एंटीवायरस एक स्पेशल सॉफ्टवेयर है जिसके 3 बहुत जरुरी काम होते हैं
- हमारे कंप्यूटर में वायरस को खोजना|
- अगर कोई फाइल वायरस के प्रभाव से ख़राब हो गई है तो उसे रिपेयर करने की कोशिश करना|
- वायरस द्वारा ख़राब की गयी फाइल रिपेयर नहीं की जा सकती है तो उसे इसे कंप्यूटर से डिलीट करने में हमारी मदद करना|
What is Antivirus in Hindi Video Tutorial
अगर आप जानना चाहते हैं की एंटीवायरस क्या होता है और ये कैसे काम करता है तो आपको ये विडियो जरुर देखना चाहिए
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तो अब आप सोच रहे होंगे की एंटीवायरस ऐसा करने में कैसे सफल होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि एंटीवायरस के पास एक ऐसा डेटाबेस होता है, जिसमें वायरस के सिग्नेचर होते है| जब एंटीवायरस हमारे सिस्टम को स्कैन करता है तो वह अपने डेटाबेस में उपलब्ध वायरस की जानकारी से हमारे कंप्यूटर में मौजूद सभी फाइल की तुलना करता है और अगर कोई फाइल या प्रोग्राम किसी भी वायरस से मेल खाता है, तो वह उस फाइल या प्रोग्राम को वायरस की तरह अंकित कर देता हैं, और फिर पूरा स्कैन ख़तम हो जाने के बाद हमें सभी वायरस के बारे में बताता है जिसे हम या तो एंटीवायरस के जरिये सुधार सकते हैं या फिर उसे हमेशा के लिए कंप्यूटर से डिलीट कर देते हैं|
इसलिए आपने अक्सर लोगों को बोलते हुए सुना होगा की अगर आपके कंप्यूटर पर एंटीवायरस इंस्टॉल किया हुआ है तो हमें समय-समय पर उसको अपडेट करना होगा जिससे हमारे एंटीवायरस का डेटाबेस नए इजात हुए वायरस के बारे में जानकार बन सके और वक्त आने पर हमारे सिस्टम को प्रोटेक्ट कर सके, वायरस सिग्नेचर के डेटाबेस को अपडेट करने के लिए एंटीवायरस के अपडेट विकल्प का चुनाव कर सकते हैं और जिसके लिए इन्टरनेट की आयश्यकता पड़ेगी|
किसी भी एंटीवायरस प्रोग्राम में कुछ विशेषताएं जरुर होती है, जैसे
- रियल टाइम स्कैनिंग
- वेबसाइट फ़िल्टरिंग
- फ़ायरवॉल
रियल टाइम स्कैनिंग
किसी भी एंटीवायरस का एक महत्वपूर्ण विशेषता होती है, क्यूंकि ये चल रहे सभी प्रोग्राम और फाइल्स को उनके एक्सीक्यूट होने के पहले स्कैन करता है की कहीं वो वायरस तो नहीं है, पर ध्यान रहे है की ऐसे में थोडा आपके कंप्यूटर की परफॉरमेंस थोड़ी कम हो जाती है, पर सिस्टम हमारा सेफ रहे वो ज्यादा जरुरी है थोड़ी स्पीड कम भी हो जाये तो कोई फर्क नहीं पड़ता|
वेबसाइट फ़िल्टरिंग
वेबसाइट फ़िल्टरिंग का मतलब होता है की जो वेबसाइट ठीक नहीं है या जिन साईट में स्पैमवेयर, वायरस इत्यादी हो उन्हें कंप्यूटर में खोलने के पहले ब्लाक करना|
फ़ायरवॉल
फ़ायरवॉल भी किसी भी एंटीवायरस प्रोग्राम का बहुत जरुरी हिस्सा है, क्यूंकि यह हमारे सभी इन्कोमिंग और आउटगोइंग इन्टरनेट ट्रैफिक को नियंत्रित और प्रभंधित करता है, जैसे उदहारण के लिए जब आप इन्टरनेट पर किसी फाइल या वेबसाइट को खोलने के लिए रिक्वेस्ट करते हैं या कोई फाइल आपके सिस्टम से कहीं और अपलोड होती है तो वह आउटगोइंग कनेक्शन कहलाता है वहीँ जब आपको कोई फाइल को डाउनलोड करते हैं या कोई वेबसाइट खोलते हैं तो उसे इन्कामिंग कनेक्शन कहते हैं, और फ़ायरवॉल इन दोनों की जांच करता है|
दोस्तों एक बात का विशेष ध्यान रहे की अगर आप इन्टरनेट का बहुत प्रयोग करते हैं तो आपके सिस्टम में फ़ायरवॉल का होना बहुत आवश्यक है क्यूंकि आधी से ज्यादा समस्या हमारे सिस्टम में इन्टरनेट के दुरूपयोग से आती हैं|
तो दोस्तों मुझे उम्मीद है की आपको मेरे द्वारा दी गयी जानकारी समझ आई होगी, तो ये ऑडियो और भी लोगों तक पहुचाये और कंप्यूटर के जानकार बने|