MAC एड्रेस क्या है और यह IP एड्रेस से कैसे अलग है?

MAC एड्रेस क्या है और यह IP एड्रेस से कैसे अलग है?

इस लेख में हम कंप्यूटर नेटवर्किंग के दो सबसे महत्वपूर्ण और बुनियादी कॉन्सेप्ट्स के बारे में बात करने जा रहे हैं: MAC एड्रेस और IP एड्रेस। जब भी हम इंटरनेट से जुड़ते हैं, तो ये दोनों एड्रेस हमारे डिवाइस को पहचानने और डेटा को सही जगह पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बहुत से छात्रों को इन दोनों के बीच का अंतर समझने में कठिनाई होती है। क्या ये एक ही चीज़ हैं? अगर अलग हैं, तो क्यों हमें दोनों की ज़रूरत पड़ती है? चिंता न करें! इस लेख में, हम इन सभी सवालों के जवाब बहुत ही सरल भाषा में देंगे। हम जानेंगे कि MAC एड्रेस क्या होता है, IP एड्रेस क्या होता है, और इन दोनों के बीच मुख्य अंतर क्या हैं। तो चलिए, इस ज्ञानवर्धक यात्रा को शुरू करते हैं!

MAC एड्रेस क्या है? (What is a MAC Address?)

MAC एड्रेस, जिसे हम “फिजिकल एड्रेस” (Physical Address) या “हार्डवेयर एड्रेस” (Hardware Address) भी कहते हैं, एक यूनिक पहचानकर्ता (Unique Identifier) होता है जो किसी भी नेटवर्क डिवाइस को दिया जाता है। यह एड्रेस डिवाइस के नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (Network Interface Card – NIC) में निर्माता (Manufacturer) द्वारा स्थायी रूप से डाल दिया जाता है।

इसे आप अपने डिवाइस का ‘फिंगरप्रिंट’ या ‘आधार कार्ड नंबर’ समझ सकते हैं। जैसे आपका फिंगरप्रिंट कभी नहीं बदलता और सिर्फ आपका होता है, वैसे ही एक डिवाइस का MAC एड्रेस भी स्थायी और दुनिया में यूनिक होता है।

MAC एड्रेस का पूरा नाम (Full Form of MAC Address)

MAC का पूरा नाम मीडिया एक्सेस कंट्रोल (Media Access Control) है। यह नाम इसलिए है क्योंकि यह नियंत्रित (Control) करता है कि कोई डिवाइस नेटवर्क मीडिया (जैसे कि ईथरनेट केबल) तक कैसे पहुँच (Access) प्राप्त करता है।

MAC एड्रेस का फॉर्मेट (Format of MAC Address)

MAC एड्रेस एक 48-बिट (48-bit) का नंबर होता है, जिसे आमतौर पर 12 अंकों के हेक्साडेसिमल (Hexadecimal) नंबर के रूप में लिखा जाता है। हेक्साडेसिमल सिस्टम में 0-9 तक की संख्याएं और A-F तक के अक्षर होते हैं।

इसे आमतौर पर तीन तरीकों से लिखा जाता है:

  • Colon-Separated: 00:1A:2B:3C:4D:5E
  • Hyphen-Separated: 00-1A-2B-3C-4D-5E
  • Period-Separated: 001A.2B3C.4D5E

MAC एड्रेस की संरचना (Structure of a MAC Address)

एक 48-बिट MAC एड्रेस को दो भागों में बांटा गया है:

  1. OUI (Organizationally Unique Identifier): यह पहले 24 बिट्स (या 6 हेक्साडेसिमल अंक) होते हैं। यह उस कंपनी या निर्माता की पहचान करता है जिसने डिवाइस का NIC बनाया है। उदाहरण के लिए, Dell, HP, या Apple द्वारा बनाए गए सभी NICs का OUI अलग-अलग होगा।
  2. NIC स्पेसिफिक (NIC Specific) / डिवाइस आईडी: यह आखिरी 24 बिट्स (या 6 हेक्साडेसिमल अंक) होते हैं। यह निर्माता द्वारा डिवाइस को दिया गया एक यूनिक नंबर होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि उस निर्माता के किसी भी दो डिवाइस का MAC एड्रेस समान न हो।

उदाहरण: 3C:FD:FE:01:02:03 में, 3C:FD:FE OUI है जो Apple, Inc. को दर्शाता है, और 01:02:03 उस विशेष डिवाइस का यूनिक आईडी है।

MAC एड्रेस का उपयोग क्यों होता है? (Why is MAC Address used?)

