सेमीकंडक्टर मेमोरी को समझने से पहले हम ये जानेंगे की मेमोरी क्या है?
मेमोरी क्या है? (What is Memory?)
यह Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में संग्रहण (स्टोर) करके रखता है इसे Computer की याददाश्त भी कहाँ जाता है| मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory) होती हैं| यह मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है,इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं|
“किसी भी निर्देश, सूचना, अथवा परिणामों को स्टोर करके रखना मेमोरी कहलाता हैं|”
कंप्यूटरो में एक से अधिक मेमोरी होती है हम उनको सामान्यतः प्राथमिक (Primary) व द्वितीयक (Secondary) मेमोरी के रूप में वर्गीकृत कर सकते है प्राथमिक मेमोरी अस्थिर (Volatile) तथा स्थिर (Non-Volatile) दोनों प्रकार कि होती है| अस्थिर मेमोरी (Temporary Memory) डेटा को अस्थाई रूप से कंप्यूटर ऑन होने से लेकर कंप्यूटर बंद होने तक ही रखते है अर्थात कंप्यूटर अचानक बंद होने या बिजली के जाने पर कंप्यूटर से डाटा नष्ट हो जाता है स्थिर मेमोरी (Permanent Memory) आपके कंप्यूटर को प्रारंभ करने में सहायक होती हैं| इसमें कुछ अत्यंत उपयोगी फर्मवेयर होते है जो कंप्यूटर को बूट करने में मदद करते है बूटिंग कंप्यूटर को शुरू करने कि प्रक्रिया को कहा जाता है इसे मुख्य मेमोरी कहा जाता हैं| द्वितीयक संग्रहण वह है जो हमारे डाटा को लंबे समय तक रखता है द्वितीयक संग्रहण कई रूपों में आते हैं| फ्लोपी डिस्क, हार्ड डिस्क, सी.डी. आदि |
बिट अथवा बाइट
मेमोरी में स्टोर किया गया डाटा 0 या 1 के रूप में परिवर्तित हो जाता है 0 तथा 1 को संयुक्त रूप से बाइनरी डिजिट कहा जाता हैं| संक्षेप में इन्हें बिट भी कहा जाता हैं| यह बिट कंप्यूटर कि मेमोरी में घेरे गे स्थान को मापने की सबसे छोटी इकाई होती हैं|
8 Bits = 1 Bytes
1024 Bytes = 1 Kilobyte (1 KB)
1024 KB = 1 Megabyte (1MB)
1024 MB = 1 Gigabyte (1 GB)
1024 GB = 1 Terabyte (1 TB)
सेमीकंडक्टर मेमोरी क्या है? (What is Semiconductor Memory)
सेमीकंडक्टर मेमोरी एक डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक डेटा स्टोरेज डिवाइस है जिसका उपयोग डिजिटल डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता है, जैसे कंप्यूटर मेमोरी। यह आमतौर पर MOS मेमोरी को संदर्भित करता है, जहां डेटा को सिलिकॉन इंटीग्रेटेड सर्किट मेमोरी चिप पर मेटल-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर (MOS) मेमोरी सेल्स के भीतर स्टोर किया जाता है। इस मेमोरी को कई अलग-अलग प्रकार और टेक्नोलॉजी में बनाया गया है।
सेमीकंडक्टर मेमोरी में रैंडम एक्सेस की प्रॉपर्टी होती है, जिसका अर्थ है कि किसी भी मेमोरी लोकेशन तक पहुंचने में उतना ही समय लगता है, इसलिए किसी भी रैंडम क्रम में डेटा को कुशलता से एक्सेस किया जा सकता है। सेमीकंडक्टर मेमोरी में अन्य डेटा स्टोरेज की तुलना में बहुत तेज एक्सेस टाइम होता है; डेटा का एक बाइट कुछ नैनोसेकंड के भीतर सेमीकंडक्टर मेमोरी से लिखा या पढ़ा जा सकता है, जबकि हार्ड डिस्क जैसे घूर्णन स्टोरेज के लिए समय का उपयोग मिलीसेकंड की सीमा में है। इन कारणों से इसका उपयोग मुख्य कंप्यूटर मेमोरी के लिए किया जाता है, वर्तमान में डेटा को रखने के लिए कंप्यूटर अन्य उपयोगों के बीच काम कर रहा है। शिफ्ट रजिस्टर, प्रोसेसर रजिस्टर, डेटा बफ़र और अन्य छोटे डिजिटल रजिस्टर जिसमें मेमोरी मेमोरी डिकोडिंग मैकेनिज्म नहीं है, उन्हें मेमोरी के रूप में नहीं माना जाता है, हालांकि वे डिजिटल डेटा भी स्टोर करते हैं।
सेमीकंडक्टर मेमोरी के प्रकार (Types of Semiconductor Memory)
सेमीकंडक्टर मेमोरी दो प्रकार की होती हैं-
- RAM (Random Access Memory)
RAM या Random Access Memory कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temporary Memory) होती हैं| की-बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा प्रक्रिया से पहले रैम में ही संगृहीत किया जाता है और सी.पी.यू. द्वारा आवश्यकतानुसार वहाँ से प्राप्त किया जाता है रैम में डाटा या प्रोग्राम अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है कंप्यूटर बंद हो जाने या विजली चले जाने पर रैम में संगृहीत (स्टोर) डाटा मिट जाता हैं| इसलिए रैम को Volatile या अस्थाई मेमोरी कहते है रैम की क्षमता या आकार कई प्रकार के होते है जैसे कि- 4 MB, 8 MB, 16 MB, 32 MB, 64 MB, 128 MB, 256 MB आदि | रैम तीन प्रकार कि होती हैं| कंप्यूटर की रीड एंड राइट (R / W) मेमोरी को RAM कहा जाता है। उपयोगकर्ता इसे लिख सकता है और इससे जानकारी पढ़ सकता है।
