BIOS क्या है? BIOS से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में

BIOS क्या है? (What is BIOS)

कंप्‍यूटर स्‍टार्ट करने पर सबसे पहले जो स्‍क्रीन आपको दिखाई देती है वही बायोस (BIOS) होता है, BIOS का पूरा नाम Basic Input/Output System होता है, इसे System BIOS या PC BIOS भी कहा जाता है। यह मदरबोर्ड के साथ जुड़ा एक सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर चालू करते ही अपने आप शुरू हो जाता है, BIOS कंप्‍यूटर के on होने पर RAM, Processor, Key Board, Hard Disk आदि की पहचान कर उन्‍हें कन्फिगर (Configure) करता है।

यह हमारे कंप्यूटर की ROM Memory में स्थित होता है जो कंप्यूटर के सभी Hardware को पहचानता है बायोस (BIOS) मुख्‍यरूप से कंप्‍यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) को बूट कराने का काम करता है, जब कंप्यूटर ऑन होता है, BIOS आपके द्वारा की गयी CMOS सेटअप कि जाँच करता है और यह तय करता है कि किस डिवाइस से सिस्‍टम बूट कराया जाये| और उन सभी को prepare करने के बाद Operating System को call करता है तभी हमारा कंप्यूटर स्टार्ट होता है और हम उसे इस्तेमाल कर पाते है।

BIOS हर कंप्यूटर में पहले से ही installed रहता है क्यूंकि CPU में प्रोग्राम BIOS के बाद ही इनस्टॉल हो पाते हैं, यह कंप्यूटर की Non-Volatile मेमोरी यानी ROM के अंदर इनस्टॉल रहता है जो चिप हमारे कम्पुटर के Motherboard में लगी होती है| इसे हम आसानी से डिलीट नहीं कर सकते हालाँकि यह एक EEPROM (Electronically Erasable Programmable Read Only Memory) टाइप की मेमोरी होती है यानी जिसे Electronically Erase और reprogram किया जा सकता है ताकि बाद में अगर BIOS को अपग्रेड करना हो तो कोई दिक्कत ना आए।

BIOS संक्षिप्त में

  • BIOS सॉफ्टवेयर का प्रयोग पहली बार आईबीएम (IBM) के द्वारा वर्ष 1981 में किया गया था। वर्ष 1981 में IBM ने इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग पर्सनल कंप्यूटर में किया था। कुछ ही समय में यह काफी लोकप्रिय हो गया जिसके बाद इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सभी प्रकार के कम्प्यूटरो में किया जाने लगा।
  • BIOS का पूरा नाम Basic Input/Output System होता है|
  • कंप्यूटर को start करने पर सबसे पहले हमें जो स्क्रीन दिखायी देती है उसे ही BIOS कहते हैं|
  • BIOS मदरबोर्ड के साथ जुड़ा हुआ एक सॉफ्टवेयर होता है और जब भी कंप्यूटर चालू होता है तो यह अपने आप ही run होने लगता है|
  • BIOS एक ऐसा प्रोग्राम है जो कंप्यूटर को बूट (boot) करने के लिए ज़िम्मेदार होता है। यह हार्डवेयर के सभी कनेक्शन का पता लगाता है और उनकी जांच करता है कि सभी कनेक्शन सही तरीके से काम कर रहे है या नहीं।
  • CPU ऑपरेटिंग सिस्टम लोड होने से पहले ही BIOS को एक्सेस कर लेता है जिसकी वजह से BIOS कंप्यूटर के शुरू होने पर ही स्टार्ट हो जाता है।
  • BIOS कंप्यूटर की ROM मेमोरी में मौजूद होता है, यह कंप्यूटर के चालू होने पर हार्डवेयर की पहचान कर उन्हें configure (कॉन्फ़िगर) करता है|
  • BIOS का सबसे मुख्य काम कंप्यूटर की settings की सही से जाँच करना होता है, जिसकी मदद से BIOS यह पता लगा पाता हैं कि कंप्यूटर सही से काम कर रहा है या नही|
  • BIOS का मुख्य कार्य हार्डवेयर को सेट करना और ऑपरेटिंग सिस्टम को शुरू करना होता है। यह इनपुट और आउटपुट डिवाइसों को नियंत्रित (control) भी करता है। इसका इस्तेमाल हार्डवेयर को मैनेज करने के लिए किया जाता है।
  • यह सॉफ्टवेयर कंप्यूटर सिस्टम में Data Flow (डेटा प्रवाह) को नियंत्रित भी करता है। BIOS को “BYE-oss” के नाम से भी जाना जाता है। इस सॉफ्टवेयर को अनेक नामो से जाना जाता है जैसे :- ROM BIOS, PC BIOS और सिस्टम BIOS आदि|

BIOS का इतिहास (History of BIOS)

