डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या हैं? (What is Distributed System)
“जब अनेक Autonomous (स्वतंत्र) कंप्यूटर को जोड़कर एक सिंगल सिस्टम की तरह प्रयोग किया जाता हैं उसे डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम कहते हैं जरुरी नहीं की सारे कंप्यूटर एक ही जगह पर कनेक्ट हो वह अलग अलग जगह पर भी कनेक्ट हो सकते हैं यदि सभी कंप्यूटर एक ही जगह पर कनेक्ट हैं तो इसे LAN Distributed System कहेगें और यदि सभी कंप्यूटर अलग अलग जगह पर कनेक्ट हैं तो इसे WAN Distributed System कहा जायेगा|”
What is distributed system Hindi Video Tutorial
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम क्या होता है और इनके कौन कौन से कॉम्पोनेन्ट होते हैं जानने के लिए आप नीचे दिया गया विडियो जरुर देखें|
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Distributed System के लिए तीन चीजो की आवश्यकता होती हैं –
- Network
- Distributed Application
- Middle ware Service (Software)
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम Autonomous कम्प्यूटर के कलेक्शन से मिलकर बना है। यह सिस्टम एक नेटवर्क तथा Distribution Middle ware के माध्यम से जुड़ा होता है। जो कम्प्यूटरों को इनकी गतिविधियों के साथ समन्वित (coordinate) करने के लिऐ सक्षम बनाता है। तथा सिस्टम के संसाधनों को Share करता है। ताकि User System को एक Single Integrating कम्प्यूटिंग सुविधा के रूप में प्राप्त करें।
एक डिस्ट्रिब्यूटेड कम्प्यूटर सिस्टम बहुत से Software components से मिलकर बना होता हैं । जो मल्टीपल कम्प्यूटर पर होते है, लेकिन एक Single System के रूप में रन होते है। जो कम्प्यूटर्स एक डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम में होते है, वो आपस में एक दूसरें से Physically Close हो सकते है, तथा एक Local Network के द्वारा Connect होते है। या फिर ये Wide area Network के द्वारा Connect होते है। एक डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम मेनफ्रेम, पर्सनल कम्प्यूटर्स वर्कस्टेशन्स इत्यादि के रूप में कई तरह के Configuration से मिलकर बने हो सकते है। Distributed Computing का लक्ष्य एक Single Computer के रूप में कार्य करने वाले Network को बनाना है।
Distributed System, Client Server Architecture प्रणाली पर आधारित होता हैं –
डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर सॉफ्टवेयर को रन करने का एक सामान्य तरीका फंक्शन्स को Clients and Servers को दो भागों में अलग-अलग करना है। एक क्लाइंट एक प्रोग्राम है जो उन सर्विस को प्रयोग करता है। जिन्हें दूसरे प्रोगामों के द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। जो प्रोंग्राम्स सर्विस को उपलब्ध कराते है। उन्हें Servers कहते है। Client एक सर्विस के लिए रिक्वेस्ट एक सर्विस के लिए रिक्वेस्ट करता है तथा सर्वर इस रिक्वेस्ट को परॅफाॅर्म करता है।
Clients and Server System का सामान्य Design three tiers का प्रयोग करता है-
1. एक क्लांइट जो यूजर के साथ Interact करता है।
2. एक एप्लीकेशन सर्वर जो एप्लीकेशन के बिजनेस लाॅजिक को रखता है।
3. रिसोर्स मैनेजर जो डाटा को स्टोंर करता है।
निम्नलिखित चित्र में Three-tier Client and Server आर्किटेक्चर को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया गया है-
एक डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम स्वतन्त्र कम्प्यूटर्स का एक कलेक्शन है जो एक Single टास्क के लिए सम्मिलित रूप में प्रयोग किया जाता है। या एक Single Service को उपलब्ध कराता है।