- ROM (Read only memory)
ROM का पूरा नाम Read only Memory होता हैं| यह स्थाई मेमोरी (Permanent memory) होती है जिसमे कंप्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम स्टोर कर दिये जाते हैं| इस मेमोरी में स्टोर प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा सकते है, उन्हें केवल पढ़ा जा सकता हैं| इसलिए यह मेमोरी रीड ऑनली मेमोरी कहलाती हैं| कंप्यूटर का स्विच ऑफ होने के बाद भी रोम में संग्रहित डाटा नष्ट नहीं होता हैं| अतः रोम नॉन-वोलेटाइल या स्थाई मेमोरी कहलाती है जिसे फर्मवेयर के रूप में भी जाना जाता है|
सेमीकंडक्टर मेमोरी तकनीक (Semiconductor memory technologies)
- PROM
PROM का पूरा नाम Programmable Read Only Memory होता है यह एक ऐसी मेमोरी है इसमें एक बार डाटा संग्रहित (Store) होने के बाद इन्हें मिटाया नहीं जा सकता और न ही परिवर्तन (Change) किया जा सकता हैं| इस वजह से, PROM चिप्स को अक्सर One Time Programmable (OTP) चिप्स के रूप में जाना जाता है। PROM में स्थायी रूप से स्टोर डाटा को मिटाने के लिए रॉम की प्रोग्रामिंग को कभी-कभी बर्निंग (Burning) के रूप में जाना जाता है और इसके लिए एक विशेष मशीन की आवश्यकता होती है जिसे ROM Burner कहा जाता है।
- EPROM
EPROM का पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory होता है यह प्रोम (PROM) की तरह ही होता है लेकिन इसमें संग्रहित प्रोग्राम (Store Program) को पराबैगनी किरणों (Ultraviolet rays) के द्वारा ही मिटाया जा सकता है और नए प्रोग्राम संग्रहित (Store) किये जा सकते हैं| इसे आसानी से EPROM Eraser एक उपकरण की सहायता से, जिसमें Ultraviolet rays स्रोत होता है जो चिप को एक रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण डाटा को मिटा देता है।
- EEPROM
EEPROM का पूरा नाम Electrical Programmable Read Only Memory होता हैं| एक नई तकनीक इ-इप्रोम (EEPROM) भी है जिसमे मेमोरी से प्रोग्राम को विधुतीय विधि से मिटाया जा सकता हैं| इसे हाइब्रिड मेमोरी भी कहा जाता है क्योंकि यह रैम के समान पढ़ता है और लिखता है, लेकिन रॉम के समान डेटा रखता है। यह रैम और रोम का एक मिश्रण है।
- Dynamic RAM
Dynamic RAM को संक्षिप्त में डीरैम (DRAM) कहा जाता हैं| रैम (RAM) में सबसे अधिक साधारण डीरैम (DRAM) है यह प्रत्येक बिट को स्टोर करने के लिए एक MOSFET (MOS field-effect transistor) और एक MOS कैपेसिटर से युक्त मेटल-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर (MOS) मेमोरी सेल्स का उपयोग करता है। इस प्रकार की रैम घनत्व में सबसे सस्ती और उच्चतम है, इसलिए इसका उपयोग कंप्यूटर में मुख्य मेमोरी के लिए किया जाता है।
मेमोरी सेल में डेटा को स्टोर करने वाला इलेक्ट्रिक चार्ज धीरे-धीरे लीक हो जाता है, इसलिए मेमोरी सेल्स को समय-समय पर रिफ्रेश (फिर से लिखना) करना चाहिए, जिसमें अतिरिक्त सर्किट्री की आवश्यकता होती है। रिफ्रेश प्रक्रिया कंप्यूटर द्वारा आंतरिक रूप से नियंत्रित की जाती है और अपने उपयोगकर्ता के लिए पारदर्शी होती है। इसे जल्दी जल्दी रिफ्रेश (Refresh) करने कि आवश्यकता पड़ती हैं| रिफ्रेश का अर्थ यहाँ पर चिप को विधुत अवशेषी करना होता है यह एक सेकंड में लगभग हजारों बार रिफ्रेश होता है तथा प्रत्येक बार रिफ्रेश होने के कारण यह पहले कि विषय वस्तु को मिटा देती है इसके जल्दी जल्दी रिफ्रेश होने के कारण इसकी गति (Speed) कम होती हैं|
- SRAM
Static RAM ऐसी रैम है जो कम रिफ्रेश होती हैं| कम रिफ्रेश (Refresh) होने के कारण यह डाटा को मेमोरी में अधिक समय तक रखता हैं| डीरैम की अपेक्षा एस-रैम तेज तथा महँगी होती हैं| यह कई MOSFETs पर निर्भर करता है जो प्रत्येक बिट को स्टोर करने के लिए एक डिजिटल फ्लिप-फ्लॉप बनाता है। यह डीआरएएम की तुलना में कम घना और प्रति बिट अधिक महंगा है, लेकिन तेजी से और मेमोरी रिफ्रेश की आवश्यकता नहीं है। इसका उपयोग कंप्यूटर में छोटी कैश मेमोरी के लिए किया जाता है।
- Synchronous RAM
Synchronous RAM डीरैम (DRAM) कि अपेक्षा ज्यादा तेज हैं| इसकी तेज गति का कारण यह है कि यह सी.पी.यू. की घडी कि गति के अनुसार Refresh होती हैं| इसीलिए ये डीरैम कि अपेक्षा डाटा (Data) को तेजी से स्थानांतरित (Transfer) करता हैं|