Internet Terminology (इन्टरनेट शब्दावली)
आर्ची (Archie)
आर्ची एक ऐसा सिस्टम है जो एफ़टीपी सर्वर में स्टोर फाइलों को तलाश करता है इसके द्वारा सूचनाओं के भंडार के बीच अपनी जरूरत की सूचना तलाशी जा सकती है आर्ची आमतौर पर सर्वरों का एक ऐसा संग्रह है जिसके प्रत्येक सर्वर में जानकारी रहती है कि कौन सी फाइल किस सर्वर में है तथा यह किस विषय से संबंधित है|
ब्राउजर (Browser)
यह एक क्लाइंट सॉफ्टवेयर हैं जो हायपर टैक्स्ट को प्रदर्शित करने तथा इसके साथ संवाद स्थापित करने के काम आता हैं। यह दो प्रकार का होता हैं केवल टैक्स्ट तथा टैक्स्ट व ग्राफिकल। शेल अकाउन्ट के माध्यम से केवल टैक्स्ट आधारित ब्राउजर का प्रयोग किया जा सकता हैं।
इलेक्ट्रॉनिक मेल (Electronic mail)
ईमेल कंप्यूटर के द्वारा भेजी जाने वाली इलेक्ट्रॉनिक डाक सेवा का एक संक्षिप्त रूप है इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के द्वारा बड़ी-बड़ी सूचनाओं को प्रकाश की गति से भेजना इमेल ने संभव कर दिया है इसके माध्यम से आप कोई भी सूचना या संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर एक व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति को भेज सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं कंप्यूटर को मॉडेम के द्वारा टेलीफोन से जोड़कर किसी भी सूचना व कंप्यूटर के प्रोग्राम को दुनिया के किसी भी हिस्से में भेज सकते हैं|
गोफर (Gopher)
इसका विकास अमेरिका के मिनिसोटा यूनिवर्सिटी में हुआ था यह एक यूजर फ्रेंडली इंटरफेस प्रदान करता है गोफर के माध्यम से कोई भी यूजर इंटरनेट पर सूचनाओं को प्राप्त कर सकता है गोफर यूजर के द्वारा वांछित सूचनाओं को खोजकर यूजर के सामने ला देता है इसका प्रयोग करना बहुत आसान है इसके अतिरिक्त गोफर कई इंटरनेट सर्विस को आपस में जोड़ने में भी सहायक होता है|
होम पेज (Home Page)
यह किसी साइट का सर्वप्रथम प्रदर्शित होने वाला वेब पेज होता हैं।
हायपर टैक्स्ट मार्कअप भाषा (Hyper Text Markup Language)
यह वेब दस्तावेज तैयार करने के लिए प्रयोग में लायी जाने वाली एनकोडिंग स्क्रीम (encoding scheme) हैं।
हायपर टैक्स्ट ट्रान्स्फर प्रोटोकॉल (Hyper Text Transfer Protocol)
यह वह प्रोटोकॉल हैं जिसका प्रयोग वेब पर हायपर टैक्स्ट दस्तावेजों तथा दूसरे वेब संसाधनों के स्थानांतरण में किया जाता हैं।
इंटरनेट रिले चैट (Internet Relay Chat)
इंटरनेट रिले चैट को सामान्य भाषा में चैट के रूप से जाना जाता है इसका प्रयोग प्रयोक्ता ऑनलाइन एक दूसरे से संवाद स्थापित करने में करते हैं एक ओर का यूजर दूसरी ओर के यूजर से कम्युनिकेशन टेक्स्ट टू वॉयस के रूप में कर सकता है|
टेलनेट (Telnet)
यह प्रोटोकॉल यूजर को रिमोट कंप्यूटर से जोड़ने में सहायक होता है जिस प्रकार फोन पर नंबर डायल करके बात की जा सकती हैं उसी प्रकार इससे आपस में डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है जो आपको किसी अन्य कंप्यूटर पर पहुंचा कर उस पर उपलब्ध विभिन्न सेवाओं के इस्तेमाल का अवसर देती है पर कार्य करते समय यूज़रनेम पासवर्ड की आवश्यकता होती है जब यूजर नेम व पासवर्ड सही होता है तो यूजर रिमोट कंप्यूटर से जुड़ जाता है|
यूजर नेट (User net)
यूज़र नेट एक ऐसा नेटवर्क है जो किसी यूज़र को विभिन्न समूहों से सलाह करने में सहायता प्रदान करता है यूज़र नेट विभिन्न विषयों पर सूचनाएं एकत्र करने में भी सहायक होता है यह विभिन्न न्यूज़ ग्रुप का एक ऐसा संग्रह है जो सूचनाओं के एक विशेष क्षेत्र को कवर करता है उदाहरण के लिए यदि कोई यूज़र राजनीति के बारे में जानता है तो यूज़र नेट का ग्रुप जो राजनीति को कवर करता है उसी राजनीति के बारे में जानकारी प्रदान करेगा आज के समय में समाचारों से संबंधित लगभग 2000 संगठन उपलब्ध है|
यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (Uniform Resource Locator)
यह वेब पर किसी विशेष सूचना को एक्सेस करने के लिए एक विशेष प्रकार का एड्रैस कोड होता हैं जैसे https://computerhindinotes.com
वेरोनिका (Veronica)
यह एक ऐसा प्रोग्राम है जो गोफर के माध्यम से कार्य करता है इसके माध्यम से शीघ्रतापूर्वक आवश्यक सूचनाएं प्राप्त की जा सकती हैं यूजर गोफर सर्वर और वेरोनिका सर्वर को एक्सेस कर के किसी डेटाबेस तक आसानी से पंहुचा सकता है यह आवश्यक नहीं है कि गोफर सर्वर वेरोनिका सर्वर के साथ ही सर्विस प्रदान करें वेरोनिका सर्वर का आर्ची सर्वर से ज्यादा अच्छा प्रयोग है इसमें यूजर को File नेम के बारे में जानना आवश्यक नहीं है|
वाइड एरिया इंफॉर्मेशन सिस्टम (WAIS)
इसको आमतौर पर वॉइस से संबोधित करते हैं यह एक प्रकार का सर्च सिस्टम है जो कि यूज़र द्वारा मांगे गए फाइल को सर्वर से जुड़कर यूजर को प्रदान करता है वाइड एरिया इंफॉर्मेशन सिस्टम उस एड्रेस को बताता है जहां फाइल उपलब्ध है यदि यूज़र द्वारा मांगी गई फाइल किसी एक वाइड एरिया इंफॉर्मेशन सिस्टम सर्वर पर नहीं मिलती है तब यह वाइड एरिया इंफॉर्मेशन सिस्टम सर्वर किसी अन्य वाइड एरिया इंफॉर्मेशन सर्वर की सहायता लेता है|
वेब सर्वर (Web Server)
यह प्रोग्राम वेब ब्राउजर के द्वारा संसाधनों को प्राप्त करने के अनुरोध (request) को पूरा करता हैं तथा उसके अनुरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करता हैं। यह वैसे कम्प्यूटरों को भी कहते हैं जिस पर सर्वर प्रोग्राम क्रियान्वित किया जा रहा होता हैं।
वेब पेज (Web Page)
वेब पेज वेब दस्तावेज का एक इकाई होता हैं। जब हम किसी हायपरलिंक को क्लिक करत हैं तब हम एक वेब पेज प्रदर्शित कर रहे होते हैं।
वेब साइट (Web Site)
वेब साइट वेब पेजों का एक पूर्ण संकलन होता हैं जिसमें टैक्स्ट, ध्वनि तथा चित्रों का समावेश होता हैं तथा वेब साइट के सभी तथ्य परस्पर जुड़े होते हैं।
वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web)
वर्ल्ड वाइड वेब एक प्रकार का डेटाबेस है जो पूरे विश्व में फैला हुआ है यूजर इसी के माध्यम से सूचनाओं को प्राप्त करता है इसमें यूजर के द्वारा सूचनाओं से संबंधित शीर्षक दिया जाता है यूजर उस शीर्षक से संबंधित सभी सूचनाओं का उपयोग कर सकता है पहले वर्ल्ड वाइड वेब में सिर्फ लिखित सूचनाएं उपलब्ध थी किंतु आज लिखित सूचनाओं के साथ-साथ चित्र, ध्वनि, गेम, कार्टून, ऑडियो, वीडियो आदि कई सारी सुविधाएं उपलब्ध है इस पर सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए ब्राउजर सॉफ्टवेयर जैसे इंटरनेट एक्सप्लोरर, गूगल क्रोम,मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स आदि ब्राउजर की आवश्यकता होती है|
पासवर्ड क्रेकिंग (Password Cracking)
कम्प्यूटर तथा नेटवर्क का पासवर्ड, कोडेड फार्म (Encrypted Cracking) मे स्टोर किया जाता हैं। क्रैकर साफ्टवेयर प्रोग्राम की मदद से कोडेड पासवर्ड का पता लगा लेते हैं। तथा इसका प्रयोग अवैध कार्यो(Illegal activities)तथा अनधिकृत उपयोग(Unauthorized use) के लिए करते हैं। Password Cracker एक ऐसा ही सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हैं।
पैकेट स्निफिंग (Packet Sniffing)
इंटरनेट पर डाटा को पैकेट में बांटकर भेजा जाता हैं। डाटा पैकेट्स को अपने Destination तक पहुंचने से पहले ही उसकी पहचान करके उसे रिकॉर्ड कर लेना जैकेट स्निफिंग कहलाता हैं।
