Remote login
Telnet Internet और Local Area Network पर उपयोग किया जाने वाला एक प्रोटोकॉल है जिसे 1969 में विकसित किया गया था| Telnet Virtual Terminal Connection का उपयोग करके एक Bidirectional Interactive Text-oriented Communication सुविधा प्रदान करता है। Telnet एक network text-only protocol है , यह एक ऐसा Method है जो इन्टरनेट पर दूरस्थ कंप्यूटर से कनेक्ट करने और प्रोग्राम और डेटा का उपयोग करने की अनुमति देता है | अर्थात वह Login जिससे एक यूजर किसी Host Computer से एक नेटवर्क की सहायता से इस तरह जुड़ा (Connect) होता है जैसे User Terminal और Host Computer दोनो Directly जुडे हो | Host Computer ,User को Keybord और Mouse का प्रयोग करने की सुविधा भी उपलब्ध कराता है। Remote Login Desktop Sharing की तरह ही कार्य करता है। Remote Login की सहायता से हम ऑफिस या घर के कंप्यूटर को (जो Host कहलाएगे) कही से भी Remote User बनकर Access कर सकते है।
साधारण शब्दों में हम कह सकते है की टेलनेट का उपयोग नेटवर्क डिवाइस को रिमोट के द्वारा कॉन्फ़िगर करने के लिए किया जाता हैं | दोस्तों मान लीजिये की आप किसी कंपनी में Network Administrator है। आपकी कंपनी का नेटवर्क बहुत बड़ा है और इसमें बहुत से होस्ट है। इतने बड़े नेटवर्क में यदि आपको किसी होस्टसे किसी प्रकार का Data Access करना हो या फिर किसी होस्ट पर कोई प्रोग्राम रन करना हो तो आपको फिजिकली उस होस्ट तक जाना होगा। लेकिन एक बड़े नेटवर्क में हर एक होस्ट के पास जाकर काम करना बहुत समय लेने वाली प्रोसेस होगी |इन सब चीजों से बचने के लिए टेलनेट का इस्तेमाल किया जाता हैं | टेलनेट एक नेटवर्क प्रोटोकॉल होता है। इसकी मदद से आप इन्टरनेट अथवा किसी लोकल एरिया नेटवर्क के एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को remotely access कर सकते है।
Remote Login के लिये निम्न 3 Components की आवश्यकता होती है-
- Login Software
- Internet Connection
- Secure Desktop Sharing Network
Remote login की आवश्यकता
- Remote Login को कार्य करने के लिये दोनो सिस्टम अर्थात होस्ट और रिमोट यूजर में एक ही डेस्कटाॅप शेयरिंग साॅफ्टवेयर Install किया जाना चाहिए।
- Remote Login तभी कार्य करेगा जब Host Computer की Power On हो, Host Internet से जुडा हो तथा Host Computer पर Desktop शेयरिंग साॅफ्टवेयर Run हो रहा हो। Host Computer से जुडने के लिये User को Desktop शेयरिंग साॅफ्टवेयर का वो ही Version प्रयोग करना होगा जो Host Computer पर Run हो रहा है। इसके पश्चात् सही Session ID और Password डालकर User Host Computer मे Remotely Login कर सकता है।
- Login करने के पश्चात् User Host Computer के Keyboard Control, Mouse Control सभी साॅफ्टवेयर और फाईलो को Access कर सकता है।
Telnet Concept
टेलनेट एक पुरानी इंटरनेट सुविधा है, जिसमे आप किसी दूर स्थित कम्प्यूटर मे लाॅगआन कर सकते है। दूसरे शब्दो मे यह आपको अपने कम्प्यूटर पर बैठे किसी दूर के कम्प्यूटर का उपयोग करने की सुविधा देता है। इसको रिमोट लाॅगिंग भी कहा जाता है। सामान्यतः कोई टेलनेट प्रोग्राम आपको दूसरे कम्प्यूटर के लिये एक पाठ्य आधारित विडों देता है। आपको उस सिस्टम के लिये एक लाॅगइन प्राॅम्ट दिया जाता है। यदि आपके सिस्टम पर पहुचंने की अनुमति है, तो आप उस पर ठीक उसी प्रकार कार्य कर सकते है, जैसे अपने कम्प्यूटर पर करते है। यह सुविधा उन लोगो के लिये बहुत उपयोगी है जो दूसरे कम्प्यूटरो पर ऐसा कार्य करना चाहते है, जो FTP आदि अन्य सुविधाओ के माध्यम से नही किया जा सकता है।स्पष्ट है कि यह सुविधा सबके लिये नही है। यह केवल अधिकृत लोगो को ही दी जाती है और प्रत्येक टेलनेट कम्प्यूटर के बाहरी उपयोगकर्ताओ को ऐसी अनुमति देने के अपने नियम होते है।
