Identifiers
आइडेंटीफायर्स वो नाम होते है जो आप वेरिएबल्स, कांस्टेंटस, ऐरे और फंक्शन्स आदि को देते है। यह उन ऑब्जेक्ट्स का भी नाम हो सकता है जो अलग-अलग वैल्यूज लेती है पर एक बार में केवल एक |
जब हम Program Develop करते हैं, तब हमें विभिन्न प्रकार के Data को Computer की Memory में Input करके उस पर विभिन्न प्रकार की Processing करनी होती है। Computer में Data के साथ हम चाहे किसी भी प्रकार की प्रक्रिया करना चाहें, हमें हर Data को सबसे पहले Computer की Memory में Store करना जरूरी होता है। Computer की Memory में किसी Data को Store किए बिना हम उस Data के साथ किसी प्रकार की कोई प्रक्रिया नहीं कर सकते हैं।
Computer में Memory के हर Location का एक Unique Address होता है। जब हम Computer में किसी Data को Process करने के लिए Input करते हैं, तब वह Data Memory के किसी ना किसी Location पर जाकर Store हो जाता है। लेकिन हमें कभी भी सामान्य तरीके से ये पता नहीं चल सकता है कि हमारे द्वारा Input किया गया Data, Computer की किस Memory Location पर Store हुआ है और ना ही हम स्वयं कभी ये तय कर सकते हैं कि हमारा Data किस Memory Location पर Store होगा, क्योंकि Data को Memory Allocate करने का काम अपनी सुविधानुसार हमारा Operating System स्वयं करता है।
जिस समय हमारे Data को Store करने के लिए Compiler Memory Reserve करता है, उसी समय हम उस Reserve होने वाली Memory Location का एक नाम Assign कर देते हैं। इस नाम के द्वारा ही हम हमारे Data को Computer की Memory में Identify कर सकते हैं। हमारे द्वारा किसी Data की Memory Location को दिए जाने वाले इस नाम को ही Identifier कहते हैं।
एक बार जब वैल्यू की टाइप आइडेंटिफायर के साथ असाइन हो जाती है ,तब इसे प्रोग्राम के एक्सीक्यूशन के दौरान बदला नहीं जा सकता है |उदाहरण के लिए, यदि एक इंटीज़र वेरिएबल को ‘X’नाम दिया जाता है तो ‘X’ हमेशा एक इंटीज़र वेरिएबल ही रहेगा जो अलग-अलग इंटीज़र वैल्यू को ही रख सकेगा | वैल्यूज को सिंबॉलिक नामो के रूप में कंप्यूटर की मेमोरी में स्टोर किया जाता है और जब भी आवश्यकता पड़े तो उन्हें कॉल किया जा सकता है|
हम किसी Memory Location का जो नाम Assign करते हैं, उन नामों को कुछ नियमों को ध्यान में रख कर परिभाषित करना होता हैं, क्योंकि “C” Compiler उन विशेष प्रकार के नियमों के आधार पर परिभाषित किये गए नामों के साथ ही विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाएं करता है। किसी Identifier को नाम देने के लिए हमें निम्न नियमों को Follow करना होता है, जिन्हें Identifier Naming Convention कहा जाता है-
Identifier Naming Convention in “C” language
आइडेंटीफायर्स डिफाइन करने के कुछ नियम है जो आको फॉलो करने पड़ते ही । यदि आप इन नियमों को फॉलो नहीं करते है तो प्रोग्राम में एरर आ जाती है। ये नियम निम्नानुसार है |
- किसी भी Identifier के नाम में किसी भी Upper Case व Lower Case Character का प्रयोग किया जा सकता है।
- किसी भी Identifier के नाम में Underscore का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- किसी भी Identifier के नाम में यदि हम अंकों का प्रयोग करना चाहें, तो अंकों का प्रयोग करने से पहले कम से कम एक Character या Underscore का होना जरूरी होता है।
- इसके अलावा Identifier के नाम में किसी भी प्रकार के Special Symbol जैसे कि Period, Comma, Blank Space आदि का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। साथ ही हम Identifier के नाम में किसी Reserve Word या किसी Built-In Function के नाम का प्रयोग भी नहीं कर सकते हैं।
- किसी भी नाम की शुरूआत किसी अंक से नहीं हो सकती है।
- “C”एक Case Sensitive Language है, इसलिये इस भाषा में Capital Letters व Small Letters के नाम अलग-अलग माने जाते हैं। जैसे- int Sum व int sum दो अलग-अलग Variable Name या Identifies होंगे ना कि समान।