पैच (Patch)
सॉफ्टवेयर कंपनियों द्वारा उपयोग के लिए जारी सॉफ्टवेयर में कई खामियां होती हैं। जिनका फायदा हैकर /क्रैकर उठाते हैं। सॉफ्टवेयर कंपनियों द्वारा इन कमियों में सुधार के लिए समय – समय पर छोटे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जारी किए जाते हैं, जिन्हें पैच कहा जाता हैं। ये पैच सॉफ्टवेयर मुख्य सॉफ्टवेयर के साथ ही कार्य करते हैं।
स्केअर वेयर (Scare Ware)
यह कम्प्यूटर वायरस का एक प्रकार है जो इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटर को प्रभावित करता हैं। इसमें इंटरनेट से जुड़े उपयोगकर्ता को कोई फ्री एंटीवायरस या फ्री साफ्टवेयर डाउनलोड करने का लालच दिया जाता हैं। यह एक अधिकृत सॉफ्टवेयर की तरफ दिखता हैं, पंरतु इसे डाउनलोड करते ही वायरस कम्प्यूटर में प्रवेश कर जाता हैं।
फिशिंग (Phishing)
इंटरनेट पर इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के यूजर नेम, पासवर्ड तथा अन्य व्यक्तिगत सूचनाओं को प्राप्त करने का प्रयास करना फिशिंग (Phishing) कहलाता हैं। इसेके लिए उपयोगकर्ता को झूठे (Fake) ई – मेल या संदेश भेजे जाते हैं जो दिखने में वैध (Legitimate) वेबसाइट से आये हुए लगते हैं। इन ई – मेल या संदेश में उपायोगकर्ता को अपना यूजरनेम, लॉग इन आई डी (Login ID) या पासवर्ड तथा अन्य विवरण डालने को कहा जाता हैं। जिनके आधार पर उपयोगकर्ता के गुप्त विवरणों की जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं।
डिजिटल सिग्नेचर (Digital Signature )
यह कम्प्यूटर नेटवर्क पर किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने, उसकी स्वीकृति (Approval) प्राप्त करने तथा किसी तथ्य को सत्यापित (Verify) करने की एक पद्धति हैं। इसमें नेटवर्क सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाता हैं।
डिजिटल सिग्नेचर तकनीक का प्रयोग कम्प्यूटर पर स्टोर किए गए किसी डाक्युमेंट का प्रिंट लिए बिना उस पर हस्ताक्षर करने के लिए किया जाता हैं। डिजिटल सिग्नेचर किसी मैसेज या डाक्युमेंट के साथ जुड़ जाता हैं। तथा उसकी वैधता (Authenticity) प्रमाणित करता हैं। डिजिटल सिग्नेचर कम्प्यूटर पर कोडेड फार्म में स्टोर किया जाता हैं ताकि उसे अनधिकृत उपयोगकर्ताओं की पहुंच से दूर रखा जाए। ई – कामर्स तथा ई प्रशासन (E – governance) में इसका प्रयोग प्रचलित हो रहा हैं।
Spam (स्पैम)
कम्प्यूटर तथा इंटरनेट का प्रयोग कर अनेक व्यक्तियों को अवांछित तथा अवैध रूप से भेजा गया संदेश स्पैम कहलाता हैं। इसे नेटवर्क के दुरूपयोग के रूप में जाना जाता हैं। यह ई – मेल संदेश का अभेदकारी वितरण (Non-distributional distribution)हैं जो ई – मेल तंत्र में सदस्यता के (Overlapping) के कारण संभव हो पाता हैं।
Spam सामान्यत: कम्प्यूटर नेटवर्क तथा डाटा को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। वास्तव में Spam एक छोटा प्रोग्राम है जिसें हजारों की संख्या में इंटरनेट पर भेजा जाता हैं ताकि वे इंटरनेट user की साइट पर बार – बार प्रदर्शित हो सकें। Spam मुख्यत: विज्ञापन होते हैं जिसे सामान्यत: लोग देखना नहीं चाहते। अत: इसे बार – बार भेजकर उपयोगकर्ता का ध्यान आकृष्ट किया जाता हैं।
चूकिं Spam भेजने का खर्च उपयोगकर्ता (Client) या सर्विस प्रोवाइडर पर पड़ता हैं अत: इसे विज्ञापन के एक सस्ते माध्यम के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। इंटरनेट की विशालता के कारण स्पैम भेजने वाले (Spammer) को पकड़ पाना कठिन होता है। Spam Filter या Anti Spam Software का प्रयोग कर इससे बचा जा सकता हैं।