What is Computer Animation
Computer Animation Computer का प्रयोग करके Moving images बनाने वाली एक कला को कहा जाता है| यह Computer graphics और Animation का एक सब फील्ड है, इसे अधिकतर 3D Computer graphics की मदद से बनाया जाता है यद्यपि 2D Computer graphics भी अभी व्यापक रूप से प्रयोग में लाए जा रहे हैं जो स्टाइलिस्टिक लो बैंडविथ और तेजी से होने वाली रियल टाइम की जरूरतों को पूरा करती है| कभी-कभी Animation का लक्ष्य स्वयं Computer ही होता है लेकिन कभी-कभी फिल्म अन्य लक्ष्य भी होता है जब यह विशेष तौर से films में प्रयोग होता है तब इसे CEI (Computer Generated imagery) या Computer Generated imaging भी कहा जाता है|
Computer Animation शब्द की दो कैटेगिरी हैं 2D और 3D Animation| 2D जो 2 Dimension का संक्षिप्त रूप है, इसे Vector image भी कहा जाता है और इसे सामान्यतः माइक्रो मीडिया फ्लैश और माइक्रो मीडिया डायरेक्टर जैसे प्रोग्राम्स में प्रयोग किया जाता है|
2D Animation का सबसे परिचित रूप हैं Traditional Cartoons Vector Animation web के लिए इंटरैक्टिव इंटरफ़ेस डिजाइन करने में उपयोगी है| 2D Animation को 2 Dimension जगह में बनाया जाता है, जबकि 3D Animation की वर्चुअल फ्री डायमेंशन जगह में बनाया जाता है| इसमें Animation के लिए अलग-अलग वर्चुअल कैमरों का प्रयोग करके पोलीगंस को केप्चर करके प्रयोग किया जाता है| 3D Animation के कई एप्लीकेशंस है जो वीडियो games से लेकर एनिमेटेड फिल्म तक प्रयोग किए जाते हैं| 3D Animation को अधिकतर लाइव देखे जाने वाले कई तरह के स्पेशल इफेक्ट्स डालने के लिए प्रयोग किया जाता है जबकि दोनों तरह के Computer Animation को या तो फ्रेम बाई फ्रेम Animation के द्वारा बनाया जाता है या फ्रेम के बीच में मैथमेटिकल इंटर पोलेशन के द्वारा बनाया जाता है| जिसमें एनिमेटेड के पहले के स्टेप्स अलग होते हैं उपरोक्त दोनों प्रक्रियाओं के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर पैकेजेस की आवश्यकता होती है|
3D Animations के लिए objects को Computer मॉनिटर पर बनाया जाता है और 3D फिगर को एक वर्चुअल स्केलेटन के साथ चलाया जाता है| 2D फिगर Animation के लिए अलग object और अलग ट्रांसपेरेंट लेयर का प्रयोग वर्चुअल स्केलेटन के साथ या इसके बिना होता है, इसके बाद फिगर के हाथ-पैर, आंखें, मुंह, कपड़े आदि को एनिमेटर द्वारा फ्रेम पर मूव कराया जाता है key frames के बीच में इनकी दिखावट में अंतर को ऑटोमेटिक रूप से Computer द्वारा Twining या Morphine प्रक्रिया में कैलकुलेट कर लिया जाता है| अंत में Animation तैयार करके चलाया जाता है|
3D Animations में सभी फ्रेम तभी बनाए जाने चाहिए जब मॉडलिंग पूरी हो जाए| रिकॉर्डेड प्रेजेंटेशन के लिए तैयार frames एक अलग फॉर्मेट या माध्यम जैसे फिल्म या डिजिटल वीडियो में ट्रांसफर किए जाते हैं| frames को रियल टाइम में भी तैयार किया जा सकता है| जैसे-जैसे यह एंड यूजर ऑडियंस के सामने प्रस्तुत किए जाते हैं लो बैंडविथ Animation लो इंटरनेट द्वारा ट्रांसलेट किए जाते हैं| स्क्रीन के बैकग्राउंड को ब्लैक कलर लेकर blank बनाया जाता है इसके बाद स्क्रीन के दाएं ओर एक बकरी बनाई जाती है अगली स्क्रीन भी black होती है लेकिन बकरी को दोबारा बनाया जाता है या डुप्लीकेट किया जाता है ओरिजिनल पोजीशन से थोड़ा सा बाईं ओर यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है और प्रत्येक बार बकरी की पोजीशन को थोड़ा सा बाई ओर मूव कराया जाता है| यदि यह प्रक्रिया काफी तेजी से रिपीट की जाए तो ऐसा लगेगा मानो बकरी बाईं ओर चल रही है| यही बेसिक प्रक्रिया फिल्म और टेलीविजन में सभी मूविंग पिक्चर्स के लिए इस्तेमाल की जाती है| चलती हुई बकरी object की लोकेशन शिफ्ट करने का एक उदाहरण है object की अन्य प्रॉपर्टी जैसे साइज, शेप, लाइटिंग, इफेक्ट और कलर में किए जाने वाले कंपलेक्स ट्रांसफॉर्मेशन के लिए अक्सर कैलकुलेशन की जरूरत होती है और सिंपल तरीके से री ड्रा करना या बनाने के लिए Computer का प्रयोग किया जाता है|