है।
- डिजिटल कंप्यूटर में हम बड़ी मात्रा में जानकारी को स्टोर कर सकते हैं।
- यह स्टोर डेटा को आवश्यकता के अनुसार पुनप्राप्त (retrieve) कर सकता है।
- यह ज्यादा महंगे नहीं होते।
हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer)
हाइब्रिड कंप्यूटर एक अनोखा कंप्यूटर है अत: वे Computer जिनमे Analog Computer और Digital Computer दोनों के गुण हो Hybrid Computer कहलाते है जैसे- पेट्रोल पम्प की मशीन भी एक Hybrid Computer हैं|
हाइब्रिड कंप्यूटर Analog Data प्राप्त करता है और इसे process करने से पहले इसे Digital Data में परिवर्तित करता है | दूसरे शब्दों में कहें तो इसका मुख्य कार्य एनालॉग डेटा को डिजिटल फॉर्मेट में परिवर्तित करना है | Hybrid Computer का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे petrol pumps, aeroplanes, hospitals और scientific research में किया जाता है |
Hybrid Computer के उदाहरण-
Speedometer – कार में स्पीडोमीटर एक हाइब्रिड कंप्यूटर है जो वाहन की गति को मापता है |
Thermometer – अस्पताल मरीज के शरीर के तापमान को सटीक रूप से मापने के लिए थर्मामीटर में हाइब्रिड कंप्यूटर का उपयोग करते हैं |
Auto Gasoline Pump – एक ऑटो गैसोलीन पंप हाइब्रिड कंप्यूटर का एक और उदाहरण है | यह गैसोलीन की मात्रा की गणना करता है और उसकी लागत निर्धारित करता है |
Hybrid Computer की मुख्य विशेषताएं-
- हाइब्रिड कंप्यूटर अपनी तेज़ और कुशल गणना क्षमताओं के लिए जाने जाते हैं। वे तेज़ गति से गणना करते हैं और तुरंत परिणाम देते हैं |
- हाइब्रिड कंप्यूटर जटिल समीकरणों को कुशलतापूर्वक हल करने में सक्षम हैं, जो उन्हें जटिल गणितीय समस्याओं से निपटने के लिए आदर्श बनाते हैं |
- हाइब्रिड कंप्यूटर Online Data Processing के लिए उपयुक्त हैं, जिससे वास्तविक समय में Analysis and Decision लेने की अनुमति मिलती है |
उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)
Computer को उद्देश्य के आधार पर दो भागो में Special Purpose और General Purpose के आधार पर वर्गीकृत किया गया हैं|
विशेष उद्देश्य के लिए (Special Purpose)
Special Purpose Computer ऐसे Computer है जिन्हें किसी विशेष कार्य के लिये तैयार किया जाता है इनके C.P.U. की क्षमता उस कार्य के अनुरूप होती है जिसके लिये इन्हें तैयार किया जाता हैं| जैसे- अन्तरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान, उपग्रह संचालन, अनुसंधान एवं शोध, यातायात नियंत्रण, कृषि विज्ञान, चिकित्सा आदि |
सामान्य उद्देश्य के लिए (General Purpose)
General Purpose Computer ऐसे Computer है जिन्हें सामान्य उद्देश्य के लिये तैयार किया गया है इन Computer में अनेक प्रकार के कार्य करने कि क्षमता होती है इनमे उपस्थित C.P.U. की क्षमता तथा कीमत कम होती हैं| इन Computers का प्रयोग सामान्य कार्य हेतु जैसे- पत्र (Letter) तैयार करना, दस्तावेज (Document) तैयार करना, Document को प्रिंट करना आदि के लिए किया जाता हैं|
आकार के आधार पर (Based on Size)
Computer को आकार के आधार पर हम निम्न श्रेणियों में बाँट सकते है –
सुपर कंप्यूटर (Super Computer)
सुपर कंप्यूटर आकार में सबसे बड़े होते है। यह काफी तेज कंप्यूटर होते है जो अपने कार्यो को बहुत कम समय में पूरा कर देते है। सुपर कंप्यूटर का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है। सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग से संबंधित कार्यो के लिए भी किया जाता है जैसे :- Weather Forecasting (मौसम की भविष्यवाणी करना) , और परमाणु ऊर्जा अनुसंधान (nuclear energy research) में आदि।
पहला सुपर कंप्यूटर 1976 में रोजर क्रे (Roger Cray) के द्वारा विकसित (develop) किया गया था। इस कंप्यूटर का उपयोग चिकित्सा परीक्षणों (medical tests) के लिए भी किया जाता है।
यह दुनिया के सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर होते हैं| सुपर कंप्यूटर की स्पीड को FLOPS (Floating Point Operation Per Second) में मापा जाता है| यह एक सेकंड में अरबों निर्देशों (instructions) को प्रोसेस कर सकता है। इस कंप्यूटर में हजारो प्रोसेसर एक साथ आपस में जुड़े होते है जिसकी वजह से इस कंप्यूटर के काम करने की स्पीड तेज होती है।