BIOS का आविष्कार 1975 में गैरी किल्डल (Gary Kildall) के द्वारा किया गया था। Gary Kildall एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे| इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल पहली बार CP/M ऑपरेटिंग सिस्टम में किया गया था। पुराने समय में बायोस का इस्तेमाल बूटिंग के दौरान लोड किए गए CP/M मशीन के विशेष भाग के वर्णन करने के लिए किया जाता था। इसके बाद 1990 के दशक में पर्सनल कंप्यूटर में बायोस का उपयोग किया जाने लगा।

शुरुआती दौर में इस सॉफ्टवेयर को ROM चिप्स पर स्थित किया गया था। हालांकि कुछ समय के बाद बायोस को ROM से हटाकर EEPROM या फ़्लैश ड्राइव में स्थापित किया जाने लगा। जल्द ही, यह पर्सनल कंप्यूटर का हिस्सा बन गया और माइक्रोसॉफ्ट के डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम (DOS) के आगमन के साथ BIOS बहुत लोकप्रिय हो गया| 1981 में BIOS IBM के पहले PC का हिस्सा था| बहुत ही जल्द BIOS PC का एक प्रमुख हिस्सा बन गया|

BIOS के कार्य (Functions of BIOS)

BIOS setting को चेक करना

BIOS सबसे पहले CMOS में BIOS setting की जाँच करता हैं| कंप्यूटर के स्टार्ट होने के बाद यह CMOS से सभी settings को Read करता है ताकि कंप्यूटर ठीक से काम कर सकें।


कंप्यूटर drivers load करना

उसके बाद BIOS Computer drivers load करता हैं| जो Operating System और connected devices के बीच एक Base या interface का काम करते हैं।

Computer registers को initialize करना

किसी भी कंप्यूटर के अंतर्गत कंप्यूटर रजिस्टर को Initialize करना भी BIOS का एक काफी महत्वपूर्ण कार्य होता है। आपके कंप्यूटर के अंतर्गत सभी ड्राइवर को लोड करने के बाद BIOS यह कार्य करता है, ताकि आप कंप्यूटर का सही इस्तेमाल कर सकें है। इसके अंतर्गत BIOS यह सुनिश्चित करता है, कि आपके सीपीयू के अंतर्गत रजिस्टर्ड सभी फाइल सही तरह से काम करने योग्य है या फिर नहीं है।

Power-On-Self-Test (POST) करना

BIOS किसी भी कंप्यूटर के स्टार्ट होने पर Power on self test भी करता है, जिसके अंतर्गत यह आपके कंप्यूटर में उपस्थित सभी हार्डवेयर को टेस्ट करता है, इसको पोस्ट POST भी कहते है।

BIOS setup करना

POST की प्रक्रिया के समय हम एक स्पेशल key दबाते हैं जिससे हमारे सामने एक setting open जाती है जिसे हम BIOS setting कहते हैं | इन सभी सीटिंग को ओपन करने का कार्य BIOS के द्वारा ही किया जाता है। इसी setting को BIOS सबसे पहले load करता है।

Boot device चेक और load करना

उसके बाद BIOS एक BOOTABLE माध्यम ढूंढता है और उसके बाद bootable माध्यम को रीड करके जरूरी फाइल्स को RAM मे load करता है और इसके बाद ही हमारा कंप्यूटर on होता हैं और हमे डेस्कटॉप दिखाई देता हैं|

बायोस के प्रकार (Types of BIOS)

BIOS मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते है जो निम्नलिखित है -:


Legacy BIOS

इस प्रकार के BIOS हमें पुराने Motherboard में देखने को मिलते है। पीसी को चालू करने के लिए पुराने मदरबोर्ड में Legacy BIOS का उपयोग किया जाता था। इस प्रकार के BIOS 2.1 TB से अधिक वाले drives को support नही करते है। और उनके इंस्टॉलेशन सिस्टम में केवल-टेक्स्ट मेनू होते हैं।

UEFI

UEFI का पूरा नाम Unified Extensible Firmware Interface है जो कि 2.2 TB या 2.2 TB से अधिक आकार वाली ड्राइव को support करता है। यह पुराने MBR (Master Boot Record) की जगह नए GPT का उपयोग करता है।

बायोस की सेटिंग कैसे ऑन करे? (How to Enable Setting of Bios)

BIOS को access करने के लिए आपको सबसे पहले अपना कंप्यूटर restart करना होगा, जैसे ही आप अपना कंप्यूटर restart करते है| Restart करने के बाद कंप्यूटर चालू होते ही आपको की-बोर्ड शार्टकट keys F2, F12, Delete या Esc में से कोई भी एक key को बिना समय लगाये दबाना हैं ऐसा करते ही आपके कंप्यूटर की BIOS setting ओपन हो जाएगी इस प्रकार से आप BIOS की settings को आसानी से on कर सकते है|

BIOS को रिसेट कैसे करें? (How to Reset BIOS)