MAC एड्रेस का मुख्य काम एक लोकल एरिया नेटवर्क (Local Area Network – LAN) के अंदर डिवाइसेस के बीच कम्युनिकेशन को संभव बनाना है। जब आपका कंप्यूटर या फोन आपके घर के वाई-फाई राउटर से जुड़ता है, तो डेटा पैकेट को सही डिवाइस तक पहुँचाने के लिए राउटर MAC एड्रेस का उपयोग करता है।

  • डेटा डिलीवरी: यह सुनिश्चित करता है कि डेटा पैकेट LAN के भीतर सही डिवाइस तक पहुँचे।
  • नेटवर्क सुरक्षा (Network Security): कई नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर MAC फिल्टरिंग का उपयोग करते हैं। इसमें, वे केवल कुछ स्वीकृत MAC एड्रेस वाले डिवाइसेस को ही नेटवर्क से जुड़ने की अनुमति देते हैं।
  • IP एड्रेस असाइनमेंट: DHCP सर्वर अक्सर MAC एड्रेस को ट्रैक करके डिवाइसेस को IP एड्रेस असाइन करते हैं।

IP एड्रेस क्या है? (What is an IP Address?)

IP एड्रेस, जिसे हम “लॉजिकल एड्रेस” (Logical Address) भी कहते हैं, एक संख्यात्मक लेबल (Numerical Label) है जो एक कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस को असाइन किया जाता है। इसका मुख्य काम इंटरनेट जैसे बड़े नेटवर्क पर एक डिवाइस की पहचान करना और उसका लोकेशन बताना है।

इसे आप अपने ‘घर का पता’ समझ सकते हैं। जब आप घर बदलते हैं, तो आपका पता बदल जाता है, लेकिन आप वही व्यक्ति रहते हैं। इसी तरह, जब आप अपने डिवाइस को किसी दूसरे वाई-फाई नेटवर्क (जैसे घर से ऑफिस या कैफे) से कनेक्ट करते हैं, तो उसका IP एड्रेस बदल जाता है, लेकिन उसका MAC एड्रेस वही रहता है।

IP एड्रेस का पूरा नाम (Full Form of IP Address)

IP का पूरा नाम इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol) है। यह नियमों का एक सेट है जो यह तय करता है कि इंटरनेट पर डेटा कैसे भेजा और प्राप्त किया जाएगा।

IP एड्रेस के प्रकार (Types of IP Address)

IP एड्रेस मुख्य रूप से दो संस्करणों (Versions) में आते हैं:

1. IPv4 (Internet Protocol version 4)

यह IP एड्रेस का सबसे आम और पुराना संस्करण है।

  • यह एक 32-बिट (32-bit) एड्रेस है।
  • इसे चार संख्याओं के समूह के रूप में लिखा जाता है, जिन्हें डॉट (.) से अलग किया जाता है। प्रत्येक संख्या 0 से 255 के बीच हो सकती है।
  • उदाहरण: 192.168.1.1 या 8.8.8.8
  • IPv4 लगभग 4.3 बिलियन यूनिक एड्रेस प्रदान कर सकता है। इंटरनेट के विस्तार के साथ, ये एड्रेस अब लगभग समाप्त हो चुके हैं।

2. IPv6 (Internet Protocol version 6)

यह IP एड्रेस का नया संस्करण है, जिसे IPv4 एड्रेस की कमी को दूर करने के लिए बनाया गया था।