सुपर कंप्यूटर के उदाहरण –
- परम 8000 (भारत का पहला super computer )
- IBM Summit
- Sunway TaihuLight
- NUDT Tianhe-2
- Cray HPE Trinity
सुपर कंप्यूटर की विशेषताएं
- यह कंप्यूटर काफी बड़े आकार के होते है।
- यह काफी महंगे कंप्यूटर होते है।
- सुपर कंप्यूटर के कार्य करने की गति (स्पीड) काफी तेज होती है।
- यह एक सेकंड में अरबो खरबो गणना करने में सक्षम होता है।
- सुपर कंप्यूटर की सुरक्षा बढ़ाने के लिए पासवर्ड को डिक्रिप्ट (Decrypt) किया जा सकता है।
मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
मिनी कंप्यूटर मध्यम आकार का कंप्यूटर होता है जो Micro Computer से कुछ अधिक गति व मेमोरी वाले होते है इनमे दो या दो से अधिक C.P.U. का इस्तेमाल किया जाता है, ये Micro Computer से महँगे होते हैं| मिनी Computer का उपयोग यातायात में यात्रियों के लिये आरक्षण-प्रणाली का संचालन और बैंको के बैंकिंग कार्यों के लिये होता हैं| मिनी कंप्यूटर को 1960 के दशक में IBM (इंटरनेशनल बिज़नस मशीन) के द्वारा विकसित किया था|
मिनी कंप्यूटर एक multi-user कंप्यूटर होता है, इसका मतलब यह है कि इसे एक समय में बहुत सारें यूजर इस्तेमाल कर सकते हैं| मिनी कंप्यूटर एक multi-tasking कंप्यूटर भी होता है, इसका मतलब यह है कि इसमें हम एक समय में एक से ज्यादा कार्य कर सकते हैं|
मिनी कंप्यूटर के उदाहरण –
- IBM AS/400
- Honeywell 200
- Motorola 68040
- MV 1500
मिनी कंप्यूटर की विशेषताएं
- यह मेनफ्रेम कंप्यूटर की तुलना में कम खर्चीला है। अर्थात् ये सस्ते होते हैं|
- यह काफी तेज गति से कार्यो को करता है।
- एक बार चार्ज करने पर यह लम्बे समय तक चलता है।
- यह कंप्यूटर एक समय में 4 से 200 यूजर को सपोर्ट करता है।
मेनफ्रेम कंप्यूटर (Main Frame Computer)
Main Frame Computer, Mini Computer से कुछ अधिक गति व क्षमता वाले Computer Main Frame Computer कहलाते हैं|ये Computer आकार में बहुत बड़े होते है इनमे अत्यधिक मात्रा के Data पर तीव्रता से Process करने कि क्षमता होती है इसीलिए इनका उपयोग बड़ी कंपनियों, बैंको, रेल्वे आरक्षण, सरकारी विभाग द्वारा किया जाता हैं| इसको 1950 के दशक में IBM (इंटरनेशनल बिज़नेस मॉडल) के द्वारा विकसित (develop) किया गया था। मेनफ़्रेम कंप्यूटर की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि यह बिना रुके दिन के 24 घंटे काम कर सकता है|
मेनफ़्रेम कंप्यूटर के उदाहरण –
- IBM zSeries
- System z9
- System z10
- ICL 39
- CDC Cyber
मेनफ़्रेम की विशेषताएं
- मेनफ़्रेम कंप्यूटर काफी महंगे होते है।
- इसकी performance काफी अच्छी होती है।
- इनकी स्टोरेज क्षमता अधिक होती है। अर्थात् यह बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर कर सकता है|
- मेनफ़्रेम कंप्यूटर में प्रोसेस के दौरान त्रुटि (error) होने की संभावना बहुत कम होती है। यदि किसी वजह से त्रुटि होती है तो यह प्रदर्शन को प्रभावित किए बिना उसे तुरंत ठीक कर देता है।
माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
इस Computer को Micro Computer दो कारणों से कहा जाता है पहला इस Computer में Micro Processor का प्रयोग किया जाता है दूसरा यह Computer दूसरे Computer कि अपेक्षा आकार में छोटा होता है Micro Computer आकार में इतना छोटा होता है कि इसको एक Study Table अथवा एक Briefcase में रखा जाता सकता हैं| यह Computer सामान्यतःसभी प्रकार के कार्य कर सकता है इसकी कार्य प्रणाली तो लगभग बड़े कंप्यूटर्स के सामान ही होती है परन्तु इसका आकार उनकी तुलना में कम होता हैं| इस Computer पर सामान्यतः एक ही व्यक्ति कार्य कर सकता हैं|
