नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम (Network Operating System)

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम, सॉफ्टवेयर तथा एसोसिएटेड प्रोटोकॉल्‍स (associated protocols) का संग्रह (collection) होता हैं, जो ऑटोनोमस कम्‍प्‍यूटर्स (autonomous computers) का एक समूह (set) होता है तथा ये कम्‍प्‍यूटर्स एक नेटवर्क में एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम में यूजर्स को सभी कम्‍प्‍यूटर के अस्तित्‍व (existence) की जानकारी (awareness) होती हैं तथा कोई भी यूजर किसी कम्‍प्‍यूटर में लॉइ इन (log in) कर सकता हैं एवं फाइलों को एक कम्‍प्‍यूटर से दूसरे कम्‍प्‍यूटर में कॉपी (copy) कर सकता हैं।

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम की विशेषताएं (Features of Network Operating System)

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम की निम्‍नलिखित प्रमुख विशेषताएं हैं, जो इसे डिस्ट्रिब्‍यूटेड ऑपरेटिंग सिस्टम से भिन्‍न करती हैं

  • प्रत्‍येक कम्‍प्‍यूटर का अपना प्राइवेट ऑपरेटिंग सिस्‍टम होता हैं।
  • प्रत्‍येक यूजर अपने सिस्‍टम (कम्‍प्‍यूटर) पर काम करता है, किसी अन्‍य सिस्‍टम का उपयोग करने के लिए उस सिस्‍टम में रिमोट लॉगइन (remote login) करने की आवश्‍यकता होती हैं।
  • प्रत्‍येक यूजर इस बात से अवगत होते हैं कि उनके फाइल्‍स नेटवर्क में कहां (किस सिस्‍टम में) रखे हुए हैं। अत: यूजर अपने फाइल्‍स को फाइल ट्रान्‍सफर कमाण्‍ड्स (File Transfer Commands) द्वारा एक सिस्‍टम से दूसरे सिस्‍टम में मूव (move) कर सकते हैं।

 

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम की क्षमताओं (capabilities) के अन्‍तर्गत

  • यूजर्स को नेटवर्क हॉस्‍ट्स के विभिन्‍न रिसोर्सेस को एक्‍सेस करने की अनुमति प्रदान करना।
  • एक्‍सेस को नियंत्रित (Control) करना ताकि नेटवर्क के किसी खास रिसोर्सेस को वे यूजर्स ही एक्‍सेस कर सकें, जिन्‍हें उचित ऑथराइजेशन (proper authorization) प्रदान की गई हों।
  • यूजर्स को रिमोट रिसोर्सेस का उपयोग लोकल रिसोर्सेस के समान करने की क्षमता प्रदान करना।

नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम एक ऐसी वातावरण प्रदान करता हैं, जिसमें यूजर्स रिमोट रिसोर्सेस को उचित रिमोट मशीन (appropriate remote machine) में लॉग इन (login) कर एक्‍सेस कर सकता है। रिमोट (Remote) एक महत्‍वपूर्ण फंक्‍शन (Function) हैं, जो यूजर्स को किसी भी रिमोट कम्‍प्‍यूटर में लॉगइन (login) करने की सुविधा प्रदान करता हैं। ज्ञातव्‍य हो कि टेलनेट (Telnet) नामक प्रोग्राम इन्‍टरनेट में रिमोट लॉगइन की सुविधा प्रदान करता है। उदाहरणस्‍वरूप, मान लीजिए Delhi University का कोई यूजर Calcutta University (cs.unicalcutta.edu) के किसी कम्‍प्‍यूटर पर कार्य करना चाहता है। इसके लिए Delhi University के यूजर का एकाउन्‍ट, Calcutta university के उस मशीन (कम्‍प्‍यूटर) पर होना आवश्‍यक है, जिस पर वह लॉगइन करना चाहता है। यदि ये दोनों कम्‍प्‍यूटर इन्‍टरनेट नेटवर्क में एक-दूसरे से जुड़े होंगे, तो यूजर Telnet कमाण्‍ड का प्रयोग रिमोटली लॉगइन (remotely login) करने के लिए इस प्रकार कर सकता है।

telnet cs.unicalcutta.edu

इस कमाण्‍ड के फलस्‍वरूप Delhi University के लोकल कम्‍प्‍यूटर और cs.unicalcutta.edu के कम्‍प्‍यूटर के बीच एक-एक कनेक्‍शन स्‍थापित होगा। कनेक्‍शन स्‍थापित होने के पश्‍चात् नेटवर्किंग सॉफ्टवेयर एक ट्रान्‍सपैरेन्‍ट (transparent) और बाइडिरेक्‍शनल (bidirectional) लिंक क्रिएट करेगा। इसके पश्‍चात् cs.unicalcutta.edu के कम्‍प्‍यूटर में लॉगइन करने के यूजर को लॉगइन नेम (login name) तथा पासवर्ड (Password) इनपुट करना होगा। सही-सही लॉगइन नेम तथा पासवर्ड इनपुट करने के पश्‍चात् रिमोट मशीन का प्रोसेस (process) यूजर के लिए प्रॉक्‍सी (Proxy) की तरह कार्य करने लगेगा और यूजर (Delhi University का यूजर) रिमोट मशीन (cs. unicalcutta.edu के मशीन) पर ठीक उसी तरह कार्य कर सकता हैं, जिस तरह कि वहां के लोकल यूजर।