- टेलनेट एक एप्लीकेशन लेयर प्रोटोकोल होता है इसका प्रयोग इंटरनेट और लोकल एरिया नेटवर्क में बाइ- डायरेक्शनल इंट्रैक्टिल टेक्स्ट ओरियेन्टेड संचार के लिये किया जाता है इसके लिए यह वर्चुअल टर्मिनल कनेक्शन को प्रयोग करता है।
- इसका विकास सन् 1969 मैं हुआ था और इसे इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स ने स्टैंडर्ड प्रदान किया जिसकी वजह से यह पहला इंटरनेट स्टैंडर्ड बना।
- टेलनेट ऐसा एक्सेस प्रदान करता है जो कमांड लाइन इंटरफेस पर आधारित होता है, यहां ज्यादातर अवस्थाओं में ऑपरेटिंग सिस्टम ही होता है और इसे रिमोट होस्ट पर प्रयोग किया जाता है।
- जिन कम्प्यूटर सिस्टम में ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में विंडोज़ NT को प्रयोग किया जाता है वे TCP/IP के साथ अपने ज्यादातर उपकरणों के लिए टेलनेट का ही प्रयोग करते हैं।
- वर्तमान समय में सिक्योरिटी कारणों की वजह से रिमोट कम्पयूटरों के लिए इसका प्रयोग SSH (सिक्योर शेल इंक्रिप्शन) के संदर्भ में कम हो गया है।
- टेबलेट को एक क्रिया के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। टेलनेट करना मतलब कमांड लाइन क्लाइंट या फिर प्रोग्रामेटिक इंटरफेस के साथ टेलनेट प्रोटोकॉल के साथ एक संबध स्थापित करना होता है।
- टेलनेट में एक यूज़र यूनिक्स जैसे सर्वर सिस्टम या नेटवर्क डिवाइस जैसे की एक राउंडर को यदि टेलनेटिंग करते हैं तो उन्हें एक कमांड लाइन या अक्षरों पर आधारित फुल स्क्रीन मैनेजर का प्रयोग करता पड़ता है।
- टेलनेट में सुरक्षा की दृष्टि से अनेक खामियां हैं इसलिए इंटरनेट सुरक्षा विशेषज्ञ इसके प्रयोग को बंद करने की सलाह देते है इसमें कोई भी यूजर डेटा पैकेटों को बीच में रोक सकता है और उनसे पासवर्ड जैसे जानकारियां हासिल करके नेटवर्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
- वर्तमान समय में टेलनेट को होस्ट एप्लीकेशनों को केवल इंटरनल और प्राइवेट नेटवर्क पर प्रयोग करने के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
- वर्तमान समय में कुछ कम्पनियां जहां टेलनेट सिक्योर नेटवर्क पर काम करता है मोबाइल डेटा स्टोरेज एप्लीकेशनों के लिए इसे प्रयोग करती है इसके अलावा इंटरनेट पर टेलनेट उन स्थानों पर प्रयोग किया जाता है जहां कुछ लोग अलग-अलग लोकेशनों पर रहते हुए किसी एक गेम, जैसे कि शतरंज को शेयर करते खेलते हैं और वह भी बिना कोई शुल्क दिये।
टेलनेट कैसे कार्य करता है ?
Telnet का उपयोग मुख्य रूप से एक Terminal (CMD) या “Dumb” कंप्यूटर पर किया जाता था। इन कंप्यूटरों को केवल एक कीबोर्ड की आवश्यकता होती है क्योंकि स्क्रीन पर सब कुछ Text के रूप में Display होता है। आधुनिक कंप्यूटर और ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ जैसा आप देखते हैं वैसा कोई ग्राफ़िकल यूज़र इंटरफ़ेस नहीं है।
Terminal (CMD) किसी अन्य डिवाइस पर Remotely log in करने का एक तरीका प्रदान करता है, आजकल, टेलनेट का उपयोग वर्चुअल टर्मिनल, या टर्मिनल एमुलेटर से किया जा सकता है, जो अनिवार्य रूप से एक आधुनिक कंप्यूटर है जो समान टेलनेट प्रोटोकॉल के साथ Communication करता है। इसका एक उदाहरण Telnet command, है, जो Windows में Command Prompt भीतर उपलब्ध है। टेलनेट कमांड, एक कमांड है जो Remote Device या System के साथ Communication करने के लिए Telnet Protocol का उपयोग करता है। Telnet Command को Linux, Mac, और Unix जैसे अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम पर भी Executed किया जा सकता है, जैसा कि आप Windows OS पर करते हैं |
Telnet का उपयोग शायद ही कभी डिवाइस या सिस्टम को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है। आज से समय में Device,को Remotely Configure और Manage करने के लिए और भी बहुत सारे टूल्स उपलब्ध है | जो Telnet कीअपेक्षा काफी सुरक्षित भी है इसलिए अब इसका इस्तेमाल न के बराबर ही होता है |
