आज हम जिस कम्प्यूटर को इस्तेमाल करते हैं वह कई दशकों और सैकड़ों वैज्ञानिकों के प्रयास का नतीजा हैं। आइए एक नजर कम्प्यूटर के विकास के इतिहास पर डालते हैं| इस पोस्ट में साल 1661 से 1970 के बारे में दिया गया है|
1961
डेटामेशन मैगजीन के अनुसार इंटरनेशलन बिजनेस मशीन अर्थात आईबीएम नामक कंपनी का कम्प्यूटर बाजार के 81.2 प्रति भाग पर कब्जा हो चुका था और इसी वर्ष आईबीएम ने अपने 14 सौ सीरीज वाले कम्प्यूटरों को बाजार में उतारा।
1964
इस वर्ष सेमोरक्रे के द्वारा सीडीसी 66 सौ नामक सुपर कम्प्यूटर को डिजाइन किया गया। यह सुपर कम्प्यूटर एक सेकेंड मे तीन मिलियन निर्देशों को क्रियान्वित करने की क्षमता से लैस था और इसकी प्रोसेसिंग गति अपने निकटतम कम्प्यूटर से तीन गुना अधिक थी।
इस वर्ष आईबीएम नामक कंपनी ने सिस्टम 360 नामक एक कम्प्यूटर फैमिली को बाजार में उतारने की घोषणा की। इस कम्प्यूटर के साथ चालीस सहायक उपकरण एक साथ मिलकर काम कर सकने की क्षमता रखते थे। इसी वर्ष ऑन लाइन ट्रांसजेक्शन प्रोसेसिंग के लिए आईबीएम ने शेयर रिजर्वेशन सिस्टम और अमेरिकन एयरलाइन के लिए रिजर्वेशन नामक सिस्टम को सेट किया।
1965
डिजिटल इक्यूपमेंट कॉरपोरेशन जिसे संक्षेप में डीईसी कहा जाता हैं नामक कंपनी ने पीडीपी-8 नामक पहला कमर्शियल मिनी कम्प्यूटर बाजार में पेश किया जिसका सफलापूर्वक इस्तेमाल किया गया।
1966
इस वर्ष हैलवेट पैकर्ड अर्थात एचपी नामक कंपनी ने जनरल परपज कम्प्यूटर के बिजिनेस में प्रवेश किया और इसने एचपी 2115 के नाम से एक कम्प्यूटर को बाजार में उतारा।
1970
इस वर्ष कम्प्यूटर से कम्प्यूटर के बीच कम्यूनीकेशन पर ज्यादा जोर रहा और डिपाटमेंट ऑफ डिफेंस स्पेस्लिट के द्वारा आर्पनेट की स्थापना की गई। जिसे आज हम इंटरनेट के नाम से जानते हैं। इसमें कैलीफोर्निया इंवर्सिटी कैलीफोर्निया के तहत आने वाले सेंटाबार्रा और ला सेंटर विश्वविद्यालय का काफी योगदान रहा।