What is Hard Disk
Hard Disk एक स्टोरेज डिवाइस है जिसका इस्तेमाल हम कंप्यूटर में अपने Data को Store करने के लिए करते हैं| Hard Disk Data को Permanently Store करके रखता है| IBM कंपनी द्वारा सबसे पहले Hard Disk को बनाया गया था इसकी स्टोरेज क्षमता 5 mb थी और इसका वजन लगभग 250 kg था| इसके बाद Hard Disk में कई बदलाव किए गए और आज Hard Disk का एक अलग ही रूप हमारे सामने है|
Hard Disk को HDD hard Disk Drive भी कहा जाता है, यह एक physical disk होती है जिसको हम अपने computer की सभी छोटी बड़ी files store करने के लिये प्रयोग करते है। Hard disk और RAM मे अंतर होता है Hard disk Data को store करने के काम मे आती है, जबकि RAM उस storage मे रखी चीजो को चलाने के काम में आती है। जब हम computer को बन्द करते है तो RAM मे Store जानकारी अपने आप डिलीट हो जाती है। लेकिन Hard Disk मे store data computer बन्द होने पर भी delete नही होता हैं|
Hard Disk के अंदर एक गोल आकृति Disk होती है जिसमें इलेक्ट्रिक के माध्यम से Data को Store किया जाता है यह Disk अपने स्थान पर बहुत तेजी से घूमती हैं और डेटा को Store करती हैं Hard Disk के घूमने की Speed को RPM (Revolution per minute) मैं मापा जाता है Disk जितनी ज्यादा Speed से घूमती है वह उतनी ही ज्यादा Speed से Data को Read और Write करती हैं| ज्यादातर Hard disk 5400 rpm या 7200 rmp की होती है, जाहिर सी बात है 7200 rmp की hard disk 5400 rmp वाली से ज्यादा तेज होती है।
Structure of Hard Disk
Hard Disk चुम्बकीय Disk से मिलकर बनी होती है। इसमें Data को पढ़ने एवं लिखने के लिये एक हेड होता है। Hard Disk में एक central shaft होती है। जिसमें चुम्बकीय Disk लगी रहती है। Hard Disk की ऊपरी सतह पर एवं निचली सतह पर Data को Store नहीं किया जाता है। बाकि सभी सतहों पर Data को Store किया जाता है। Disk की प्लेट में Track and Sector होते है। सेक्टर में Data Store होता है, एक सेक्टर में 512 बाइट Data Store होता है।
Data को Store एवं पढ़ने के लिये तीन तरह के समय लगते है। जो निम्न है।
1. Seek Time:-. Disk में Data को Read या Write करने वाले Track तक पहुँचने में लगा समय Seek time कहलाता है।
2. Latency time:- Track में Data के Sector तक पहुँचने मे लगा समय Latency time कहलाता है।
3. Transfer Rate:- Sector में Data को लिखने एवं पढने में जो समय लगता है। उसे Transfer Rate कहा जाता है।
Data को व्यवस्थित रखने के लिए Memory Disk को दो भागो में बाँटता है –
- System Area
- Data Area
System Area
यह कुल Disk का बहुत ही छोटा हिस्सा होता है (2प्रतिशत)| जो Windows के द्धारा Disk की मूल संरचनाओ को संगृहित करने हेतु प्रयोग किया जाता है| सिस्टम area को Windows 3 भागो में बाँटता है |
- Boot Records
- FAT
- Root Directory
1. Boot Records
इसे पार्टीशन सेक्टर भी कहते है यह 512 बाईट के आकार का बूट सेक्टर होता है जिसके लिए Disk के पहले सेक्टर का उपयोग किया जाता है हेड्स बूट सेक्टर का प्रयोग निम्न में से कोई एक या एक से अधिक जानकारियां रखने के लिए होता है- Disk का प्राईमरी पार्टीशन टेबल रखने के लिए |कंप्यूटर स्टार्ट करने की प्रक्रिया के लिए आवश्यक मशीन कोड निर्देशों को रखने के लिए जो डॉस को Disk से रेम में स्थापित करते है |Disk की पहचान के लिए बनाये गये 32 bit Disk सिग्नेचर को रखने के लिए |बूट रिकॉर्ड में Disk का मेमोरी स्पेस विवरण रखने के लिए |
2. FAT
सिस्टम area का दूसरा भाग फाइल एलोकेशन टेबल (File Allocation Table) कहलाता है, जिसे संक्षेप में FAT कहा जाता है| यह टेबल अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योकि Data area में कौन सी फाइल कहा संगृहीत है इसका पूरा रिकॉर्ड फैट में ही रहता है |
3. Root Directory
कंप्यूटर के फाइल सिस्टम के डायरेक्ट्री श्रंखला में पहली डायरेक्ट्री रूट डायरेक्ट्री कहलाती है, इसे हम मूल डायरेक्ट्री भी कहते है | जिस प्रकार पेड़ में उसकी जड़ आरंभिक बिंदु होता है और जड़ से ही पेड़ और उसकी सभी शाखाये विकसित होती है उसी प्रकार फाइल सिस्टम में रूट डायरेक्ट्री प्राम्भिक बिंदु होता है और इसी में अन्य सभी फाईले, डायरेक्ट्री और सब- डायरेक्ट्री रखी जाती है|
Data Area
Disk space का लगभग 98 प्रतिशत हिस्सा जिसमे सभी प्रोग्राम तथा हमारे द्धारा बनाई गई सभी फाईले संगृहीत रहती है Data area कहलाता है| संपूर्ण Disk छोटे छोटे क्लस्टर में विभाजित रहती है जिसमे फाइल अपने आकार के अनुसार एक या एक से अधिक क्लस्टर में संगृहीत रहती है |