MAC एड्रेस और IP एड्रेस: आसान भाषा में पूरी जानकारी
जब हम नेटवर्किंग की बात करते हैं, तो अकसर दो शब्द सामने आते हैं — MAC एड्रेस और IP एड्रेस। शुरुआत में ये दोनों शब्द थोड़े टेक्निकल लग सकते हैं, मगर अगर हम इन्हें रोजमर्रा की जिंदगी के उदाहरणों से समझें तो यह काफी आसान हो जाता है। दोनों का काम एक-दूसरे से अलग होते हुए भी आपस में गहराई से जुड़ा होता है। इसलिए इनका सही मतलब जानना हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जो कंप्यूटर, मोबाइल या इंटरनेट से जुड़ा हुआ है।
MAC एड्रेस क्या होता है?
इसे आप किसी स्कूल में बच्चों के रोल नंबर की तरह समझ सकते हैं। हर डिवाइस, चाहे वो लैपटॉप हो, मोबाइल हो या फिर स्मार्ट टीवी, जब भी वह नेटवर्क से जुड़ता है, उसके पास एक यूनिक MAC एड्रेस होता है। इसे Media Access Control Address कहा जाता है। यह एड्रेस डिवाइस के हार्डवेयर यानी नेटवर्क कार्ड में पहले से ही प्रोग्राम होता है और आमतौर पर इसे बदला नहीं जाता।
MAC एड्रेस का फॉर्मेट कैसा होता है?
MAC एड्रेस दिखने में 12 अंकों का होता है और यह हेक्साडेसिमल फॉर्मेट में लिखा जाता है। उदाहरण के लिए:
- 00:1A:2B:3C:4D:5E
- 00-1A-2B-3C-4D-5E
- 001A.2B3C.4D5E
इसमें शुरू के कुछ अंक उस कंपनी की पहचान दर्शाते हैं जिसने डिवाइस बनाया है, और बाकी अंक उस डिवाइस के लिए यूनिक होते हैं। ठीक वैसे ही जैसे स्कूल में कक्षा और रोल नंबर मिलकर किसी छात्र की पहचान बनाते हैं।
MAC एड्रेस क्यों जरूरी है?
- पहचान के लिए: हर डिवाइस का यूनिक रोल नंबर।
- लोकल नेटवर्क में डेटा भेजने के लिए: नेटवर्क के भीतर सही डिवाइस तक जानकारी पहुंचाने के लिए।
- सुरक्षा के लिए: कई बार वाई-फाई राउटर में सेटिंग होती है कि सिर्फ खास MAC एड्रेस वाले डिवाइस ही नेटवर्क से जुड़ सकें।
क्या MAC एड्रेस बदला जा सकता है?
आमतौर पर MAC एड्रेस हार्डवेयर के साथ स्थायी रूप से जुड़ा होता है, लेकिन कुछ तकनीकी तरीकों से इसे अस्थायी रूप से बदला जा सकता है।
IP एड्रेस क्या होता है?
अगर MAC एड्रेस डिवाइस का रोल नंबर है, तो IP एड्रेस उसके घर का पता है। जब भी कोई डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट होता है तो उसे एक IP एड्रेस दिया जाता है ताकि नेटवर्क जान सके कि किस डिवाइस को कौन-सा डेटा भेजना है। IP एड्रेस स्थायी नहीं होता और नेटवर्क बदलने या राउटर रीस्टार्ट करने पर बदल भी सकता है। इसे हम लॉजिकल एड्रेस भी कहते हैं।
IP एड्रेस के प्रकार:
- IPv4: 32-बिट का होता है। उदाहरण: 192.168.1.101
- IPv6: 128-बिट का होता है। उदाहरण: 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334
Public और Private IP
Private IP आपके लोकल नेटवर्क के भीतर होता है, जबकि Public IP इंटरनेट पर आपकी पहचान के लिए होता है।
Static और Dynamic IP
- Static IP: जो हमेशा एक जैसा रहता है।
- Dynamic IP: जो नेटवर्क बदलने पर बदल जाता है।
MAC और IP साथ कैसे काम करते हैं?
इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए आपको स्कूल में किसी दोस्त को नोट भेजना है। स्कूल का गेट यानी IP एड्रेस नोट को स्कूल तक लाएगा लेकिन सही बच्चे तक पहुँचाने के लिए रोल नंबर (यानि MAC एड्रेस) की जरूरत पड़ेगी।
नेटवर्क में ARP (Address Resolution Protocol) नामक तकनीक IP एड्रेस से MAC एड्रेस खोजने में मदद करता है।
MAC और IP एड्रेस का तुलनात्मक अंतर
बिंदु | MAC एड्रेस | IP एड्रेस |
---|---|---|
पूरा नाम | Media Access Control Address | Internet Protocol Address |
प्रकार | हार्डवेयर एड्रेस | लॉजिकल एड्रेस |
किसने दिया? | डिवाइस निर्माता कंपनी | इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर |
क्या बदल सकता है? | नहीं (सामान्यतः) | हां (नेटवर्क बदलने पर) |
प्रयोग क्षेत्र | लोकल नेटवर्क (LAN) | इंटरनेट / बड़ा नेटवर्क |
फॉर्मेट | 12-अंकों का हेक्साडेसिमल | IPv4 या IPv6 |
कुछ उदाहरण से और समझते हैं:
उदाहरण 1: लैपटॉप और वाई-फाई
- घर में एक वाई-फाई है जिसमें 5 डिवाइस जुड़े हैं।
- सभी के MAC एड्रेस अलग-अलग होंगे।
- राउटर हर डिवाइस को नया IP एड्रेस असाइन करता है।
- राउटर MAC और IP दोनों को पहचान कर डेटा सही डिवाइस तक भेजता है।
उदाहरण 2: चिट्ठी भेजना
IP एड्रेस है – दिल्ली, रोहिणी, XYZ सोसाइटी।
MAC एड्रेस है – फ्लैट नंबर 12B, श्रीमती शर्मा।
डाकिया इसी जानकारी से सही व्यक्ति तक चिट्ठी पहुँचाता है।
कैसे देखें अपना MAC और IP एड्रेस?
Windows में:
- Start Menu में “cmd” टाइप करें और Command Prompt खोलें।
- “ipconfig /all” टाइप करें और Enter दबाएं।
- “Physical Address” में MAC एड्रेस और “IPv4 Address” में IP एड्रेस मिलेगा।
Android मोबाइल में:
- Settings में जाएं।
- About Phone >> Status में जाएं।
- वहां Wi-Fi MAC Address और IP Address दिखाई देगा।
निष्कर्ष
- हर डिवाइस का एक यूनिक MAC एड्रेस होता है जो बदलता नहीं।
- IP एड्रेस नेटवर्क बदलने पर बदल सकता है।
- दोनों मिलकर नेटवर्किंग को संभव बनाते हैं।