What is Color Models ?
Color model प्राइमरी रंगों के एक छोटे से सेट में से रंगों की एक पूरी रेंज तैयार करने का एक क्रमबद्ध सिस्टम होता है| कलर models दो तरह के होते हैं एक वह जो additive color होते हैं और दूसरे वह जो subtraction color होते हैं| additive color models लाइट का प्रयोग रंगों को डिस्प्ले करने के लिए करते हैं जबकि subtraction color model से प्रिंटिंग करने के लिए करते हैं| additive color models में जो color महसूस किए जाते हैं वह ट्रांसमिट की गई लाइट का परिणाम होते हैं जबकि subtraction models में दिखने वाले color Replaced लाइट के परिणाम होते हैं|
चूँकि additive color models ट्रांसमिट की गई लाइट के परिणाम स्वरुप रंगों को डिस्प्ले करते हैं| अतः लाइट की पूरी अनुपस्थिति को काला कहा जा सकता है subtraction color models अवशोषित की गई लाइट के परिणाम स्वरुप रंगों को डिस्प्ले करते हैं और इनमें ink की प्रिंटिंग होती है जैसे-जैसे ज्यादा ink जोड़ी जाती है कम से कम लाइट Replaced होती है| जब ink पूर्णतः अनुपस्थित हो जाती है तो सतह से Replaced होने वाली परिणामी लाइट को सफेद माना जाता है| प्रत्येक कलर डिस्प्ले सिस्टम किसी भी समय केवल सीमित संख्या में ही रंगों को हैंडल करने में सक्षम होते हैं| न्यूनतम क्षमता वाले सिस्टम भी किसी भी दी गई इमेज के लिए 16 अलग-अलग रंगों को दिखाने में समर्थ होते हैं| जबकि उच्च क्षमता वाले सिस्टम एक सिंगल स्क्रीन में ही 16 मिलियन रंगों या उससे अधिक रंगों को दिखाने में समर्थ होते हैं|
मॉनिटर द्वारा हैंडल किए जा सकने वाले रंगों की कुल संख्या वीडियो कंट्रोलर कार्ड की मेमोरी क्षमता पर निर्भर होती है| यह कार्ड कंप्यूटर एवं डिस्प्ले डिवाइस के बीच इंटरफ़ेस की तरह कार्य करता है इससे Video Random Access Memory (VRAM) के नाम से जाना जाता है|
कलर डिस्प्ले सिस्टम की पूरी की पूरी स्क्रीन छोटे-छोटे बिंदुओं से बनी होती है जिन्हें पिक्सेल कहा जाता है| समय के किसी भी छोटे अंतराल में एक पिक्सेल द्वारा डिस्प्ले किए जाने वाले color Video Random Access Memory के कलर डेटा के रूप में स्टोर रहते हैं| इस तरह से रंगों की कुल संख्या जो सिस्टम द्वारा किसी भी संख्या डिस्प्ले से की जा सकती हैं कलर डेटा की मात्रा पर निर्भर करती है| जो Video Random Access Memory के भीतर स्टोर किया जा सकता है| Video Random Access Memory में प्रत्येक bit मैं स्टोर किए जाने वाले रंगों की संख्या वास्तव में सभी संभावित 0-1 कॉन्बिनेशन की कुल संख्या होती है| अंततः Video Random Access Memory में मेमोरी बिट्स की कुल संख्या जो कलर डाटा को स्टोर करने के लिए समर्पित होती है रंगों की कुल संख्या को निश्चित करती है जो किसी भी समय डिस्प्ले के लिए उपलब्ध होंगे|
स्क्रीन छोटे-छोटे बिंदुओं से बनी होती है जिन्हें पिक्सेल कहा जाता है किसी भी एक समय पर स्क्रीन पर ऐसे कई पिक्सेल होते हैं जिन्हें मॉनीटर का रिजोल्यूशन कहा जाता है|
कंप्यूटर मॉनिटर एक्सेल का color आमतौर पर लाल, हरे एवं नीले एक मात्रा के रूप में व्यक्त किया जाता है| यह अधिक कंप्यूटर मेमोरी लेता है और इसकी प्रोसेसिंग स्पीड भी अधिक होती है ताकि लाल, हरे और नीले रंगों की वैल्यू के अधिक संयोजनों को मैनेज और डिस्प्ले किया जा सके, जो आंखों के लिए दृश्य रंगों के ज्यादा से ज्यादा शेड्स बनाता है|