BIOS को Reset करने की आवश्यकता निम्न कारणों से पड़ती हैं जैसे –

  • यदि आपने कोई पुराना कंप्यूटर ख़रीदा हो|
  • यदि आपका कंप्यूटर पासवर्ड के कारण लॉक हो गया हो|
  • यदि आपने अपने कंप्यूटर के हार्डवेयर में कोई बदलाव किया हो|

इन कारणों की वजह से हमे BIOS को Reset करने की आवश्यका पड़ती हैं| आप BIOS menu से ही BIOS को Reset कर सकते हैं, या BIOS मेमोरी में बिजली प्रवाहित करने वाली CMOS बैटरी को निकालर उसे वापस यथास्थान पर लगा सकते हैं।

आप निम्नलिखित steps को follow करके BIOS को reset कर सकते है|

  • BIOS को reset करने के लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर की power button को 10 second दबा कर रखे, जब तक की आपका कंप्यूटर off ना हो जाये |
  • कंप्यूटर off होने के बाद आप उसको फिर से on करे, जैसे ही आपके कंप्यूटर की screen on होती है वैसे ही आप अपने computer की BIOS setting को on करना है |
  • BIOS setting को on करने के लिए आप अपने कंप्यूटर में ESC, Delete आदि कोई भी key दबा सकते है |
  • कोई भी key दबाते ही आपके कंप्यूटर की BIOS setting on हो जाएगी यहां आपको Restore Defaults पर click करे और फिर उसके बाद F10 key press कर के अपनी सभी settings को save कर ले और Enter दबा कर BIOS settings से बाहर निकले |

विंडोज़ 10 में BIOS वर्जन कैसे जांचें?

BIOS वर्जन (विंडोज 10) की जांच करने के लिए 2 तरीके बताये गए हैं –

कमांड प्रॉम्प्ट का उपयोग करके

  • सबसे पहले कीबोर्ड से Windows key + S प्रेस करें | इसके बाद सर्च बॉक्स में cmd टाइप करें|
  • कमांड प्रॉम्प्ट पर क्लिक करें और wmic bios टाइप करें smbiosbiosversion प्राप्त करें और Enter प्रेस करें |
  • अब आप अपने BIOS का वर्जन नम्बर को देख सकते हैं |

सिस्टम सूचना पैनल का उपयोग करके

  • सबसे पहले कीबोर्ड से Windows key + S प्रेस करें | रन डायलॉग बॉक्स में msinfo32 टाइप करे और एंटर करें|
  • इसके बाद System Summary पर जाएँ और BIOS Version/Date पर क्लिक करें |

CMOS क्या हैं? (What is CMOS?)

CMOS का पूरा नाम Complementary Metal Oxide Semiconductor होता हैं यह एक Battery होती है, जो की BIOS में Store सभी Settings को सुरक्षित रखती है और इसी के कारण BIOS, Computer Booting Process को Start करता है| यह एक छोटा सा सेल होता है इसी के कारण कंप्यूटर का Date/Time और बाकी सारी basic जानकारी save रहती है। इस battery के ख़तम होने या निकाल देने पर BIOS settings रिसेट हो जाती हैं| आप सभी ने देखा होगा की Computer OFF होने के बाद भी इसका Time & Date Change नहीं होता है, ऐसा इसलिए होता है क्योकि Time & Date का Setting BIOS में Store होता है और वह CMOS Battery से चलता है|

BIOS सेटअप को कैसे ओपन करें (How to Open BIOS Setup)

BIOS setting ओपन करने के लिए आपको सबसे पहले अपना कंप्यूटर रीस्टार्ट करना होगा, रीस्टार्ट करने के बाद computer चालु होते ही आपको की-बोर्ड शार्टकट keys F2, F12, Delete या Esc में से कोई भी एक key आपको बिना समय लगाये Press करनी है ऐसा करते ही आपके कंप्यूटर की BIOS setting ओपन हो जाएगी।

 

इस पोस्ट से सम्बंधित प्रश्न और उत्तर

BIOS क्या हैं?

कंप्‍यूटर स्‍टार्ट करने पर सबसे पहले जो स्‍क्रीन आपको दिखाई देती है वही बायोस (BIOS) होता है, BIOS का पूरा नाम Basic Input/Output System होता है, इसे System BIOS या PC BIOS भी कहा जाता है।

BIOS का अबिष्कार किसने किया ?

BIOS का आविष्कार 1975 में गैरी किल्डल (Gary Kildall) के द्वारा किया गया था। Gary Kildall एक अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक थे|

BIOS हार्डवेयर है या सॉफ्टवेयर?

BIOS एक सॉफ्टवेयर हैं जो “BYE-oss” शब्द से बना है, इसका अर्थ बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम है और यह आपके सिस्टम के मदरबोर्ड में एक छोटी मेमोरी चिप पर संग्रहीत सॉफ़्टवेयर है।


error: Content is protected !!