मोनो तथा स्टीरियो साउंड में अंतर

मोनो तथा स्टीरियो साउंड में अंतर (Difference Between Mono and Stereo Sound)

स्टीरियो दो या दो से अधिक स्वतंत्र ऑडियो चैनलों का उपयोग करके ध्वनि का पुनरुत्पादन है, जो विभिन्न दिशाओं से सुनाई देने वाली ध्वनि की छाप बनाता है, जैसा कि प्राकृतिक सुनवाई में होता है। मोनो (मोनोरल या मोनोफोनिक ध्वनि प्रजनन) में एक एकल चैनल में ऑडियो होता है, जिसे अक्सर “ध्वनि क्षेत्र” में केंद्रित किया जाता है। अर्थात और स्टीरियो (Stereophonic) ध्वनि का वर्गीकरण है। स्टीरियो की गुणवत्ता में सुधार के कारण स्टीरियो साउंड ने मोनो को लगभग पूरी तरह से बदल दिया है।

स्टीरियो तथा मोनो शब्दावली को एंपलीफायर कनेक्शन को रेफर करते समय निरंतर उपयोग किया जाता है| ध्वनि ज्यादा प्राकृतिक तथा वास्तविक होती है यहां पर अधिकतर लोग इस बात से सहमत होंगे कि शुद्ध स्टीरियो ध्वनि मोनो से ज्यादा बेहतर है| बहुत सारी प्राथमिक रिकॉर्डिंग की स्थितियों में जिनकी कल्पना मोनो के समय की गई थी तथा बाद में इसे स्टीरियो मैं रीमिक्स किया गया था| इसकी समस्या दो स्तरों पर है-

पहली, कोई भी स्टीरियो रिमिक्स वास्तविक कलाकार की, निर्माणकर्ता की, इंजीनियर की, परिकल्पना से भिन्न होता है तथा इसलिए वह अविश्वसनीय होता है|

दूसरी, बहुत सारे स्टीरियो रिमिक्स अच्छे स्टीरियो नहीं है अर्थात स्टीरियो तथा आवाज मनमाने ढंग से panned होती है| जैसे L-R spatial पृथक्करण ही एकमात्र महत्वपूर्ण उद्देश्य है तथा वास्तविक ध्वनि का कोई प्रभाव नहीं है| वस्तुतः यह बहुत सारे ओरिजिनल स्टीरियो मिक्स के लिए सही नहीं है क्योंकि इसके शुरुआती महीने दिनों में वे सभी व्यक्ति जो स्टीरियो का उपयोग करते हैं इसे समझ नहीं पाते हैं|

इसके बाद शीघ्र ही रिकॉर्डिंग स्वयं ही मल्टी मोनो होने लगी प्रत्येक साउंड मोनो में रिकॉर्ड होती थी तथा फिर स्टीरियो पैन में स्थापित होती थी| जो दो या दो से अधिक मिक के साथ स्टीरियो में रिकॉर्ड होने वाली साउंड के विपरीत था यह शुद्ध स्टीरियो मिक्स को असंभव करता है|

स्टीरियो एमप्लीफायर के पास दो स्वतंत्र चैनल होते हैं एक दाया तथा एक बाया सिग्नल के दाएं तथा बाय सिग्नल समान होते हैं परंतु एकदम समान नहीं होते| दोनों चैनल ऑडियो को गहराई का अनुभव प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं| यदि कोई वाद्य यंत्र अथवा आवाज केवल बाएं चैनल में उत्पन्न होती है तो यह प्रतीत होता है कि वह सुनने वाले क्षेत्र के बाई ओर से उत्पन्न हुई है अगर विशिष्ट ध्वनि केवल किसी एक चैनल में थोड़ी तेज है तब वह ध्वनि केंद्र बिंदु से उत्पन्न होती हुई प्रतीत होती है| अगर आपके पास 2 स्पीकर हैं लेकिन दोनों को मोनो सिग्नल भेजा जाता है तो वहां पृथक्करण अथवा गहराई का कोई अनुभव नहीं होता है| अगर स्टीरियो एमप्लीफायर के दोनों चैनलों को मोनो सिग्नल भेजा जाता है तथा प्रत्येक चैनल पर एक स्पीकर लगाया जाता है तो आउटपुट मोनो होगा अगर स्टीरियो सिग्नल को समान आयाम तथा स्पीकर सेटअप पर भेजा जाता है तो आउटपुट स्टीरियो होता है अगर स्टीरियो एमप्लीफायर पर स्पीकर लगाया जाता है तो स्पीकर का आउटपुट मोनो आउटपुट होता है| चाहे एमप्लीफायर को भेजा गया सिग्नल स्टीरियो सिगनल हो अगर एंपलीफायर पर दो स्पीकर्स को लगाया जाता है तब भी आउटपुट मोनो होता है क्योंकि प्रत्येक स्पीकर से निकले आउटपुट की विषय वस्तु समान होती है|


एक स्पीकर के साथ मोनो

इस स्थिति में स्पीकर श्रवण स्थिति के सामने लगा होता है तथा ऑडियो स्पीकर से उत्पन्न होता प्रतीत होता है|

दो स्पीकर के साथ मोनो

इस स्थिति में आप देख सकते हैं कि दोनों स्पीकर्स सम्मान सिग्नल उत्पन्न करते हैं क्योंकि प्रत्येक स्पीकर को जाने वाली विषय वस्तु समान है इसलिए यह मोनो सिस्टम है| अगर दोनों स्पीकर्स में सिग्नल का स्तर समान होता है तो सिग्नल स्पीकर ओं के केंद्र बिंदु से उत्पन्न होते हुए महसूस होते हैं|

आधार

मोनो

स्टीरियो

परिचय मोनोरल या मोनोफोनिक ध्वनि प्रजनन को सुनने का इरादा है जैसे कि यह ध्वनि का एक एकल चैनल था जिसे एक स्थिति से आ रहा माना जाता है। सामान्यतः, स्टीरियो ध्वनि प्रजनन की एक विधि है जो बहु-दिशात्मक श्रव्य परिप्रेक्ष्य का भ्रम पैदा करती है।

 

लागत रिकॉर्डिंग और प्रजनन के लिए कम महंगा हैं| रिकॉर्डिंग और प्रजनन के लिए अधिक महंगा है|
रिकॉर्डिंग यह रिकॉर्ड करने में आसान होता हैं इसमें केवल मूल उपकरण की आवश्यकता होती है| इसमें उपकरण के अलावा रिकॉर्ड करने के लिए तकनीकी ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है। वस्तुओं और घटनाओं की सापेक्ष स्थिति जानना महत्वपूर्ण है।
प्रमुख विशेषता ऑडियो संकेतों को एक चैनल के माध्यम से रूट किया जाता है| ऑडियो सिग्नल को वास्तविक दुनिया की तरह गहराई / दिशा की धारणा को अनुकरण करने के लिए 2 या अधिक चैनलों के माध्यम से रूट किया जाता है।
प्रयोग इसका प्रयोग सार्वजनिक पता प्रणाली, रेडियो टॉक शो, श्रवण यंत्र, टेलीफोन और मोबाइल संचार, कुछ एएम रेडियो स्टेशन में होता हैं| इसका प्रयोग सिनेमा, टेलीविजन, संगीत खिलाड़ी, एफएम रेडियो स्टेशनमें होता हैं|
चैनल इसमें एक चैनल का प्रयोग होता हैं| इसमें दो चैनल का प्रयोग होता हैं|

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