डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या होता है?

इस ऑडियो लेसन में हम जानेंगे की डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या होता है|

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम एक प्रकार के नेटवर्क कंप्यूटिंग एनवायरनमेंट है, जिसमे कई स्वतंत्र कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से जुड़कर किसी भी एक उच्च प्रोसेसिंग और मेमोरी वाला कंप्यूटर बनाते हैं, इसको समझने के लिए एक उदाहरण है जैसे किसी बड़े कार्य को अगर आप अकेले करेंगे तो बहुत समय भी लगेगा और हो सकता है की वो काम पूरा भी न हो पाए, जबकि अगर उसी बड़े कार्य को बहुत सारे लोग करेंगे को तो वो काम कम समय में और आसानी से पूरा हो जायेगा|

जैसा की हम पहले से ही जानते हैं की नेटवर्क में हम सभी कंप्यूटर के डाटा और हार्डवेयर को शेयर कर सकते हैं, वैसे ही डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में भी हम डाटा और हार्डवेयर के साथ हर कंप्यूटर की प्रोसेसिंग क्षमता का भी संगठित तौर से प्रयोग कर सकते हैं जिससे हमें जटिल कार्यों को करने के लिए अच्छी प्रोसेसिंग पॉवर मिल जाती है|

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में ये जरुरी नहीं है की सभी कंप्यूटर एक ही जगह पर हो, बस वो आपस में जुड़े हुए होना चाहिए फिर वो चाहे लोकल एरिया नेटवर्क के माध्यम से जुड़े हो या इन्टरनेट के माध्यम से |

डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम के लिए तीन चीजों की आवश्यकता होती है

  1. नेटवर्क – दो या दो से अधिक कंप्यूटर या नोड जब आपस में किसी माध्यम से जुड़े होते हैं जिससे वे आपस में एक दुसरे के रिसोर्स को साँझा कर सकें नेटवर्क कहलाता है|
  2. डिस्ट्रीब्यूट एप्लीकेशन – यह एक स्पेशल सॉफ्टवेर होता है जिसे डिस्ट्रिब्यूटेड एनवायरनमेंट में काम करने के लिए बनाया जाता है जिसकी सहायता से उपयोगकर्ता डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम को एक सिंगल कंप्यूटर के तरह प्रयोग कर पाता है|
  3. मिडिलवेयर सर्विस – मिडिलवेयर सर्विसभी एक तरह की सॉफ्टवेर लेयर होती है जो ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए जरुरी सर्विसेज को मुहैया कराती है जिससे डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में मौजूद हर कंप्यूटर एक साथ मिल कर काम कर सकें क्यूंकि डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में मौजूद सभी कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम स्वत्रंत रूप में ऐसा करने में सक्षम नहीं होते हैं|

अंत में एक बार आशान शब्दों में समझने के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम स्वतंत्र कंप्यूटर का समूह होता है जो नेटवर्क के माध्यम से आपस में जुड़े होते हैं और उपयोगकर्ता को यह एक सिंगल कंप्यूटर के तरह दिखते हैं| तो मुझे उम्मीद है की आपको डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम समझ आ गया होगा|


error: Content is protected !!