  • यह एक 128-बिट (128-bit) एड्रेस है।
  • इसे आठ समूहों के हेक्साडेसिमल अंकों के रूप में लिखा जाता है, जिन्हें कोलन (:) से अलग किया जाता है।
  • उदाहरण: 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334
  • IPv6 खरबों-खरबों यूनिक एड्रेस प्रदान कर सकता है, जो भविष्य की जरूरतों के लिए पर्याप्त से भी अधिक है।

इन संस्करणों के अलावा, IP एड्रेस को उनकी प्रकृति के आधार पर भी वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे – पब्लिक बनाम प्राइवेट (Public vs. Private) और स्टैटिक बनाम डायनामिक (Static vs. Dynamic)


MAC एड्रेस और IP एड्रेस एक साथ कैसे काम करते हैं?

यह समझने के लिए कि ये दोनों एड्रेस एक साथ कैसे काम करते हैं, चलिए एक चिट्ठी भेजने का उदाहरण लेते हैं।

मान लीजिए कि आपको अपने दोस्त “राहुल” को एक पार्सल भेजना है, जो “दिल्ली” के एक बड़े अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स में रहता है।

  • IP एड्रेस: यह अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स का पता है (जैसे, “फ्लैट्स रॉयल, सेक्टर 10, दिल्ली”)। यह पार्सल को सही शहर और सही बिल्डिंग तक पहुँचाता है। इंटरनेट की दुनिया में, IP एड्रेस डेटा पैकेट को सही नेटवर्क (जैसे, आपके दोस्त का होम नेटवर्क) तक पहुँचाता है।
  • MAC एड्रेस: यह आपके दोस्त का नाम “राहुल” है। जब पार्सल अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के गेट पर पहुँच जाता है, तो गार्ड को यह जानना होता है कि इसे किस व्यक्ति को देना है। तब वह नाम (राहुल) का उपयोग करता है। इसी तरह, जब डेटा पैकेट आपके दोस्त के होम राउटर (नेटवर्क) तक पहुँचता है, तो राउटर MAC एड्रेस का उपयोग करके यह पता लगाता है कि उस नेटवर्क से जुड़े कई डिवाइसेस (लैपटॉप, फोन, स्मार्ट टीवी) में से यह पैकेट किस डिवाइस को देना है।

संक्षेप में, IP एड्रेस डेटा को दुनिया भर के नेटवर्क में सही “लोकेशन” तक ले जाता है, और MAC एड्रेस उस लोकेशन पर सही “डिवाइस” तक डेटा पहुँचाता है। इस प्रक्रिया में ARP (Address Resolution Protocol) नामक एक प्रोटोकॉल IP एड्रेस को MAC एड्रेस से मैप करने में मदद करता है।


MAC एड्रेस और IP एड्रेस के बीच मुख्य अंतर (Key Differences)

अब जब हम दोनों एड्रेस को समझ चुके हैं, तो चलिए एक टेबल के माध्यम से उनके बीच के मुख्य अंतरों को देखते हैं। यह परीक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।

आधार (Basis of Difference) MAC एड्रेस (MAC Address) IP एड्रेस (IP Address)
पूरा नाम मीडिया एक्सेस कंट्रोल (Media Access Control) इंटरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol)
परिभाषा यह एक हार्डवेयर या फिजिकल एड्रेस है। यह एक सॉफ्टवेयर या लॉजिकल एड्रेस है।
कौन असाइन करता है? डिवाइस का निर्माता (Manufacturer) इसे NIC में स्थायी रूप से असाइन करता है। नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) इसे अस्थायी रूप से असाइन करता है।
बदलने की क्षमता यह स्थायी (Permanent) होता है और इसे आसानी से बदला नहीं जा सकता। यह अस्थायी (Temporary) होता है और नेटवर्क बदलने पर बदल जाता है।
OSI मॉडल लेयर यह OSI मॉडल की लेयर 2 (डेटा लिंक लेयर) पर काम करता है। यह OSI मॉडल की लेयर 3 (नेटवर्क लेयर) पर काम करता है।
फॉर्मेट और साइज 48-बिट, 12 अंकों का हेक्साडेसिमल नंबर (जैसे 00:1A:2B:3C:4D:5E)। IPv4 (32-बिट) या IPv6 (128-बिट) (जैसे 192.168.1.1)।
उपयोग का दायरा लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) के भीतर कम्युनिकेशन के लिए। वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) या इंटरनेट पर कम्युनिकेशन के लिए।
विशिष्टता (Uniqueness) दुनिया भर में हर डिवाइस के लिए यूनिक होता है। एक ही प्राइवेट IP एड्रेस अलग-अलग प्राइवेट नेटवर्क में पुन: उपयोग किया जा सकता है।

