Comparison of Analog and Digital Video

Comparison of Analog and Digital Video

Analog Video

वह Video जो Video tap पर स्थित होता है (VHS, 3/4″S-VHS, BETA SP FORMAT) को analog Video कहा जाता है| ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके signals वास्तविक सूचना के साथ एक सही कंटीन्यूअस रिलेशनशिप रखते हैं जबकि यह Video सूचना को दर्शाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका माना जा सकता है फिर भी analog signals में कुछ कमी रह जाती है| क्योंकि उनमें एप्लीकेशन की जरूरत होती है| प्रत्येक बार जब Video tap को कॉपी किया जाता है तब analog signals को एंपलीफायर किया जाना चाहिए| यह amplification की प्रक्रिया में कुछ noise या grannies डालती हैं audio tap में इसे “hiss” कहा जाता है यह noise जब भी copy बनाई हैं प्रत्येक बार आती है| इसलिए copy की copy बनाने से क्वालिटी गिरती ही जाती है क्योंकि प्रत्येक copy के साथ signals को एंपलीफायर करने की जरूरत भी पूरी होती है| इसे ही जनरेशन लॉस कहा जाता है| analog Video प्रति सेकंड 30 अलग-अलग still images को रिकॉर्ड करता है इन images को एक के बाद एक प्लेबैक करने से movement का भ्रम पैदा हो सकता है|

Digital Video

digital Video Binary Number का प्रयोग करते हैं जिनमें प्रत्येक frame के प्रत्येक Pixel को दर्शाया जाता है| 0 और 1 इलेक्ट्रिकल स्थितियों ऑन और ऑफ के समकक्ष हैं अतः Binary Numbers, analog signals में amplification के साथ होने वाले लॉस के प्रति मजबूत होते हैं| एक Video के प्रत्येक frame में प्रत्येक Pixel के लिए कम से कम 8 बिट रिप्रजेंटेशन की जरूरत होती है| जिसके कारण डाटा को move करने के लिए जरूरी डेटा बहुत बड़ा होता है| इसी कारण से बिट स्पीड काफी क्रिटिकल होती है| digital Video और audio बनाने के लिए कंप्यूटर और ट्रांसमिशन उपकरणों को प्रति सेकेंड बड़ी मात्रा में डाटा को हैंडल और ट्रांसमिट करने में सक्षम होना चाहिए| ट्रांसमिशन उपकरण जितना data हैंडल कर सकता है, उसे ही बैंडविथ कहा जाता है| एक analog मॉडल में बहुत हाई स्पीड केबल मॉडेम की तुलना में बहुत ही छोटी बैंडविथ होती है| इसलिए analog मॉडल उतनी तेजी से इंटरनेट से Video डाउनलोड नहीं कर पाते हैं जितनी तेजी से केबल मॉडेम करते हैं|


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