सबसे पहले Micro Computer का निर्माण 1970 के दशक में हुआ था| माइक्रो कंप्यूटर वजन में हल्के होते हैं और इनका मूल्य (price) भी बहुत कम होता है| यह एक मल्टीटास्किंग कंप्यूटर है अर्थात् इसमें हम एक समय में बहुत सारें कार्य कर सकते हैं जैसे कि – इंटरनेट चलाना, word में काम करना और गाने सुनना आदि। दुनिया के पहले माइक्रोकंप्यूटर का नाम माइक्रल था, जिसे Intel 8008 माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग करके बनाया गया था।
माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण –
- Smart watch (समार्ट वाच)
- Laptop (लैपटॉप)
- Desktop (डेस्कटॉप)
- Tablet (टेबलेट)
- Smart phone (स्मार्ट फ़ोन)
माइक्रो कंप्यूटर की विशेषताएं
- इसका आकार काफी छोटा होता है। इसलिए इसे आसानी से कही पर भी ले जाया जा सकता है।
- इसे आसानी से ख़रीदा जा सकता है। क्योंकि इनकी कीमत बहुत ही कम होती है।
- इसका प्रयोग केवल एक व्यक्ति के द्वारा किया जा सकता है।
- इसमें semiconductor chip का उपयोग किया जाता है।
- इसमें अलग अलग प्रकार के सॉफ्टवेयर को रन किया जा सकता है।
डेस्कटॉप या पर्सनल कंप्यूटर (Desktop/Personal Computer)
Desktop Computer एक ऐसा Computer है जिसे Desk पर सेट किया जाता है इसमें एक C.P.U., मोनिटर (Monitor), कि-बोर्ड (keyboard), तथा माउस (Mouse) होते हैं| इन्हें हम अलग अलग देख सकते हैं| Desktop Computer की कीमत कम होती है परन्तु इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना मुश्किल होता हैं|
इस कंप्यूटर का निर्माण सामान्य कार्यों को पूरा करने के लिए किया गया है। यह व्यक्तिगत उदेश्यो को पूरा करता है जैसे – असाइनमेंट बनाना, मूवी देखना, या ऑफिस के काम करना आदि।
पर्सनल कंप्यूटर के उदाहरण –
- डेस्कटॉप
- नोटबुक
- टेबलेट
- स्मार्टफोन
पर्सनल कंप्यूटर की विशेषताएं
- पर्सनल कंप्यूटर में सीमित संख्या में सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इसका आकार काफी छोटा होता है।
- यह व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसको उपयोग करना काफी आसान होता है।
इस पोस्ट से सम्बंधित प्रश्न और उत्तर
कंप्यूटर की स्थापना कब हुई थी?
पहले डिजिटल कंप्यूटर का आविष्कार ब्लेज पास्कल द्वारा 1642 ई. में किया गया। इसमें नंबर लगा होता था जिसे डायल करना पड़ता था। लेकिन यह केवल जोड़ने का ही कार्य कर सकता था।
सुपर कंप्यूटर कौन सा है?
वर्तमान में दुनिया का सबसे फास्ट सुपर कंप्यूटर “Frontier” है। यह सुपर कंप्यूटर अमेरिका के ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी में स्थित है। यह सुपर कंप्यूटर 1.194 exaflops की स्पीड पर काम करता है। Frontier को 2023 में दुनिया के सबसे फास्ट सुपर कंप्यूटर के रूप में घोषित किया गया हैं|
कम्प्यूटर का जनक कौन है?
चार्ल्स बैबेज एक अंग्रेजी बहुश्रुत थे वह एक गणितज्ञ, दार्शनिक, आविष्कारक और यांत्रिक इंजीनियर थे, जो वर्तमान में सबसे अच्छे कंप्यूटर प्रोग्राम की अवधारणा के उद्धव के लिए जाने जाते हैं या याद किये जाते है चार्ल्स बैबेज को “कंप्यूटर का पिता”(फादर ऑफ कम्प्यूटर ) माना जाता है।
पहला कंप्यूटर कहाँ बना था?
दुनिया का सबसे पहला सांख्यिकी या डिजिटल कंप्यूटर अमेरिका की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में सन् 1946 में बनाया गया था। इसे Electronic Numerical Indicator and Calculator (ENIAC) का नाम दिया गया|
सबसे छोटा और सबसे तेज कंप्यूटर कौन है?
दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर का नाम ‘मिशिगन माइक्रो मोट’ है| यह कंप्यूटर अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बनाया है| इस कंप्यूटर का आकार चावल के दाने के बराबर है|
निष्कर्ष – कंप्यूटर के प्रकार हिंदी में
मुझे उम्मीद है की आपको यह आर्टिकल कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computer in Hindi) जरुर पसंद आई होगी| अगर आपको इस article से लेकर कोई भी सवाल हो तो इसके लिए आप नीचे comment कर सकते है। इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ social media जैसे Facebook, Twitter पर अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
Algorithm क्या है? और इसे कैसे लिखें
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