अपना MAC और IP एड्रेस कैसे पता करें?

अपने डिवाइस का MAC और IP एड्रेस जानना बहुत आसान है। यहाँ विभिन्न ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए स्टेप्स दिए गए हैं:

विंडोज (Windows) पर:

  1. स्टार्ट मेनू पर क्लिक करें और “cmd” टाइप करके कमांड प्रॉम्प्ट (Command Prompt) खोलें।
  2. कमांड प्रॉम्प्ट विंडो में, कमांड टाइप करें: ipconfig /all और Enter दबाएं।
  3. आपको अपने सभी नेटवर्क कनेक्शन की एक सूची दिखाई देगी। वाई-फाई या ईथरनेट एडाप्टर के तहत देखें:
    • Physical Address: यही आपका MAC एड्रेस है।
    • IPv4 Address: यही आपका IP एड्रेस है।

मैकओएस (macOS) पर:

  1. ऊपर-बाईं ओर Apple मेनू पर क्लिक करें और System Settings (या System Preferences) में जाएं।
  2. Network पर क्लिक करें।
  3. अपने सक्रिय कनेक्शन (Wi-Fi या Ethernet) को चुनें।
  4. Wi-Fi के लिए, Details… बटन पर क्लिक करें, फिर Hardware टैब पर जाएं। आपको “MAC Address” दिखेगा। IP एड्रेस TCP/IP टैब में मिलेगा।

एंड्रॉइड (Android) पर:

  1. अपने फोन की Settings खोलें।
  2. About Phone या About Device पर जाएं।
  3. Status या Status information पर टैप करें।
  4. यहां आपको “Wi-Fi MAC address” और “IP address” मिल जाएगा। (यह मॉडल के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है)।

निष्कर्ष (Conclusion)

तो दोस्तों, आज हमने कंप्यूटर नेटवर्किंग की दुनिया के दो सबसे महत्वपूर्ण पतों – MAC एड्रेस और IP एड्रेस – के बारे में विस्तार से जाना।

आइए मुख्य बातों को संक्षेप में दोहराते हैं:

  • MAC एड्रेस एक स्थायी, यूनिक फिजिकल एड्रेस है जो डिवाइस के हार्डवेयर (NIC) से जुड़ा होता है। यह एक लोकल नेटवर्क (LAN) में डिवाइसेस की पहचान करने के लिए उपयोग होता है, ठीक वैसे ही जैसे किसी बिल्डिंग में किसी व्यक्ति का नाम।
  • IP एड्रेस एक अस्थायी, लॉजिकल एड्रेस है जो डिवाइस को नेटवर्क द्वारा दिया जाता है। यह इंटरनेट पर डिवाइस का लोकेशन बताता है और नेटवर्क बदलने पर बदल सकता है, ठीक वैसे ही जैसे किसी का घर का पता।

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि इंटरनेट पर सफल कम्युनिकेशन के लिए इन दोनों एड्रेस का एक साथ काम करना आवश्यक है। एक के बिना दूसरा अधूरा है। IP एड्रेस डेटा को सही नेटवर्क तक लाता है, और MAC एड्रेस उसे उस नेटवर्क के अंदर सही डिवाइस तक पहुँचाता है।

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