models या तरीके जो computer terms के रूप में रंगों का निर्धारण करने के लिए प्रयुक्त होते हैं जैसे RGB, HSB, CMYK, CIE आदि|
एक कलर model को परिभाषित करने का एक तरीका है दो या दो से अधिक प्राइमरी रंगों के सेट को निर्धारित करना| जो विभिन्न अन्य रंगों को बनाने के लिए मिलाए जाते हैं 3 प्राइमरी रंगों के साथ परिभाषित कॉमन कलर models है RGB और CMYK MODELS| वीडियो मॉनिटर डिस्प्ले RGB model का प्रयोग करते हैं जबकि हार्ड कॉपी डिवाइसेस CMYK model का प्रयोग करके कलर आउटपुट तैयार करते हैं| 24 bit RGB model का प्रयोग करके आप एक निर्धारित जिसमें लाल, हरे और नीले color का प्रत्येक परिणाम को एक वैल्यू का सेट किया जाता है जो 0 से लेकर 255 तक 256 choices की रेंज के अंदर होती है
Different types of Color Models
CMYK model
Cyan, magenta, yellow एवं black कलर model मल्टीमीडिया प्रोडक्शन में कम प्रयोग किया जाता है| यह model डेस्कटॉप पब्लिशिंग की प्रिंटिंग डिवाइस में ज्यादा प्रयोग होता है| यह कलर subtraction model है और यह केवल कलर प्रिंटिंग डिवाइस में ही सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जाता है|
Chromaticity model
Chromaticity model कलर वैल्यूज को frequency saturation एवं luminance के रूप में दर्शाता है| यह थ्री डायमेंशन model है जिसमें 2 डायमेंशन X और Y रंगों को परिभाषित करते हैं और तीसरा डायमेंशन luminance को परिभाषित करता है| यह एक additive model है क्योंकि x और y को जोड़कर अलग-अलग color बनाए जाते हैं| CIE model की तुलना मानव की रंगों को पहचानने की क्षमता से की जाती सकती हैं लेकिन कुछ डिवाइस जैसे स्केनर इस प्रक्रिया को दोबारा तैयार करने में असमर्थ होते हैं|
HSB एवं HSL
लाइट के स्त्रोतों को उनकी बेहतर frequency (या hue), ल्यूमिनेंस (या brightness) एवम शुद्धता (या saturation) के रूप में वर्णित किया जाता है| कॉन्प्लिमेंटरी कलर स्त्रोत वह होते हैं जो मिलकर सफेद लाइट बनाते हैं| saturation color की गहराई होती है लाइटनेस या ब्राइटनेस किसी भी color में मिलाया गया काले या सफेद color का प्रतिशत होता है 100 प्रतिशत की lightness से सफेद color बनेगा 0% की lightness से काला और एक शुद्ध color में 50% lightness होती है|
HSB और HSL models में आप HUE या कलर को कलर व्हील पर 0 से 360 डिग्री के एंगल के रूप में दर्शाते हैं तथा saturation, brightness एवं lightness को प्रतिशत के रूप में
RGB MODEL
टेलीविजन, मॉनिटर और कैमरा हार्डवेयर मैन्युफैक्चर ने RGB model को इमेज कैप्चर डिवाइसेस की डिजाइन के रूप में विकसित किया है| यह model addictive है जिसमें लाल, हरे और नीले की अलग-अलग गहराइयों को मिलाकर विभिन्न color उत्पन्न किए जाते हैं यह model इमेज प्रोसेसिंग के लिए ठीक नहीं है|
YIQ, YUV और YCC MODEL
YIQ और YUV का विकास टीवी प्रसारण के लिए किया गया था| यह luminance and chrominance पर आधारित है जो एक वेब के एंप्लीट्यूड एवं फेज के रूप में व्यक्त की जाती है| YUV model subtraction model है YUV model का प्रयोग फुल मोशन वीडियो में होता है| फोटो YCC को Kodak कंपनी ने विकसित किया था ताकि नेगेटिव स्लाइड्स एवं अन्य हाई क्वालिटी इनपुट से डिजिटल कलर इमाजों का एक स्पष्ट प्रदर्शन करने के लिए परिभाषा प्रदान की जा सके|