नेटव‍र्क ऑपरेटिंग सिस्‍टम का दूसरा प्रमुख कार्य फाइल को एक कम्‍प्‍यूटर से दूसरे कम्‍प्‍यूटर में ट्रान्‍सफर करना हैं। फाइल को नेटवर्क इनवायरमेंट में एक मशीन से दूसरे मशीन में ट्रान्‍सफर करने के मेकेनिज्‍म (mechanism) को रिमोट फाइल ट्रान्‍सफर (Remote File Transfer) कहा जाता है। नेटवर्क में प्रत्‍येक कम्‍प्‍यूटर अपने लोकल फाइल सिस्‍टम (Local File System) को मेनटेन करते हैं। यदि कोई यूजर किसी साइट (Site) से किसी अन्‍य साइट के कम्‍प्‍यूटर से फाइल को एक्‍सेस करना चाहता हैं तो फाइल स्‍प्‍ष्‍ट रूप से (explicitly) उस साइट के कम्‍प्‍यूटर से, उस यूजर के साइट के कम्‍प्‍यूटर में कॉपी (copy) होनी चाहिए।


इन्‍टरनेट इस प्रकार के फाइल ट्रान्‍सफर मेकेनिज्‍म (File Transfer Mechanism) के लिए File-Transfer Protocol (FTP) नामक प्रोग्राम का प्रयोग करता है। उदाहरणस्‍वरूप, मान लीजिए यदि cs.University.edu साइट के कम्‍प्‍यूटर से admission.text नामक फाइल को अपने लोकल फाइल myInformation नामक फाइल में कॉपी करना चाहता हैं, तो यूजर को सर्वप्रथम FTP प्रोग्राम इस प्रकार एक्‍जक्‍यूट करना होगा|

ftp c.Unicalcutta.edu

FTP प्रोग्राम एक्‍जक्‍यूट होने के पश्‍चात् यूजर से लॉगइन नेम और पासवर्ड (login name and password) इनपुट करने को कहेगा। सही-सही लॉगइन नेम तथा पासवर्ड इनपुट करने के पश्‍चात्, यूजर उस कम्‍प्‍यूटर में लॉगइन करेगा एवम् इसके पश्‍चात् उस फाइल को उसके डाइरेक्‍ट्री से अपने कम्‍प्‍यूटर (local computer) में get कमाण्‍ड द्वारा इस प्रकार कॉपी (Copy) कर सकता है

get admission.text myInformation.text

FTP मेकेनिज्‍म (mechanism) को telnet के समान ही कार्यन्वित (implement) की जाती हैं। रिमोट साइट को डेमॉन (Daemon) जो एक सिस्‍टम प्रोग्राम होता है, सिटम के FTP पॉर्ट (Port) के कनेक्‍शन रिक्‍वेस्‍ट्स (connection requests) की देखभाल करता हैं तथा कनेक्‍शन को स्‍थापित भी करता है।

FTP प्रोग्राम द्वारा लॉगइन स्‍टेप पूरा किया जाता है तथा इसके बाद FTP डेमॉन (Daemon) यूजर को रिमोटली (remotely) कमाण्‍ड्स एक्‍जक्‍यूट करने की अनुमति प्रदान करता है। जहां telnet डेमॉन यूजर के लिए किसी भी कमाण्‍ड को एक्‍जक्‍यूट कर सकता हैं, वहीं FTP डेमॉन केवल पूर्व-परिभाषित (predefined) फाइल से ही सम्‍बन्धित कमाण्‍ड्स को एक्‍जक्‍यूट कर सकता हैं।


FTP डेमॉन (Daemon) के अंतर्गत फाइल से सम्‍बन्धित निम्‍नलिखित कमाण्‍ड्स आते हैं

  • get- यह कमाण्‍ड फाइल को किसी रिमोट मशीन (remote machine) से लोकल मशीन (local machine) पर ट्रान्‍सफर करता है।
  • put- यह कमाण्‍ड फाइलों को किसी लोकल मशीन (local machine) से रिमोट मशीन (remote machine) पर ट्रान्‍सफर करता है।
  • Is- यह कमाण्‍ड रिमोट मशीन (remote machine) के करेंट डाइरेक्‍ट्री (current directory) को प्रदर्शित करता है।

इन कमाण्‍ड्स के अतिरिक्‍त, कई कमाण्‍ड्स हैं, जो फाइलों के ट्रान्‍सफर मोड्स (Binary या ASCII फाइलों के लिए) को परिवर्तित करने के लिए तथा कनेक्‍शन स्‍टेटस (connection status) को सुनिश्चित करने की अनुमति देते हैं।


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