इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज क्या हैं? (What is Electronic Data Interchange?)
EDI का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (electronic data interchange) है। यह एक कम्युनिकेशन सिस्टम है जिसमें एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में ट्रांसफर किया जाता है। यह एक पेपरलेस प्रक्रिया होती हैं इसमें पेपर का प्रयोग नहीं किया जाता हैं इसमें पेपर के स्थान पर स्प्रेडशीट और डॉक्यूमेंट का प्रयोग किया जाता हैं इससे समय की बचत भी होती हैं| इसलिए इसमें किसी मनुष्य के हस्तक्षेप की आवश्यकता नही पड़ती है। आजकल EDI का प्रयोग सबसे ज्यादा B2B e-commerce में किया जाता है। EDI के द्वारा बहुत ही अधिक डेटा का ट्रान्सफर किया जाता है|
इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (EDI) संगठनों द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया है, ताकि इलेक्ट्रॉनिक साधनों द्वारा संगठनों के बीच डेटा ट्रान्सफर किया जा सके। इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों या व्यावसायिक डेटा को एक कंप्यूटर सिस्टम से दूसरे कंप्यूटर सिस्टम में स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है, यानी एक ट्रेडिंग पार्टनर से दूसरे ट्रेडिंग पार्टनर को मानव हस्तक्षेप के बिना। ईडीआई को पेपरलेस ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है।
इसमें दो प्रमुख पार्टियाँ होती हैं – ग्राहक और व्यापारी, ग्राहक आवश्यक उत्पाद के लिए सबसे पहले आदेश देता हैं ट्रेडिंग पार्टी तब उत्पाद की स्थिति के लिए पुष्टि, वितरण नोट, चालान और पावती प्रदान करती है। अंत में, ग्राहक उत्पाद के लिए भुगतान करता है। एक-दूसरे के बीच दस्तावेज भेजने या प्राप्त करने वाले संगठनों को ईडीआई शब्दावली में “व्यापारिक साझेदार” के रूप में भी जाना जाता है। व्यापारिक भागीदार संचारित होने वाली विशिष्ट जानकारी पर सहमत होते हैं|
इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के लाभ (Advantages of Electronic Data Interchange)
- ईडीआई तकनीक आपको कम मानव संसाधनों के साथ अधिक व्यावसायिक संचालन करने की सुविधा देती है। कंपनी की टीमें उच्च अतिरिक्त मूल्य वाले कार्यों को संभाल सकती हैं।
- ईडीआई दस्तावेज़ त्रुटियों को 30 से 40% तक कम कर देता है। प्रेषक और रिसीवर दोनों द्वारा ज्ञात मानकों का उपयोग, उनके राष्ट्रीयताओं या गतिविधि क्षेत्रों की परवाह किए बिना सूचना की सही व्याख्या सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, डाटा एंट्री में गलती या टेलीफोन और खोई हुई फाइलों द्वारा ऑर्डर लेने आदि से बचा जाता है।
- EDI की अनुकूलनशीलता संचार के प्रवाह को सुव्यवस्थित करती है और आम तौर पर किसी भी व्यापारिक भागीदार के साथ व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाती है।
- इसमें डाक्यूमेंट्स को ट्रान्सफर करने में समय बहुत ही कम लगता है क्योंकि डेटा इलेक्ट्रॉनिक रूप में ट्रान्सफर होता है।
- इसमें डेटा को आसानी से exchange कर सकते है अर्थात् इसमें technical complexity कम हो जाती है।
- इसमें पेपर वर्क नही करना पड़ता है।
- इसमें डेटा का आदान-प्रदान बेहतर होता है तथा शुद्धता अधिक होती है।
- ईडीआई के द्वारा भुगतान भी किया जा सकता है। ईडीआई भुगतान प्रणाली एक ईडीआई भुगतान सलाह भी उत्पन्न कर सकती है जिसे प्रासंगिक चालान के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक रूप से मिलान किया जा सकता है|
- ईडीआई से शिपिंग में भी सुधार किया जाता है क्योंकि EDI जल्दी और कुशल जानकारी प्रदान करता है क्योंकि यह कम्युनिकेशन करने के लिए बारकोड जानकारी पर निर्भर करता है। यह इन्वेंट्री को ट्रैक करने में सक्षम है और बड़े शिपिंग ऑर्डर से खोए हुए पैकेज की घटनाओं को समाप्त करता है। EDI डेटा की सटीकता में बहुत सुधार करता है क्योंकि यह सभी स्वचालित है।
इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज की कार्यप्रणाली (Working of Electronic Data Interchange)
- सबसे पहले जिन डॉक्यूमेंट या डेटा को हम ट्रांसफर करना चाहते है उसको हम तैयार करते है अर्थात डेटा को इकट्ठा तथा सुव्यवस्थित किया जाता है।
- फिर इन डाक्यूमेंट्स को ट्रांसलेटर सॉफ्टवेयर के द्वारा EDI फॉर्मेट में ट्रांसलेट किया जाता है।
- जब हम डाक्यूमेंट्स को EDI फॉर्मेट में ट्रांसलेट कर लेते है तो डाक्यूमेंट्स भेजने के लिए तैयार हो जाता है। आप आप इन्टरनेट से जुड़कर अपने पार्टनर को डाक्यूमेंट्स भेज सकते है। डाक्यूमेंट्स का ट्रांसफर HTTP, HTTPS तथा FTP प्रोटोकॉल्स कम्युनिकेशन विधियों के द्वारा किया जाता है।