What is Interoperability in hindi
इंटरऑपरेबिलिटी वह संपत्ति है जो विभिन्न प्रणालियों (systems) के बीच संसाधनों (resources) के साझाकरण (sharing) की अनुमति प्रदान करती है। यह सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों के माध्यम से विभिन्न घटकों या मशीनों के बीच डाटा को साझा करने की क्षमता रखता है, या इसे स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क (LAN) या विस्तृत क्षेत्र नेटवर्क (WAN) के माध्यम से विभिन्न कंप्यूटरों के बीच सूचना और संसाधनों (information and resources) के आदान-प्रदान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। मोटे तौर पर, अंतर-सूचना अर्थात इंटरोऑपरेबिलिटी दो या दो से अधिक घटकों या प्रणालियों (components or system) की सूचना का आदान-प्रदान करने और आदान-प्रदान की गई जानकारी का उपयोग करने की क्षमता है।
इंटरऑपरेबिलिटी के दो मुख्य प्रकार हैं:
सिंथेटिक इंटरऑपरेबिलिटी
जब दो या दो से अधिक सिस्टम डाटा का संचार (data communication) और आदान-प्रदान कर सकते हैं। यह विभिन्न सॉफ्टवेयर घटकों (software components) को सहयोग करने की अनुमति देता है, भले ही इंटरफ़ेस और प्रोग्रामिंग भाषा अलग हो।
सिमेंटिक इंटरऑपरेबिलिटी
जब दो या दो से अधिक सिस्टम के बीच डाटा का आदान-प्रदान होता है, और वह प्रत्येक सिस्टम के लिए समझ में आता है। एक्सचेंज की गई जानकारी सार्थक (meaningful) होनी चाहिए, क्योंकि सिमेंटिक इंटरऑपरेबिलिटी के लिए जानकारी के एक्सचेंज में शामिल सिस्टमो के उपयोगकर्ताओं द्वारा परिभाषित उपयोगी परिणाम की आवश्यकता होती है।
क्रॉस-डोमेन या क्रॉस-संगठन इंटरऑपरेबिलिटी
यह प्रथाओं (practices), नीतियो (policies), नींव (foundation) और असमान प्रणालियों(separate system) की आवश्यकताओं के मानकीकरण(standardization) को प्रदर्शित करता है। डाटा के आदान प्रदान के से संबंधित होने के बजाय, इस प्रकार की interoperability केवल संगठन के गैर-तकनीकी पहलुओं(non technical aspects) पर केंद्रित है।
आधुनिक तकनीक, जैसे कि IoT, के विकास के लिए एप्लिकेशन, डेटाबेस और आईटी सिस्टम के बीच डाटा का आदान प्रदान महत्वपूर्ण है। interoperability को बेहतर बनाने या प्राप्त करने के दृष्टिकोण में कुछ परीक्षण, सामान्य मानक के साथ इंजीनियरिंग उत्पाद (engineering product) और उपयुक्त होने पर कई प्रणालियों (systems) में एक ही तकनीक (technique) कोडिंग भाषा(coding language) या वाक्य रचना का उपयोग करना शामिल है।