Multimedia Presentation and its Characteristics (Multimedia प्रेजेंटेशन एवं इसके गुण)
Multimedia प्रेजेंटेशन एक डिजिटल शो है जिसकी विषय वस्तु विभिन्न अलग-अलग मीडिया टाइप जैसे – text, इमेज, ग्राफिक्स, ऑडियो, वीडियो तथा एनिमेशन द्वारा व्यक्त की जाती है|
Multimedia प्रेजेंटेशन के कुछ गुण इस प्रकार है-
- Use of Multiple media (बहुमीडिया का प्रयोग)
- Non linear (नॉन linear)
- Interactive (इंटरैक्टिव)
- Integrity (इंटीग्रिटी)
- Digital Representation (डिजिटल रिप्रजेंटेशन)
uses of Multimedia (बहुमीडिया का प्रयोग)
Multimedia प्रेजेंटेशन की पहली और सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है कई प्रकार के माध्यमों का प्रयोग करना| निम्न मध्यम या इनका संयोजन ही अक्सर सभी मीडिया प्रोजेक्टों में प्रयोग किया जाता है-
Audio, text, graphics, Animation तथा video
text Multimedia हैरार्की में पहला और सबसे आसान लेवल होता है Multimedia के आने से पहले कई वर्षों तक संचार का मुख्य माध्यम text ही था| इंटरनेट एवं वर्ल्ड वाइड वेब से हाल के वर्षों में हुई क्रांति से text का महत्व पहले से कहीं ज्यादा बढ़ा है| एक पिक्चर का महत्व हजार शब्दों से अधिक होता है पिक्चर्स दो तरह की होती हैं- एक वास्तविक विश्व की पिक्चर्स जिन्हें images कहा जाता है और दूसरे हाथ से बनाई गई पिक्चर्स जैसे स्केचेस (sketch), डायग्राम (diagram), और पोर्ट्रेट (Portraits) जिन्हें ग्राफिक्स कहा जाता है|
बिजनेस Multimedia एप्लीकेशंस में साउंड या ऑडियो, यूजर को उत्पादों का वर्णन करने, निर्देश देने, प्रेजेंटेशन को बेहतर बनाने या किसी एक्शन को करने के लिए दर्शकों द्वारा शब्द संकेत प्रदान करना आदि के लिए सक्षम बनाते हैं मूवीज या वीडियो इमेज तथा साउंड का सम्मिश्रण होते हैं वह मूवीज जो वास्तविक विश्व की घटनाओं का सम्मिश्रण होते हैं| वो मूवीज जो वास्तविक विश्व की घटनाओं को दर्शाती है, मोशन पिक्चर्स (Motion Pictures) कहलाती हैं| जो मैग्नेटिक मीडिया पर रिकॉर्ड की जाती हैं, और वो जो काल्पनिक या कृत्रिम दृश्यों को दर्शाती हैं एनिमेशन (Animation) कहलाती हैं|
non linear Presentation (नॉन लीनियर प्रेजेंटेशन)
जब यूजर्स इसे बैठकर देख सकते हैं जिस तरह से वह किसी मूवी को देखते हैं तो ऐसी स्थिति में यह प्रोजेक्ट linear होता है यह शुरू से लेकर अंत तक पूरा चलता है| TV Show और motion pictures को linear माना जाता है क्योंकि यूजर या दर्शक को प्रदर्शित की जाने वाली सूचना को देखना ही होता है और इसे उसी क्रम में देखना पड़ता है जिस क्रम में प्रोड्यूसर या शो के निर्माता ने इसके फ्रेमों की श्रंखला को पूर्व रूप से तय करके निर्धारित किया था| दर्शक फ्रेम की श्रंखला के क्रम को बदल नहीं सकते हैं या उनके बीच के समय को भी जरूरत पड़ने पर बदल नहीं सकते हैं|
जब यूजर्स को नेविगेशन कंट्रोल दिया जाता है और वह कंटेंट के बीच स्वेच्छा से आना जाना कर सकते हैं, तो Multimedia non linear हो जाता है तथा यूजर मनचाहे ढंग से उसके साथ interact कर सकते हैं एक hyper text system को non linear तरीके से पढ़ा जाना चाहिए, क्योंकि इसमें लिंक्स जो दस्तावेज के दूसरे भागों या अन्य दस्तावेजों को पॉइंट करती हैं उनका अनुसरण किया जाता है|
Interactive Presentation (इंटरैक्टिव प्रेजेंटेशन)
