आज हम जिस कम्प्यूटर को इस्तेमाल करते हैं वह कई दशकों और सैकड़ों वैज्ञानिकों के प्रयास का नतीजा हैं। आइए एक नजर कम्प्यूटर के विकास के इतिहास पर डालते हैं| इस पोस्ट में साल 1981 से 1990 के बारे में दिया गया है|
1981
इस वर्ष जीरॉक्स कंपनी ने पहला ऐसा कम्प्यूटर बाजार में उतारा जिसमें ग्राफिक यूजर इंटरफेस अर्थात GUI क्षमता था। 1981 में एडम आस्बॉर्न नामक वैज्ञानिक पहला पोर्टेबल कम्प्यूटर बनाया। जिसका वजन 24 पाउंड था और इसकी कीमत 1795 डॉलर थी। 1981 में ही आईबीएम ने पीसी अर्थात पर्सनल कम्प्यूटर को इन्ट्रोडोज किया। यह आज के अत्याधुनिक पीसी का ग्रांड फादर माना जाता हैं। 1981 में सोनी नामक कंपनी ने पहली बार साढ़े तीन इंच की फ्लॉपी ड्राइव डिस्क को बाजार में उतारा।
1983
इस वर्ष एपल कम्प्यूटर नामक कंपनी ने लीजा नामक GUI अर्थात् ग्राफिक यूजर इंटर फेस को अपने कम्प्यूटर में इंस्ट्रॉल करके बाजार में पेश किया। यह जीरॉक्स स्टार द्वारा बनाए गए GUI के काफी करीब था। 1983 में ही कॉम्पेक्ट कम्प्यूटर कॉरपोरेशन ने ऐसा पहला पीसी क्लोन बनाया जो कि वही सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर सकता हैं जिसे आईबीएम पीसी नामक कम्प्यूटर में किया जाता हैं।
1984
इस वर्ष एपल कंपनी ने मैकंटोश के नाम से पहला माउस के द्वारा चलने वाला ग्राफिक्स यूजर इंटरफेस पर आधारित कम्प्यूटर लांच किया। जिसकी कि उस समय बिक्री अपने आप में एक रिकार्ड थी। 1984 में ही आईबीएम नामक कंपनी ने पीसी एटी अर्थात पीसी एडवांस टेक्नोलॉजी नामक कम्प्यूटर को बाजार में उतारा। जो कि अपने पहले पीसी से तीन गुना ज्यादा काम करने की क्षमता रखता था और इसी वर्ष इसमें 16 बिट का आईएस बस सिस्टम भी इस्तेमाल किया गया।
1985
इस वर्ष फिलिप्स नामक कंपनी के द्वारा सीडी-रेम ड्राइव को लांच किया गया।
1986
इस वर्ष कॉप्पैक नामक कंपनी ने डेस्क 386 नाम से पहला कम्प्यूटर बाजार में उतारा। जिसके अंतर्गत इंटेल के द्वारा बनाया गया 386 नामक प्रोसेसर लगा हुआ था।
1987
आईबीएम नामक कम्प्यूटर ने इस वर्ष पीएस टू नामक मशीन को बाजार में उतारा। जिसमें साढ़े तीन इंच की फ्लॉपी डिस्क ड्राइव, वीजीए (VGA) स्टैंडर्ड और माइक्रो चैनल आर्किटेक्चर बस को इस्तेमाल किया गया था। यह पहली प्लग एंड प्ले क्षमता युक्त बस थी जिसे प्रयोग किया गया था।
1988
एपप कंपनी के स्टीप जॉब्स ने एपल कंपनी को छोड़कर अपनी एक नई कंपनी बनाई । जिसका नाम NEXT रखा। 1988 में ही कॉम्पैक तथा दूसरे पीसी क्लोन बनाने वालों ने इन्हेंस्ड इन्हेंस्ड इंटस्ट्री एंड आर्किटेक्चर का विकास किया। जिसे ईजा के नाम से जाना गया।
इसी वर्ष रॉबर्ट मॉरी ने आर्पनेट के लिए कॉफी काम किया। यह 23 वर्षीय व्यक्ति एक कम्प्यूटर सिक्योरिटी एक्सपर्ट का बेटा था, जो नेशनल सिक्योरिटी में काम करता हैं। इसने एक नॉन डिस्टेक्टिव बॉर्न को इंटरनेट के माध्यम से नेटवर्क के लिंक बनाने में काफी मदद की।
1989
इस वर्ष इंटेल ने 486 नामक माइक्रोप्रोसेसर को बाजार में रिलीज किया। जोकि 1 मिलियन ट्रांजिस्टरों से मिलकर बना था और इसी इंटेल ने 486 मदरबोर्ड चिप सेट को बाजार में उतारा।
1990
एस वर्ष वर्ड वाइड वेब अर्थात् www का जन्म हुआ। इसमें टिम बैनिनेस वैज्ञानिक का योगफल सर्वाधिक था। यह वैज्ञानिक हाई एनर्जी फिजिक्स प्रयोगशाला जेनेवा में काम करता था और इसके द्वारा हाईपर टेक्स्ट लैंग्वेज का विकास हुआ।