Telnet Zero file transfer Encryption, प्रदान करता है, जिसका मतलब यह है कि टेलनेट के द्वारा होने वाली कम्युनिकेशन एक Clear Text में होती है हैं । आपके नेटवर्क ट्रैफ़िक की निगरानी करने वाला कोई भी व्यक्ति, आपके द्वारा login किये गए Username और Password को आसानी से देख सकता है | और इस तरह आपकी महत्कावपूर्ण डिवाइस का एक्सेस गलत हांथो में जाने का डर हमेशा बना रहता है |
टेलनेट से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- टेलनेट एक एप्लीकेशन लेयर प्रोटोकोल होता है इसका प्रयोग इंटरनेट और लोकल एरिया नेटवर्क में बाइ- डायरेक्शनल इंट्रैक्टिल टेक्स्ट ओरियेन्टेड संचार के लिये किया जाता है इसके लिए यह वर्चुअल टर्मिनल कनेक्शन को प्रयोग करता है।
- इसका विकास सन् 1969 मे हुआ था और इसे इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स ने स्टैंडर्ड प्रदान किया जिसकी वजह से यह पहला इंटरनेट स्टैंडर्ड बना।
- टेलनेट ऐसा एक्सेस प्रदान करता है जो कमांड लाइन इंटरफेस पर आधारित होता है, यहां ज्यादातर अवस्थाओं में ऑपरेटिंग सिस्टम ही होता है और इसे रिमोट होस्ट पर प्रयोग किया जाता है।
- जिन कम्प्यूटर सिस्टमों में ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में विंडोज़ NT को प्रयोग किया जाता है वे TCP/IP के साथ अपने ज्यादातर उपकरणों के लिए टेलनेट का ही प्रयोग करते हैं।
- वर्तमान समय में सिक्योरिटी कारणों की वजह से रिमोट कम्पयूटरों के लिए इसका प्रयोग SSH (सिक्योर शेल इंक्रिप्शन) के संदर्भ में कम हो गया है।
- टेबलेट को एक क्रिया के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। टेलनेट करना मतलब कमांड लाइन क्लाइंट या फिर प्रोग्रामेटिक इंटरफेस के साथ टेलनेट प्रोटोकॉल के साथ एक संबध स्थापित करना होता है।
- टेलनेट में एक यूज़र यूनिक्स जैसे सर्वर सिस्टम या नेटवर्क डिवाइस जैसे की एक राउंडर को यदि टेलनेटिंग करते हैं तो उन्हें एक कमांड लाइन या अक्षरों पर आधारित फुल स्क्रीन मैनेजर का प्रयोग करता पड़ता है।
- टेलनेट में सुरक्षा की दृष्टि से अनेक खामियां हैं इसलिए इंटरनेट सुरक्षा विशेषज्ञ इसके प्रयोग को बंद करने की सलाह देते है इसमें कोई भी यूजर डेटा पैकेटों को बीच में रोक सकता है और उनसे पासवर्ड जैसे जानकारियां हासिल करके नेटवर्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
- वर्तमान समय में टेलनेट को होस्ट एप्लीकेशनों को केवल इंटरनल और प्राइवेट नेटवर्क पर प्रयोग करने के लिए ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
- वर्तमान समय में कुछ कम्पनियां जहां टेलनेट सिक्योर नेटवर्क पर काम करता है मोबाइल डेटा स्टोरेज एप्लीकेशनों के लिए इसे प्रयोग करती है इसके अलावा इंटरनेट पर टेलनेट उन स्थानों पर प्रयोग किया जाता है जहां कुछ लोग अलग-अलग लोकेशनों पर रहते हुए किसी एक गेम, जैसेकि शतरंज को शेयर करते खेलते हैं और वह भी बिना कोई शुल्क दिये।
सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपको टेलनेट के बारे में पता होना चाहिए वह यह है की यह सुरक्षित प्रोटोकॉल नहीं है। जब आप टेलनेट का उपयोग करके एक Remote Host में Login करते हैं, तो आपका Username and Password Clear Text में भेजा जाता है – मतलब, इस Clear Text को किसी भी तरह से encrypted नहीं किया जाता है। इसका मतलब है कि आपके credentials आसानी से बाधित हो सकती है और इसका उपयोग उस डिवाइस तक पहुंचने में किया जा सकता है। Public Network (Internet) पर Telnet का इस्तेमाल करना कम Secure माना जाता है इसलिए Public Network में किसी Host को Remotely Access करने के लिए SSH (Secure Shell) को Use किया जाता है। SSH भी Telnet की तरह ही Hosts को Remotely Access करने के लिए होता है लेकिन ये Telnet से अधिक Secure होता है। Telnet को सिर्फ Private Networks में ही Use करना Safe माना जाता है। Telnet बहुत सारी कमियों के कारण अब इसकी जगह पर SSH protocol का इस्तेमाल किया जाता है |