Multimedia application, जो यूजर को होने वाली गतिविधियों के साथ किसी भी तरह से interact करने की अनुमति देता है, उसे interactive Multimedia कहते हैं| उदाहरण के लिए, एक स्लाइड शो में, interactivity आमतौर पर गति नियंत्रित करने की क्षमता को कहा जा सकता है| interactivity का अगला लेवल है क्रम को नियंत्रित करने की क्षमता होना एवं यह चुनना कि अगले स्टेप में कहां जाना है| इसके बाद आता है मीडिया नियंत्रण वीडियो को स्टार्ट और स्टॉप करना, text को खोजना, व्यू या ज़ूम करना आदि उदाहरण के लिए एक बटन पर क्लिक करके एक वीडियो क्रम को प्रजेंटेशन में स्टार्ट करना और बैकग्राउंड म्यूजिक को रोकना interactivity आपको प्रेजेंटेशन के साथ जोड़ने की अनुमति प्रदान करती हैं|
Integrity (इंटीग्रिटी)
इसका अर्थ है कि यधपि मीडिया के कई प्रकार उपस्थित हैं और एक साथ चलते हैं, फिर भी उन्हें इंटीग्रेट करना आवश्यक है या उन्हें एक इकाई के रूप में रखा जाना आवश्यक है जो प्रेजेंटेशन में शामिल हो| हम सभी मीडिया को अलग अलग नहीं कर सकेंगे और इन्हें अलग अलग नियंत्रित करना भी मुश्किल है इसके बदले उन्हें प्रेजेंटेशन के फ्रेमवर्क के भीतर ही नियंत्रित किया जाना चाहिए|
Digital Representation (डिजिटल रिप्रजेंटेशन)
सूचना तक पहुंचने के भी कई तरीके होते हैं : Sequential या Serial Access तथा Direct या Random access| Sequential access स्टोरेज डिवाइस वह होती है जिसमें वांछित लोकेशन तक पहुंचने से पहले आपको अन्य कई लोकेशन के अनुसार access time भी अलग-अलग होता है| अन्य शब्दों में, Sequential access डिवाइस में रखी सूचना को उसी क्रम में पुनः प्राप्त किया जा सकता है जिस क्रम में इन्हें स्टोर किया गया था| इसके अलावा एक Sequential access डिवाइस के साथ काम करते समय, यदि आवश्यक एड्रेस काम नहीं करता है, तो इस तक पहुंचने के लिए इसके पहले store किए गए सभी addresses को खोजते हुए आगे बढ़ना होता है| उदाहरण के लिए, अंतिम कुछ लोकेशन पर store किया गया डाटा, तब तक एक्सेस नहीं किया जा सकता जब तक इस Sequence के सभी पूर्ववर्ती लोकेशंस को पार नहीं कर लिया जाता हैं| यह एक म्यूजिक टेप कैसेट की तरह से है| यदि एक म्यूजिक टेप पर 10 गाने रिकॉर्ड किए गए हैं, और यदि आप उनमें से आठवीं गाने को सुनना चाहते हैं तो आपको पहले 7 गानों को भी सुनना पड़ेगा| यधपि आप के प्लेयर में ‘फास्ट फॉरवर्ड’ की सुविधा मौजूद होती है, फिर भी आठवीं गाने को प्ले करने के लिए शुरू के 7 गानों को एक्सेस अवश्य किया जाता है, यद्यपि इन्हें पूरी तरह प्ले नहीं किया जाता है|
Multimedia में प्रेजेंटेशन के अलग-अलग हिस्सों तक पहुंचने के लिए त्वरित एक्सेस की जरूरत होती है यह कार्य अच्छी तरह से एक डिजिटल कंप्यूटर में होता है, जिसमें डाटा एक Random access device जैसे – हार्ड डिस्क, कॉन्पैक्ट डिस्क आदि में स्टोर किया जाता है Random access device वह होती है जिसमें डिवाइस की कोई भी लोकेशन को random तरीके से चुना जा सकता है इस तरह की डिवाइस में सूचना तक सीधे पहुंचा जा सकता है| और सभी लोकेशन तक पहुंचने में करीब-करीब बराबर समय ही लगता है| यह एक म्यूजिक CD की तरह है| यदि एक म्यूजिक CD पर 10 गाने रिकॉर्ड किए गए हैं और यदि आप छटवे गाने को सुनना चाहते हैं तो आपको पहले के 5 गानों को ना तो सुनना पड़ेगा और ना ही उन्हें फास्ट फॉरवर्ड करना पड़ेगा आपको सिर्फ प्लेयर पर ट्रैक नंबर 6 चुनना होगा और प्लेयर सीधे CD की पिकअप आर्म को घुमाकर छटवे गाने पर रखेगा और छटवा गाना बजना शुरू हो जाएगा|